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देखें यूपी में बीजेपी के सहयोग से पनप रहे परिवारवादी दलों पर क्या बोले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य - Interview Keshav Prasad Maurya

उत्तर प्रदेश के कई राजनीतिक दलों पर परिवारवादी पार्टी होने का ठप्पा लगाने वाली भाजपा पर भी परिवारवादी दलों को बढ़ावा देने के आरोप लगने लगे हैं. ऐसे में भाजपा अपने अंदाज में जवाब दे रही है. जानें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Interview Keshav Prasad Maurya) ने ईटीवी भारत से बातचीत में क्या कहा.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 24, 2024, 5:13 PM IST

Updated : Apr 24, 2024, 5:19 PM IST

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से खास बातचीत

लखनऊ :उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनावों का पहला चरण संपन्न हो चुका है. दूसरे चरण के लिए शुक्रवार को मतदान होना है. इस चुनाव में केंद्रीय नेताओं के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के जो नेता स्टार प्रचारकों में शामिल हैं और एक दिन में कई-कई सभाओं को संबोधित करते हैं, उनमें से एक हैं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य.

भाजपा इस चुनाव में प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटें जीतने का दावा कर रही है और सिर्फ पांच सीटों पर विपक्ष दलों से लड़ाई मान रही है. इन दावों की हकीकत तो चुनाव के बाद ही पता चलेगी, लेकिन चुनाव में कई ऐसे मुद्दे हैं, जिनका जवाब भाजपा नेताओं को देना होगा. इन्हीं मुद्दों को लेकर हमने बात की उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से-

प्रश्न : लोकसभा चुनाव चरम पर है, आपको चुनाव का माहौल कैसा दिखाई देता है?
उत्तर :चुनावी माहौल मोदी मय है, भाजपा मय है और कमल का फूल मय है. हमारी पार्टी ने सभी 80 सीटें जीतने के लिए बूथ स्तर का मजबूत मैनेजमेंट किया है. विपक्ष भी मान रहा है कि 75 सीटें तो वह हारे ही हैं, सिर्फ पांच अखिलेश यादव के परिवार वाली सीटों पर वह चुनाव लड़ रहे हैं.

प्रश्न : ...लेकिन कांग्रेस के परिवार वाली सीटें अभी घोषित नहीं हो पाई हैं.
उत्तर : कांग्रेस मुक्त भारत हो रहा है. उत्तर प्रदेश तो पहले ही कांग्रेस मुक्त हो चुका है. सपा, बसपा कांग्रेस तीनों दल प्रदेश में आईसीयू में पड़े हुए हैं और जनता इन्हें ऑक्सीजन देने के लिए तैयार नहीं है.

प्रश्न : पहले चरण में पिछले चुनाव की अपेक्षा कम मतदान हुआ है. क्या इससे भाजपा को नुकसान हो सकता है?
उत्तर : हमारी जीत को लेकर कोई संशय नहीं है. भले ही जीत का अंतर घटे. हम आठ में से एक भी सीट हम लोग हार नहीं रहे हैं. यह मैं भी जानता हूं और विपक्षी भी. मेरे हिसाब से सपा परिवार की सीटें भी नहीं बचनी हैं.

प्रश्न : भाजपा हमेशा राष्ट्रवाद की बात करती है. प्रधानमंत्री भी अक्सर अपनी सभाओं में इसका जिक्र करते हैं. हालांकि विपक्ष इसकी आलोचना करता है कि वोटों के ध्रुवीकरण के लिए यह सब करती है आपकी पार्टी.
उत्तर : वह तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं. भाजपा भारत माता की सुरक्षा और देशभक्ति की बात करती है. भारतवासियों की सुरक्षा की बात करती है. यह वोटों का ध्रुवीकरण कहां से हो गया. पाकिस्तान में आतंकियों को प्रशिक्षित करने की फैक्ट्री चल रही थी. हमने सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करके इसे मिटाने का काम किया. यह आज बदला हुआ भारत है.

प्रश्न : किसानों के विषय में आपकी सरकार तमाम काम करने के दावे करती है, लेकिन छुट्टा पशुओं से निजात दिलाने का वादा अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. आप क्या सोचते हैं इस पर?
उत्तर : इस दिशा में बहुत काम हुआ है और काम बाकी भी है. भाजपा इस समस्या का समाधान भी करेगी. मशीनीकरण के कारण जिस गोवंश का उपयोग खेती में होता था, आज वह जगह आधुनिक कृषि यंत्रों ने ले ली है. वहीं दूध सबको चाहिए पीने के लिए. पशुपालन को लेकर जो भाव अभी खत्म हो रहा है, हम उसे वापस लाएंगे.

