गढ़वाः भारत में वक्फ बोर्ड को लेकर राजनीति चरम पर चल रही है, कोई इसे सरकार द्वारा लाई जा रही कानून को खतरनाक बता रहा है तो सत्ता पक्ष इसे राजनीतिक मुद्दा बता रही है. ऐसे में गढ़वा जिला मे दो आला नेताओं ने ने वक्फ बोर्ड को लेकर अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं
वक्फ बोर्ड कानून लाना बहुत ही खतरनाक
गढ़वा पहुंचे भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि वक्फ बोर्ड की जमीन सामुदायिक इस्तेमाल के लिए जमीन है, वह कोई निजी जमीन नहीं है. केंद्र सरकार इस पर कानून ला रही है वह बहुत ही खतरनाक है. कानून आने के बाद इसपर प्रशासनिक अधिकार हो जाएगा. जिससे इसकी स्वायतता छीन जाएगी कोई भी संस्था हो उसे यथावत रहने देनी चाहिए.
माफियाओं के इशारे पर कानून ला रही केंद्र सरकार
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि आमदनी को लेकर सच्चर कमेटी की रिपोर्ट आई थी और देखा जाय तो वक्फ बोर्ड की जमीन पूरे देश में है. कुछ अति पिछड़े क्षेत्र में है तो कुछ पर कब्रिस्तान है तो वहां से किसी तरह की आमदनी नहीं आती है. हां कुछ जमीन शहरी क्षेत्रों में है जिससे कुछ आमदनी आती है और बोर्ड अपने हिसाब से सामाजिक हित में काम करते रहता है. केंद्र को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आदिवासियों और किसानों की जमीन छीनने के लिए कृषि बिल जैसा कानून ला रही थी, अब सरकार की वैसे हर जमीन पर माफियाओं की नजर है.
कानून बनने दीजिए दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा
इस मामले पर गढ़वा पहुंचे केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. पत्रकारों द्वारा सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि कौन क्या कह रहा है उससे कोई खास अंतर नहीं पड़ता है. एक बार कानून बन जाने दीजिए, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
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