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गर्मियों के छुट्टियों के बाद आज से खुले स्कूल, प्रवेशोत्सव में नए छात्रों का किया गया स्वागत, सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने पर फोकस - Entrance festival in Jaipur

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 1, 2024, 4:05 PM IST

सोमवार को नए सत्र के पहले दिन जयपुर की स्कूलों में छात्रों का तिलक लगाकर और पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया. अब नामांकन बढ़ाने के उद्देश्य से जुलाई में एक पखवाड़े तक अभियान चलाकर प्रवेश उत्सव मनाया जाएगा.

ENTRANCE FESTIVAL IN JAIPUR
स्कूलों में मनाया गया प्रवेशोत्सव (स्कूलों में मनाया गया प्रवेशोत्सव)

सरकारी स्कूल का प्रवेशोत्सव (Etv Bharat Jaipur)

जयपुर. प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बीते 2 शैक्षणिक सत्रों में छात्रों के नामांकन में करीब 9 फीसदी की गिरावट आई है. इसी को ध्यान में रखते हुए इस सत्र में छात्रों के प्रवेश को प्रवेश उत्सव की तरह मनाया जा रहा है. जिसके तहत सोमवार को नए सत्र के पहले दिन छात्रों का तिलक लगाकर और पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया. साथ ही स्कूल परिसर में साज-सज्जा भी की गई और मुख्य द्वार पर ही स्कूल के टॉपर्स की तस्वीरों को लगाया गया, ताकि छात्र स्कूल में नियमित अध्ययनरत रहने के लिए प्रेरित हो.

ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद सोमवार को प्रदेश के स्कूलों में फिर रौनक लौटी. हालांकि, छात्रों का रिजल्ट आने के बाद अप्रैल-मई के महीने में भी कुछ दिन स्कूल संचालित किया गया था. वहीं, अब नामांकन बढ़ाने के उद्देश्य से जुलाई में एक पखवाड़े तक अभियान चलाकर प्रवेश उत्सव मनाया जाएगा, ताकि स्कूलों में नामांकन बढ़े और कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे. इसे लेकर शिक्षा विभाग ने हाउस होल्ड सर्वे कराकर घर-घर जाकर विद्यालय में प्रवेश योग्य बच्चों को चिह्नित भी किया और अब उन बच्चों तक पहुंच बनाते हुए, उन्हें स्कूल तक लाने का प्रयास किया जा रहा है.

शिक्षा मंत्री ने बताया कि बच्चों को ढूंढ-ढूंढ कर स्कूल लाया जा रहा है, ताकि कोई शिक्षा से वंचित न रहे. विभाग के कर्मचारी, शिक्षक, प्रधानाध्यापक सभी इस काम में जुट गए हैं. उन्होंने एक संकल्प लिया है कि किसी भी कीमत पर किसी भी बच्चे को स्कूल आने से वंचित नहीं रखेंगे. इसके लिए अभिभावकों और बच्चों से समझाइश भी की गई है.

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वहीं, जयपुर के गांधी सर्किल स्थित महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल की प्राचार्य ने बताया कि सभी क्लासेस में न्यू एडमिशन वाले बच्चों का वेलकम किया गया है. छात्रों को तिलक लगाकर पुष्प गुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया गया है. मुख्य द्वार पर रंगोली बनाई गई है और स्कूल में पढ़ाई का वातावरण रहे. इसके मद्देनजर टॉपर्स छात्रों की तस्वीरों को भी लगाया किया गया है.

प्रयास यही रहेगा कि पिछले सत्र में जो रिजल्ट 92 प्रतिशत रहा वो इस बार 100 प्रतिशत रहे. इसके साथ ही अन्य सह शैक्षणिक गतिविधियों और स्पोर्ट्स एक्टिविटीज पर भी फोकस रहेगा, ताकि छात्र का सर्वांगीण विकास हो सके. इसके अलावा राज्य सरकार की ओर से छात्रों के लिए लाई गई लाभकारी योजनाओं को भी डिस्प्ले किया गया है. वहीं, स्कूल में आने वाले अभिभावकों से इंटरेक्शन के दौरान भी उन्हें योजनाओं के बारे में बताया जाता है.

वाहन और एसी उपकरणों का इस्तेमाल करने वाले लगाएं ज्यादा से ज्यादा पौधे : वाहन और एसी उपकरणों का उपयोग करने वालों के लिए पौधारोपण की जिम्मेदारी ज्यादा बनती है. ये कहना है प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का. सोमवार को जयपुर के एक सरकारी कॉलेज में मियावाकी पद्धति से पौधारोपण करते हुए उन्होंने पौधारोपण को जन आंदोलन बनाने के लिए समाज के सभी वर्गों को उनके द्वारा इस्तेमाल हो रहे उपकरणों के आधार पर पौधारोपण करने का आह्वान किया. वहीं, अधिकारियों के साथ 8 अगस्त को अमृत पर्यावरण महोत्सव पर चर्चा करते हुए विद्यार्थियों को भी अपने परिवार के सदस्यों की संख्या के बराबर पौधे लगाने के निर्देश दिए. साथ ही कहा कि 200 से ज्यादा पौधों की देख-रेख के लिए एक नरेगाकर्मी भी रख सकेंगे.

बढ़ते हुए तापमान को रोकने के लिए 8 अगस्त को प्रदेश में अमृत पर्यावरण महोत्सव मनाया जाएगा, जिसके तहत ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करने का लक्ष्य देते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि पौधारोपण को जन आंदोलन बनाने के लिए वृक्षों का महत्व समझाकर समाज के सभी वर्गों को जागरूक करें. वाहन और एसी उपकरणों का उपयोग करने वालों के लिए पौधारोपण की जिम्मेदारी ज्यादा बनती है.

उन्होंने पौधारोपण का लक्ष्य देते हुए बताया कि दोपहिया वाहन चालकों को 5, कार चालकों को 10, ट्रैक्टर चालकों को 15, ट्रक चालकों को 20, एसी धारकों को 50 और किसानों को प्रति एक बीघा पर एक पौधा लगाना चाहिए. इसी तरह विद्यार्थियों को भी अपने परिवार के कुल सदस्यों की संख्या के बराबर पौधे लगाने चाहिए. वहीं, 200 से ज्यादा पौधों की देख-रेख के लिए एक नरेगाकर्मी भी रख सकेंगे.

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