सोनीपत :हरियाणा में बीजेपी ने जैसे ही पहली लिस्ट के उम्मीदवारों की घोषणा की, वैसे ही बीजेपी में बगावती सुर बुलंद हो गए हैं. सोनीपत से टिकट कटने के बाद बीजेपी की पूर्व मंत्री कविता जैन और उनके पति राजीव जैन के समर्थक बगावत पर उतारू हो गए हैं. कविता जैन ने सुबह समर्थकों के साथ मीटिंग की. इस दौरान उनकी आंखों से आंसुओं का सैलाब निकल पड़ा जिसे वे रुमाल से पोंछती हुई नज़र आई.
रो पड़ी कविता जैन :हरियाणा में बीजेपी ने पहली लिस्ट के उम्मीदवारों का ऐलान किया, जिसमें सोनीपत में निखिल मदान को पार्टी ने उम्मीदवार के तौर पर उतारा है. इसकी घोषणा होते ही बीजेपी में बगावत देखने को मिली. पूर्व कैबिनेट मंत्री कविता जैन और उनके पति राजीव जैन के बगावती तेवर देखने को मिले. बगावत को देखते हुए राजीव जैन को बीजेपी आलाकमान ने दिल्ली बुला लिया, वहीं कविता जैन ने अपने समर्थकों के साथ बैठक की और इस दौरान बीजेपी उम्मीदवार निखिल मदान के खिलाफ नारेबाज़ी भी की. वहीं इस दौरान पार्टी के कई नेताओं ने अपने पदों से इस्तीफा दे डाला. राजीव जैन ने दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यकर्ताओं को संबोधित किया.
बीजेपी को दिया अल्टीमेटम :कविता जैन आंसुओं के सैलाब को रोकने के लिए रुमाल का इस्तेमाल करते हुए नज़र आई. उन्होंने इस दौरान मंच से भावुक संदेश देते हुए कहा कि जिस उम्मीदवार को पार्टी ने टिकट दिया है, उसका हक इस टिकट पर नहीं है. उन्होंने कहा कि राजीव जैन और मैंने पार्टी का हर काम अच्छे से किया है लेकिन इसके बावजूद हमें टिकट नहीं दिया गया. उन्होंने पार्टी को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि हम पार्टी से टिकट बदलने की मांग करते हैं और इसे लेकर हमने 8 सितंबर को फिर से एक बैठक बुलाई है जिसमें बड़ा फैसला लिया जाएगा. कविता जैन ने साफ शब्दों में कहा कि आगे क्या करना है, इसका फैसला कार्यकर्ता करेंगे. कविता जैन ने कहा कि ये विचारधारा की लड़ाई है.
क्या बोले निखिल मदान ?:वहीं इस बीच निखिल मदान को टिकट मिलने से उनके समर्थकों में उत्सव का माहौल देखने को मिला. निखिल के समर्थकों ने जमकर जश्न मनाया. वहीं निखिल मदान के समर्थकों ने टिकट मिलने पर बीजेपी के शीर्ष नेताओं का आभार जताया और कहा कि हरियाणा में बीजेपी तीसरी बार सरकार बनाने जा रही है और मुझे विश्वास है कि सोनीपत की जनता मुझे अपना आशीर्वाद देकर विधानसभा में जरूर भेजेगी. वहीं कविता जैन की नाराज़गी पर उन्होंने कहा कि वे उनकी आदरणीय हैं और वे जल्द ही उनका आशीर्वाद लेने के लिए जाएंगे. साथ ही सभी वरिष्ठ नेताओं और समर्थकों का आशीर्वाद लेते हुए चुनाव लड़ेंगे.