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हरियाणा में डॉक्टरों ने मेडिकल काउंसिल को जमा करवाई फर्जी एनओसी, 5 का रजिस्ट्रेशन रद्द, अब दर्ज होगी FIR

Fake NOC Of Doctors In Haryana: हरियाणा मेडिकल काउंसिल ने रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेज बनवाने वाले डॉक्टरों का पर्दाफाश किया.

Fake NOC Of Doctors In Haryana
Fake NOC Of Doctors In Haryana (Concept Image)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : 5 hours ago

पंचकूला: हरियाणा मेडिकल काउंसिल ने ऐसे 7 ऐसे डॉक्टरों का पर्दाफाश किया है, जिन्होंने रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेज (NOC) के आधार पर आवेदन किए थे. HMC ने जब गहनता से जांच की, तो इन डॉक्टरों की एनओसी फर्जी पाई गई. इसके बाद हरियाणा मेडिकल काउंसिल ने कार्रवाई करते हुए 5 डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया. जबकि अन्य 2 डॉक्टरों का पंजीकरण रद्द करने की कार्रवाई जारी है.

आरोपियों के खिलाफ होगा केस दर्ज: HMC द्वारा आरोपी डॉक्टरों का पंजीकरण रद्द करने से आगे की कार्रवाई करते हुए इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी. इस संबंध में काउंसिल ने डीजीएचएस डॉक्टर मनीष बंसल और डॉक्टर कुलदीप को भी जानकारी दी है.

केस दर्ज करने के लिए पुलिस को शिकायत: रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के लिए की गए इस दस्तावेजी फर्जीवाड़े का पर्दाफाश काउंसिल के चेयरमैन डॉक्टर आरके अनेजा की जांच से हो सका. डॉक्टर अनेजा ने मामले में केस दर्ज करने के संबंध में पुलिस को शिकायत पत्र भी लिखा है. इसके अलावा काउंसिल ऐसे ही एक अन्य मामले में कानूनी राय ले रही है, ताकि उसके आरोपी डॉक्टर पर भी केस दर्ज किया जा सके.

इन डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन रद्द: हरियाणा मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉक्टर मनदीप सचदेवा ने बताया कि फर्जी दस्तावेजों के बूते रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के लिए आवेदन करने वाले 5 डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया है. इनमें शामिल डॉक्टर प्रवेश कुमार और डॉक्टर शत्रुघ्न यादव की एनओसी का मध्य प्रदेश से सत्यापन कराने पर उनके फर्जी होने का पता लगा. इसी तरह एमएमयू मुलाना से डॉक्टर अंकित त्यागी और डॉक्टर प्रदीप कुमार जयसवाल की एनओसी को एमएमयू मुलाना ने फर्जी बताया. डॉक्टर कुनाल की एनओसी उड़ीसा से सत्यापन हुई. उसमें भी फर्जी होने का पता लगा.

दस्तावेजों का सत्यापन प्रक्रिया का हिस्सा: हरियाणा मेडिकल काउंसिल से रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए डॉक्टरों द्वारा एनओसी समेत अन्य दस्तावेज जमा कराए जाते हैं. इसके बाद काउंसिल द्वारा दस्तावेजों/एनओसी के सत्यापन की कार्रवाई की जाती है. इसी कार्रवाई के दौरान उक्त डॉक्टरों की एनओसी के फर्जी होने की सच्चाई सामने आई. इसके बाद काउंसिल द्वारा मामले को हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती राव के संज्ञान में लाया गया. इसके बाद आगामी जांच करते हुए डॉक्टरों के पंजीकरण रद्द किए गए.

फर्जीवाड़ा करने वाले गिरोह की तलाश: अधिकारियों के अनुसार जहां कहीं भी एनओसी अनिवार्य रूप से मांगी गई होती है, वहां उसे जमा कराना अति आवश्यक होता है. ऐसे ही हरियाणा मेडिकल एसोसिएशन से रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए भी इसकी आवश्यकता होती है. क्योंकि इसके बिना एनओसी के डॉक्टरी पूर्ण नहीं मानी जाती. बहरहाल काउंसिल अपने स्तर पर आगामी जांच में फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले गिरोह का सुराग तलाशने में जुटी है. जबकि शिकायत पर कार्रवाई के बाद पुलिस भी इस गिरोह की तलाश शुरू करेगी.

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