रांचीः झारखंड आरजेडी प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह यादव के साथ ईटीवी भारत की खास बातचीत में उन्होंने कई मुद्दों पर रोशनी डाली. इस क्रम में उन्होंने एक बड़ी बात कही है कि हम नहीं चाहते कि राज्य में इंडिया ब्लॉक में बिखराव हो लेकिन झामुमो को भी रखना होगा इस बात का ख्याल कि आगे भी मुख्यमंत्री उन्हीं की पार्टी का बनना है. इसलिए इस चुनाव में झामुमो और कांग्रेस को बड़ा दिल दिखाकर त्याग करने के लिए तैयार रहना होगा.
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर प्रायः सभी राजनीतिक पार्टियां तैयारियों में जुटी है. इस बीच राज्य में इंडिया ब्लॉक का कुनबा विधानसभा चुनाव को लेकर भी बढ़ा है. सीपीआई माले और मासस के एकीकरण के बाद इंडिया ब्लॉक 2019 के महागठबंधन की अपेक्षा निश्चित रूप से मजबूत हुई है. इन सबके बीच लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं के मन में क्या कुछ चल रहा है यह अभी भी साफ नहीं है.
राजद के प्रदेश नेतृत्व 22 विधानसभा सीट और उसके संभावित उम्मीदवारों की सूची लालू प्रसाद यादव के पास बंद लिफाफे में भेज देने की बात कहते हैं. वहीं राष्ट्रीय नेतृत्व ने पूरे मामले पर रहस्मयी चुप्पी साध रखी है. ऐसे में हेमंत सोरेन सरकार में शामिल राष्ट्रीय जनता दल के नेताओं के दिल में क्या है. यह जानने समझने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने झारखंड राजद के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह यादव से लंबी बात की.
इस बातचीत के दौरान संजय सिंह यादव ने जो खास बात कही वह यह रही कि 2024 के विधानसभा चुनाव के बाद भी मुख्यमंत्री झारखंड मुक्ति मोर्चा से ही बनेगा. राजद के किसी नेता को तो मुख्यमंत्री बनना नहीं है. इसलिए इस बार त्याग के लिए महागठबंधन के बड़े दल झामुमो और कांग्रेस को तैयार रहना होगा. संजय सिंह यादव ने कहा कि 2019 में भाजपा को राज्य की सत्ता से बेदखल करने के लिए हमारे नेता ने अपनी परंपरागत गढ़वा, भवनाथपुर, मनिका, जमुआ, जरमुंडी जैसी सीटें भी सहयोगी दलों को देकर त्याग किया लेकिन बार बार राजद ही त्याग क्यों करे.
राजद के जनाधार के बिना "उनको" कुछ मिलने वाला नहीं