प्रश्न : नारी सशक्तिकरण भाजपा के एजेंडे में है. तमाम बातें होती हैं इस पर, लेकिन इस चुनाव में महिलाओं को इस अनुपात में टिकट नहीं दिए गए.क्यों?
उत्तर : जब नया संसद भवन बना तो प्रधानमंत्री ने सबसे पहले नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023 लाने का काम किया. इसके तहत महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की बात कही गई है. अब जब यह व्यवस्था लागू हो जाएगी तो वहां कोई पुरुष जा ही नहीं सकेगा. महिलाओं की हिस्सेदारी के लिए कानून जरूरी था. इसके अलावा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के तहत आज हमारी बेटियां हर क्षेत्र में आगे जा रही हैं.

प्रश्न : युवा और रोजगार हर चुनाव में मुद्दा बनते हैं. कहा जा रहा है कि युवाओं को रोजगार के उतने अवसर अभी नहीं मिले हैं, जितने मिलने चाहिए. इस पर आप क्या कहेंगे?
उत्तर : रोजगार के अवसर जितना हमारी डबल इंजन की सरकार में मिले हैं, पिछली सरकारों में नहीं मिले. यदि प्रदेश में 40 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए हैं तो क्या उससे रोजगार नहीं मिलेंगे? रोजगार के व्यापक अवसर आने वाले हैं. यदि हमारी अर्थव्यवस्था 11वें से 5वें स्थान पर आई है और तीसरे स्थान पर आने वाली है. यदि 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकल गए हैं और तीन करोड़ लखपती दीदियां बन रही हैं तो क्या यह रोजगार के अवसर नहीं हैं.

प्रश्न : पसमांदा मुसलमानों की बात प्रधानमंत्री करते हैं. पार्टी ने तीन तलाक आदि पर कानून बनाने का काम भी किया है. क्या आपको लगता है कि यह वर्ग भाजपा को वोट देगा?

उत्तर : आज नहीं तो कल, कल नहीं तो परसों, उन्हें जब समझ में आएगा, कमल का बटन जरूर दबाएंगे. हमारी सरकार की उपलब्धियां इतनी हैं कि आज मैं कह रहा हूं कि सौ में से 80 प्रतिशत हमारा है, 20 प्रतिशत में बंटवारा है. अब लड़ाई तो 80 और 20 पर आकर टिक गई है.

प्रश्न : आपकी ऐसी कौन सी योजनाएं हैं, जिनके बल पर आपको लगता है कि मतदाता भाजपा को वोट देंगे?
उत्तर :प्रधानमंत्री अन्न योजना का राशन 80 करोड़ लोगों को मिल रहा है. यह साधारण बात नहीं है. हमारी सरकार ने अगले पांच साल तक यह राशन आगे भी देते रहने का वादा किया है. प्रधानमंत्री सम्मान निधि 10 करोड़ से अधिक किसानों को मिल रही है. हमने वादा किया है कि यह आगे भी जारी रहेगी.

देश में 52 करोड़ जनधन के खाते खोले गए, जिनके माध्यम से योजनाओं का 34 लाख करोड़ विभिन्न योजनाओं के सीधे लोगों के खाते में भेजने का काम किया गया. आयुष्मान भारत योजना के माध्यम से पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त है. 10 करोड़ महिलाओं को मुफ्त रसोई गैस कनेक्शन दिया जा चुका है. हमारी सरकार ने चार करोड़ लोगों को आवास भी दिए हैं.

प्रश्न : कैसरगंज सीट से भाजपा अभी तक टिकट नहीं घोषित कर पाई है. कहा जा रहा है कि भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश का चुनाव खत्म होने का इंतजार कर रही है, क्योंकि उस क्षेत्र से खिलाड़ी ज्यादा आते हैं?
उत्तर :यह कोई मुद्दा नहीं है. कैसरगंज हो या रायबरेली. अब हमारी दो सीटें बची हैं. कोई ऐसा नहीं है कि चुनाव की तिथि आकर चली गई हो. पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति उचित समय पर सही फैसला करेगी. वैसे हर सीट पर हमारे प्रत्याशी नरेंद्र मोदी जी हैं और निशान कमल का फूल है.

प्रश्न : परिवारवाद को लेकर भाजपा बहुत मुखर रही है हमेशा, लेकिन उत्तर प्रदेश में भाजपा के सहयोगी परिवारवाद को खूब बढ़ावा दे रहे हैं. भाजपा को यह क्यों नहीं दिखता?

उत्तर : देखिए प्रधानमंत्री जब कोई भी बात कहते हैं तो राष्ट्रीय दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर कहते हैं. यदि प्रधानमंत्री कोई बात कह रहे हैं, तो वह हमारे सहयोगियों के लिए भी है. जो भी स्थिति परिस्थिति परिवारवाद की है, उसे ध्यान में रखकर उनको भी यह संदेश है कि आने वाले समय में परिवारवाद की जगह सबका साथ- सबका विकास का रास्ता अपनाना पड़ेगा. यदि देश और प्रदेश को आगे बढ़ाना है तो हमें सबको हिस्सेदारी भी देनी होगी. हमारे सहयोगी दलों में भी ऐसे विचार तथा संस्कार जरूर आएंगे और वह अपने अंदर सुधार जरूर करेंगे.


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Last Updated : Apr 24, 2024, 5:19 PM IST

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