गिरिडीह: सदर अंचल के शहरी क्षेत्र में मौजा बरमसिया में अवस्थित उत्पाद विभाग की जमीन की खरीद बिक्री में खूब गड़बड़ी की गई है. इस गड़बड़ी को लेकर सदर अंचल द्वारा जिलाधिकारी को जांच रिपोर्ट भी सौंपा गया है. लगभग 10 माह पूर्व तैयार की गई रिपोर्ट की प्रति ईटीवी भारत को भी मिली है. जो जांच रिपोर्ट मिली है उससे यह साफ होता है कि रजिस्ट्री के लिए जिस भू-स्वामित्व पत्र (एलपीसी) को लगाया गया वह फर्जी था.
दूसरे के एलपीसी को विक्रेता ने दिखाया खुद का
सीओ की रिपोर्ट के मुताबिक प्लॉट संख्या 256, 257, 258 एवं 260 कुल रकवा 1.12 एकड़ के मध्ये 1.08 एकड़ भूमि कोलकाता निवासी सुजीत मुखर्जी (पिता- हरनाथ मुखर्जी), गौरव कुमार मुखर्जी (पिता- परवीर मुखर्जी) द्वारा 10 नवम्बर 2020 को मोंगिया स्टील लिमिटेड के निदेशक गुणवंत सिंह को बिक्री किया गया. विक्रेता ने अपने पूर्वज किरण चंद्र मुखर्जी (पिता- नरेन्द्रनाथ मुखर्जी) के नाम से पूर्व में निर्गत एलपीसी क्रमांक 321/2018 दिखाया था. इस एलपीसी का मिलान कार्यालय में संघारित एलपीसी पंजी से किया गया तो यहां क्रमांक संख्या 321/2018 विक्रेता के पूर्वज के नाम से निर्गत नहीं मिला जबकि इस संख्या का एलपीसी अपराजिता बनर्जी (पिता/पति- निर्मल कुमार बनर्जी) के नाम से दर्ज है जो स्वीकृत कॉलम में स्वीकृति दर्ज नहीं है.
अंचल कार्यालय की जांच रिपोर्ट में उस वक्त के सीओ ने कहा है कि जिस किरण चंद्र मुखर्जी के नाम से एलपीसी निर्गत बताया गया है उस पर सम्बन्धित राजस्व उप निरीक्षक एवं अंचल निरीक्षक तथा अंचलाधिकारी का हस्ताक्षर भी सही नहीं है. जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि इस हल्का के प्रभार में रहे तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक तथा तत्कालीन प्रभारी अंचल निरीक्षक गोपीनाथ से भी इस विषय पर पूछताछ की गई तथा जांच पड़ताल की गई जिसमें इनलोगों द्वारा लिखित बताया गया कि एलपीसी में उनलोगों का हस्ताक्षर नहीं है.
1957 से भूमि पर अवस्थित है उत्पाद विभाग का भवन
जांच रिपोर्ट में उस वक्त के अंचलाधिकारी ने कहा है कि वे स्थल निरीक्षण भी किए जिसमें यह पाया गया कि भूमि रैयती है जिसपर 1957-58 से उत्पाद विभाग का भवन, मद्य भंडार एवं परिसर अवस्थित है जो काफी जर्जर अवस्था में है तथा चाहरदिवारी टूटा हुआ है.
बीससूत्री में उठ चुका है मामला