कोटा. शहर के दादाबाड़ी थाना पुलिस ने जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के अधिशासी अभियंता को जान से मारने के इरादे से किए गए एक्सीडेंट के मामले में खुलासा हुआ है. जिसमें सामने आया है कि जल जीवन मिशन के फर्जी बिलों का भुगतान नहीं करने से नाराज ठेकेदार ने हिस्ट्रीशीटर की मदद से हमला करवाया. हालांकि हिस्ट्रीशीटर और ठेकेदार अभी फरार चल रहे हैं. इस मामले में वाहन मालिक सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में अधिशासी अभियंता की बाइक और अन्य वाहन भी दुर्घटना ग्रसित हो गए थे. इसके साथ ही उसके हाथ पैर भी टूट गए थे.
दादाबाड़ी थाना अधिकारी नरेश मीणा ने बताया कि पीएचईडी के अधिशासी अभियंता बने सिंह मीणा अपने ऑफिस दादाबाड़ी से महावीर नगर विस्तार योजना स्थित घर पर जा रहे थे. उनकी गली के बाहर ही एक पिकअप ने अनियंत्रित होते हुए जानबूझकर उनकी बाइक को टक्कर मारी. जिसके बाद वह एक कार से भीड़ गए. साथ ही पिकअप ने वहां पर खड़ी हुई एक अन्य कार को भी टक्कर मार दी. इसके बाद बदमाश एक्टिवा पर सवार होकर फरार हो गए. इस घटना में बने सिंह मीणा के चोट लगी और उसके हाथ पैर फैक्चर हो गए थे.
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बने सिंह मीणा ने कहा कि वाहन चालक और उसमें बैठे हुए लोगों को पहचान लेंगे. घटना के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज देखा जिसमें चित्तौड़गढ़ में रजिस्टर्ड गाड़ी से दुर्घटना होना सामने आया. इसकी तलाश शुरू की. जिसके बाद पिकअप मालिक नरेंद्र रावल, पिकअप उपलब्ध कराने वाले मोहम्मद हुसैन और राजेश साहू को डिटेन किया गया. इसके साथ ही पिकअप चालक के साथी अशोक को बापर्दा गिरफ्तार किया गया. इस मामले में पूछताछ के बाद सामने आया कि घटना उदयपुर के सुखेर थाने के हिस्ट्रीशीटर नरेश वाल्मीकि और पीएचईडी के ठेकेदार मनोज वागड़ी ने कारित की है.