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गाजियाबाद में पुलिस ने फर्जी तरीके से सिक्योरिटी गार्ड की कंपनी चला रहे चार आरोपियों को दबोचा - FAKE SECURITY AGENCIES IN GHAZIABAD

गाजियाबाद में पुलिस द्वारा एक एक गैंग का पर्दाफाश किया गया, जो बिना रजिस्ट्रेशन के कई सिक्योरिटी गार्ड की कंपनी चला रहे थे.

गाजियाबाद फर्जी तरीके से चलाई जा रही थी सिक्योरिटी एजेंसी
गाजियाबाद फर्जी तरीके से चलाई जा रही थी सिक्योरिटी एजेंसी (ETV Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 11, 2025, 8:53 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबादः गाजियाबाद थाना मसूरी पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए एक ऐसे गैंग को पकड़ा है, जो बिना लाइसेंस और बिना दस्तावेज और नियमों का उल्लंघन कर सिक्योरिटी कंपनियां चल रहे थे. पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है. यह गिरोह भोले-भाले लोगों को सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी का झांसा देकर धोखाधड़ी कर रहे थे.

बिना रजिस्ट्रेशन के कई सिक्योरिटी कंपनियां: पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी बिना रजिस्ट्रेशन और जरूरी दस्तावेजों के बिना ही अलग-अलग राज्यों मैं सिक्योरिटी गार्ड्स की भर्ती कर रहे थे. ये गार्ड्स सस्ते दामों पर फैक्ट्रियों में तैनात किए जाते थे, जबकि कंपनियों से इसके बदले में मोटी रकम वसूली जा रही थी.

आरोपी जम्मू-कश्मीर के मूल निवासी:आरोपियों में शराफत अली, जफर इकबाल, मोहम्मद सफीर और मुमताज हुसैन खान शामिल हैं. सभी आरोपी जम्मू-कश्मीर के मूल निवासी हैं. ये पश्चिमी उत्तर प्रदेश गाजियाबाद में फर्जी सिक्योरिटी कंपनियां चला रहे थे. गाजियाबाद पुलिस ने शराफत और सफीर को डासना बस स्टैंड के पास से, जबकि जफर और मुमताज को साहिबाबाद स्थित उनके ऑफिस से गिरफ्तार किया है.

कई कंपनिया चला रहे थे: पकड़े गए आरोपियों ने कबूल किया कि वे एशिया ग्रुप सिक्योरिटी, मून साइन सेफ सिक्योरिटी सर्विसेज, अक्शा सिक्योरिटी सर्विसेज, और राजपूत प्रोटेक्शन प्रा. लि.के नाम से कंपनियां चला रहे थे. इनके पास सिक्योरिटी कंपनी संचालित करने का कोई लाइसेंस नहीं था. उन्होंने बताया कि फैक्ट्रियों में गार्ड्स की तैनाती बिना पुलिस सत्यापन, मेडिकल जांच और अन्य कानूनी नियमों को ताक पर रखकर के की जाती थी.

सस्ते वेतन पर गार्ड्स की भर्ती: मुख्य रूप से आरोपी भोले भाले लोगों को विज्ञापन और विजिटिंग कार्ड के जरिए सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी का प्रचार किया करते थे. साथ में सस्ते वेतन पर गार्ड्स की भर्ती कर उन्हें फैक्ट्रियों में लगवाया करते थे, जबकि इसी काम के लिए यह कंपनियों से मोटी रकम वसूल करते थे.पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच तेज कर दी है. गाजियाबाद में फर्जीवाड़े के खिलाफ एक बड़ी सफलता मानी जा रही है.

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