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सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी हर मनोकामना होगी पूरी, मासिक शिवरात्रि में कर लें ये काम - Sarvarth Siddhi Yoga 2024 - SARVARTH SIDDHI YOGA 2024

Sarvarth Siddhi Yoga 2024 सर्वार्थ सिद्धि योग के दौरान पूजा पाठ का अपना अलग फल मिलता है.इस योग में यदि कोई खास पूजन किया जाए तो फल दोगुना मिलता है.Mashik Shivratri 2024

Sarvarth Siddhi Yoga 2024
सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी हर मनोकामना होगी पूरी (ETV Bharat Chhattisgarh)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 1, 2024, 4:48 AM IST

रायपुर : 500 साल बाद मासिक शिवरात्रि और वट सावित्री व्रत तीनों एक ही दिन मनाए जाएंगे. ऐसा संयोग बहुत ही दुर्लभ होता है. आगामी 4 जून मंगलवार भरणी नक्षत्र, शोभन अतिगंड योग, ववकरण मेष और वृषभ राशि के सुंदर प्रभाव में मासिक शिवरात्रि का व्रत मनाया जाएगा. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है. यह मुहूर्त अत्यंत शुभ और कल्याणकारी माना गया है. मासिक शिवरात्रि व्रत शिव भक्तों के लिए एक वृहद त्योहार हैं. इस दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर ध्यान योग से निवृत होकर इस पर्व को मनाने का दिवस है.

सर्वार्थ सिद्धि योग में होगी हर मनोकामना होगी पूरी (ETV Bharat Chhattisgarh)

कैसे करें पूजा ?:पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि इस दिन शिवालय में जाकर भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, नीलकमल, आंक के फूल, दूब, पंचामृत, सूखे मेवे और यज्ञोपवीत भेंट किया जाता है. कुमकुम, चंदन, अष्ट चंदन, अबीर, परिमल, गुलाल प्रमुख पदार्थ से श्रद्धामय होकर भगवान शिव की पूजा की जाती है. इसके साथ ही पंचाक्षरी मंत्र ओम नमः शिवाय और महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करते हुए इस त्यौहार को मनाना चाहिए. साथ ही रुद्राभिषेक, दुग्धाभिषेक और गन्ने के रस से भी भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है.

''कुंवारी कन्याएं अच्छे पति की प्राप्ति के लिए इस व्रत को करती हैं.इससे उनकी मनोकामनाएं पूरी होती है. ऐसे दंपति जिनके यहां संतान प्राप्ति नहीं हो रही हो उन्हें भी इस व्रत का पालन पारायण श्रद्धा भाव से करना चाहिए. प्रदोष काल में शिवजी की पूजा करने का विशेष विधान माना गया है. प्रदोष काल की बेला में प्राणायाम योग, ध्यान, उपासना, साधना और शिव जी के मंत्रों का जाप करने पर समस्त कामनाएं पूर्ण होती है."- पंडित विनीत शर्मा,ज्योतिषाचार्य

शिव करेंगे हर मनोकामना पूर्ण :मासिक शिवरात्रि के दिन शिवजी के संकल्प मंत्र जो यजुर्वेद में है उनका पाठ करना चाहिए. साथ ही प्रदोष काल के समय आध्यात्मिक योग ध्यान करने से समस्त कामनाएं पूर्ण होती है. ऐसी मान्यता है कि संगीत एवं योग के गुरु भगवान शंकर माने जाते हैं. शुभ प्रदोष काल में संगीत का गायन संगीत का वादन जैसे कार्य करने पर समस्त कामनाएं पूर्ण होती है.जिससे भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं. 4 जून मंगलवार 2024 भौम प्रदोष व्रत का प्रदोष काल शाम 5 बजकर 26 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 50 तक प्रदोष काल माना गया है. इस संधि बेला में मंत्र पढ़ना, त्रिकाल संध्या करना एवं शिवजी की स्तुति करना शुभ माना गया है. पंचाक्षरी मंत्र महामृत्युंजय मंत्र एवं शिव नमस्कार मंत्र का पाठ करना अत्यंत कल्याणकारी माना गया है.

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नोट: यहां प्रस्तुत सारे विचार ज्योतिषाचार्यों, वेदों और धार्मिक ग्रंथों से लिए गए हैं.ईटीवी भारत किसी भी वाक्य और तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.

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