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पूर्णिया के कई गांव में नदियों का कटाव जारी, आशियाना छोड़ सड़क और पुल का शरण ले रहे पीड़ित - Bihar Flood

Flood In Purnea: बिहार के अधिकतर जिलों में बारिश ने नदियों का जलस्तर बढ़ा दिया है. पूर्णिया के सीमांचल में गांव के गांव जलमग्न हो चुके हैं. कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. कई जगह लोगों का घर और पूरी सड़क गायब हो चुकी है. पढ़ें पूरी खबर

Flood In Purnea
पूर्णिया में नदियों के कटाव से कहर (ETV Bharat)

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 18, 2024, 4:06 PM IST

पूर्णिया में नदियों के कटाव से कहर (ETV Bharat)

पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया के सीमांचल इलाकों में नदियों का कहर जारी है. बायसी और अमौर जैसे कई इलाके में कटाव देखने को मिल रहा है. पांच नदियों से घिरे पूर्णिया के बायसी अनुमंडल में लाखों लोग हर साल बाढ़ और कटाव की पीड़ा झेलते हैं. यहां छोटे-छोटे बच्चे, बुजुर्ग, महिलाएं और मवेशी से लेकर आम जनजीवन सभी परेशान है. नदियों के भीषण कटाव के चलते अपना आशियाना गवा चुके लोग पुल और ऊंचे स्थलों पर शरण ले रहे हैं.

सीमांचल के कई गांव जलमग्न (ETV Bharat)

जारी है इन दो नदियों का कहर: पूर्णिया के अमौर प्रखंड के ज्ञानडोब पंचायत में दास नदी पर पठान टोली पुल बना है. एक तरफ जहां पूरे बिहार में दर्जनों पुल ध्वस्त हो रहे हैं, वहीं पठान टोली का यह पुल इस इलाके के सैकड़ो लोगों के लिए शरण स्थली बना हुआ है. ज्ञानडोब पंचायत के नगरा टोला निवासियों का कहना है कि पास में कनकई नदी और दास नदी पिछले कई सालों से लगातार कहर बरपा रही है.

"पांच नदियों के कारण यहां हर साल बाढ़ और कटाव भीषण तबाही मचाती है. हर साल यहां सड़के और लोगों के घर कटकर नदी में समा जाते हैं. ऐसे में प्रशासन लगातार कटाव निरोधक काम कर रहा है."-कुमारी तौसी, एसडीएम, बायसी

पूर्णिया के सीमांचल में कटाव (ETV Bharat)

ना खाने की व्यवस्था है, ना ही मवेशी का निवाला: पीड़ितों का कहना है कि 10 सालों में तीन बार उनका घर कटाव की भेंट चढ़ गया. यहां स्कूल मदरसा आंगनबाड़ी केंद्र सभी कटकर नदी में समा गए. जिसके बाद यहां के लोगों ने पठान टोली पुल पर अपने मवेशी और परिवार के साथ शरण लिया हुआ है. धूप और बारिश में किसी तरह जीवन बिता रहे हैं, ना खाने की व्यवस्था है ना मवेशी के निवाला का कोई सहारा बचा है. बायसी की एसडीएम कुमारी तौसी ने कहा कि पूरा बायसी अनुमंडल पांच नदियों से घिरा है, जिसकी वजह से कटाव जारी है.

लोगों ने सड़क और पुल पर लिया शरण (ETV Bharat)

"बच्चे भूख से चिल्लाते रहते हैं, किसी तरह रुखा-सुखा भोजन बच्चों को देकर भूख मिटा रहे हैं. वही स्कूल और मदरसा कट जाने के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित है. सरकार के तरफ से भी कोई खास मदद नहीं मिलता है. लोगों का कहना है कि कनकई नदी हर साल भीषण कटाव करती है, इसको रोकने के लिए सरकार कोई मास्टर प्लान बनाएं."-अंजुला, कटाव पीड़ित

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