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कैबिनेट मंत्री धर्माणी को कर्मचारी नेता की चुनौती, "हमारे साथी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़े, आपसे हार गए तो जूते में पियूंगा पानी" - Employee leader Slams Dhamani

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 23, 2024, 10:33 PM IST

Updated : Aug 23, 2024, 10:41 PM IST

Himachal Employee leader Sanjeev Sharma Slams Rajesh Dhamani: सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी की नसीहत पर हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारी महासंघ ने नाराजगी जाहिर की है. महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने राजेश धर्माणी को चुनौती दी है. उन्होंने कहा अगर धर्माणी बिलासपुर से बाहर कहीं से भी कर्मचारी के खिलाफ चुनाव लड़ें और वो जीत जाए तो वे उनके जूते से पानी पियेंगे. पढ़िए पूरी खबर...

कैबिनेट मंत्री धर्माणी को कर्मचारी नेता ने दी चुनौती
कैबिनेट मंत्री धर्माणी को कर्मचारी नेता ने दी चुनौती (ETV Bharat)

कैबिनेट मंत्री धर्माणी को कर्मचारी नेता की चुनौती (ETV Bharat)

शिमला: हिमाचल प्रदेश में कर्मचारी वर्ग और राज्य सरकार के बीच टकराव बढ़ता ही जा रहा है. डीए और एरियर के भुगतान की मांग को लेकर जो लड़ाई पहले ज्ञापन एवं मांग पत्रों तक सीमित थी, वो एक-दूसरे को चुनौती देने तक पहुंच गई है. दरअसल, सुखविंदर सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने एक बयान दिया था कि राज्य सरकार के पास सीमित आर्थिक विकल्प हैं. सरकार के पास कोई नोट छापने की मशीन नहीं है.

गौरतलब है कि सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी से डीए और एरियर की मांग को लेकर कर्मचारियों के विरोध पर सवाल किया गया था. जिसके जवाब में धर्माणी ने कहा, "सरकारी कर्मचारियों को जो लाभ मिल रहे हैं, वे उन्हें मिलते रहें, उसके लिए सरकार का सहयोग करना होगा. उन्होंने कर्मचारियों को राजनीति न करने की सलाह भी दी थी. कैबिनेट मंत्री के इसी बयान पर हिमाचल प्रदेश राज्य सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ बिफर गया.

डीए और एरियर की मांग को लेकर कर्मचारियों का प्रदर्शन (ETV Bharat)

शुक्रवार को जोरदार विरोध प्रदर्शन के दौरान महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने राजेश धर्माणी के खिलाफ जोरदार जुबानी हमला बोला. संजीव शर्मा ने कहा कि यदि धर्माणी बिलासपुर के घुमारवीं से विधायक हैं तो वे भी सचिवालय रूपी निर्वाचन क्षेत्र के विधायक हैं. यानी कर्मचारियों के निर्वाचित प्रतिनिधि हैं. यदि धर्माणी पहली बार कैबिनेट मंत्री बने हैं तो वे (संजीव शर्मा) तीसरी बार यहां सचिवालय के कर्मियों के मुख्यमंत्री बने हैं.

कैबिनेट मंत्री धर्माणी को कर्मचारी नेता संजीव शर्मा ने दी चुनौती (ETV Bharat)

हिमाचल प्रदेश राज्य सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने धर्माणी को चुनौती दी. संजीव शर्मा ने कहा, "राजेश धर्माणी बिलासपुर से बाहर कहीं भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ें. उनके खिलाफ कर्मचारी साथी को खड़ा किया जाएगा. यदि कर्मचारी उनसे चुनाव हार गया तो वे (संजीव शर्मा) उनके जूते में पानी पियेगा".

कर्मचारियों के निशाने पर मंत्री धर्माणी:कैबिनेट मंत्री नोट छापने वाले बयान के बाद से कर्मचारियों के निशाने पर हैं. कर्मचारी नेता संजीव शर्मा ने शुक्रवार की रैली में शिमला में सचिवालय के परिसर में कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि उनका ख्याल बार-बार धर्माणी की तरफ जा रहा है. कर्मचारी नेता ने कहा कि मंत्री की मीडिया को दी गई बाइट पर कितने लाइक व व्यूज आते हैं? उनकी गुरुवार की स्पीच पर ही पांच लाख से ज्यादा व्यूज आए हैं. यदि सरकार के पास नोट छापने की मशीन नहीं है तो राजेश धर्माणी को अपना 20 हजार का टेलीफोन भत्ता सरेंडर करना चाहिए. यदि उनका टेलीफोन का खर्च 500 रुपए है तो बकाया 19500 रुपए छोड़ देना चाहिए.

संजीव शर्मा ने कहा कि डीए व एरियर उनका हक है. सुप्रीम कोर्ट ने भी रूलिंग दी हुई है कि डीए को दो महीने में दे दिया जाना चाहिए. यहां तो 20 महीने से डीए नहीं मिला है. फिर सरकार के कैबिनेट मंत्री उल्टा सरकारी कर्मचारियों को नसीहत दे रहे हैं. कर्मचारी मानसून सेशन के दौरान विरोध प्रदर्शन नहीं करेंगे. यानी रैली आदि का आयोजन नहीं करेंगे. अभी सरकार ने दो दिन का ट्रेलर देखा है, बाकी पिक्चर सेशन खत्म होने पर दस सितंबर के बाद दिखाएंगे.

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Last Updated : Aug 23, 2024, 10:41 PM IST

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