जयपुर.पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय खोले गए महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल को लेकर सियासी बयानबाजी जारी है. भजनलाल सरकार ने इन स्कूलों की समीक्षा के लिए उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में कमेटी बनाई है. इसके बाद कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भाजपा नेता भी कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार कर रहे हैं. अब संसदीय कार्य एवं कानून मंत्री जोगाराम पटेल का कहना है कि हमारे पास कई शिकायतें आई हैं. जिनमें कहा गया है कि कई हिंदी स्कूलों का केवल बोर्ड बदला गया है. अंग्रेजी जानने वाले शिक्षक नहीं लगाए गए और न ही कोई दूसरे संसाधन मुहैया करवाए गए. ऐसे में जो अंग्रेजी स्कूल जरूरी हैं. उन्हें यथावत रखा जाएगा. जो स्कूल विद्यार्थियों के हित में नहीं हैं. उन पर न्यायोचित फैसला लिया जाएगा.
छींटाकशी करने से बाज आए कांग्रेस नेता :उन्होंने कहा, कांग्रेस नेताओं को छींटाकशी नहीं करनी चाहिए. आमजन का यह मानना है कि अंग्रेजी माध्यम का स्कूल वाकई में अंग्रेजी माध्यम का ही हो. जिसमें शुरू से बच्चों को अंग्रेजी में पढ़ाई करवाई जाए. शिक्षक और वातावरण भी अंग्रेजी माध्यम का ही मिले. हमारे पास शिकायतें आई कि हिंदी माध्यम के स्कूल का केवल बोर्ड बदल दिया गया. अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की गई. हमने आंकड़े मंगवाए तो ऐसे कई स्कूल हैं. जिनमें अंग्रेजी माध्यम का कोई विद्यार्थी भर्ती नहीं हुआ.
जहां जरूरत होगी, वहां अंग्रेजी माध्यम स्कूल रखेंगे : कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, भाजपा किसी भेद को नहीं मानती है. भाजपा के लिए पूरा राजस्थान एक है. हमारे अंग्रेजी माध्यम के स्कूल रहे और पनपे. विद्यार्थियों को अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा मिले. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम सिर्फ खानापूर्ति करें. अगर अंग्रेजी माध्यम के स्कूल की जरूरत है तो हम उन्हें रखेंगे. कोई खत्म होने वाला नहीं है. जहां विद्यार्थी भर्ती नहीं हो रहे हैं. जहां अभिभावक यह कह रहे हैं कि उन्हें अंग्रेजी स्कूल नहीं चाहिए. जहां हमारे शिक्षक नहीं हैं. ऐसे में अंग्रेजी स्कूल खोलने का जो मकसद था. वो मकसद पूरा नहीं होगा.