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झामुमो का स्थापना दिवस कार्यक्रम, जामताड़ा में झामुमो कार्यकर्ताओं में उत्साह, सैकड़ों कार्यकर्ता दुमका रवाना - झामुमो का स्थापना दिवस

Enthusiasm among JMM workers in Jamtara. झामुमो के स्थापना दिवस कार्यक्रम को लेकर जामताड़ा में झामुमो कार्यकर्ताओं में उत्साह दिखा. कई झामुमो कार्यकर्ता पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दुमका पहुंच गए हैं.

Foundation Day Program Of JMM
Enthusiasm Among JMM Workers In Jamtara

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 2, 2024, 7:41 PM IST

जामताड़ा: जमीन घोटाला मामले में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के जेल जाने के बावजूद दो फरवरी को झाममो स्थापना दिवस को लेकर जामताड़ा में पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों में काफी उत्साह नजर आया. काफी संख्या में झामुमो के कार्यकर्ता और समर्थक दुमका में होने वाले पार्टी की 45वें स्थापना दिवस में भाग लेने के लिए पहुंचे गए हैं. हालांकि अपनी पार्टी के 45वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में हेमंत सोरेन शामिल नहीं हो सके.

दुमका रवाना होने से पूर्व झामुमो कार्यकर्ताओं ने जताई खुशीःजामताड़ा से दुमका रवाना होने से पूर्व झामुमो कार्यकर्ताओं और समर्थकों खुशी जताई और झारखंड के नए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को बधाई दी. पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने कहा कि हेमंत सोरेन जल्द ही जेल से बाहर आएंगे. इस दौरान झामुमो कार्यकर्ताओं ने कहा कि उनके नेता हेमंत सोरेन को फंसाया गया है. लेकिन जल्द ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.

नए सीएम चंपई सोरेन से मिलने को लेकर उत्साहित दिखे झामुमो कार्यकर्ताः झामुमो कार्यकर्ताओं ने खुशी जताते हुए कहा कि 2 फरवरी को पार्टी स्थापना दिवस मना रही है. हमारी खुशी दोगुनी हो गई है कि पार्टी स्थापना दिवस के मौके पर ही नए मुख्यमंत्री चंपई सोरेन कार्यक्रम में शामिल होने आ रहे हैं. इस अवसर पर नए सीएम से मिलने का भी मौका मिलेगा. कार्यकर्ताओं ने अपने नए मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए कहा कि झारखंड में झारखंडी ही राज करेगा.

बताते चलें कि प्रत्येक साल 2 फरवरी को झामुमो पार्टी का स्थापना दिवस दुमका में धूमधाम से मनाया जाता है. जिसमें जामताड़ा से काफी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता, नेता और समर्थक भाग लेते हैं. संथाल परगना झामुमो का गढ़ माना जाता है. संथाल परगना के जामताड़ा से पार्टी के सुप्रीमो शिबू सोरेन ने अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था. महाजनी प्रथा के खिलाफ उन्होंने आंदोलन चलाया था और चिरुडीह कांड में जामताड़ा में उन्हें कैंप जेल में रहना पड़ा था.

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