जयपुर.अक्टूबर महीने की शुरूआत के साथ ही राजस्थान में सैलानियों के आने का सिलसिला शुरु हो जाता है. मौसम बदलने के साथ ही यह सीजन त्योहारों का होता है. लिहाजा देसी-विदेशी सैलानी इस दौरान राजस्थान आने के मौके की तलाश में रहते थे. प्रदेश में पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों का मानना है कि परंपरागत तरीके से छह महीनों तक मेहमान नवाजी के अलावा भी राजस्थान में पावणों की आवभगत के लिए कई ऐसे अवसर हैं. जिन पर अगर सरकार ध्यान दे, तो प्रदेश में पर्यटन के व्यवसाय को पंख लग जाएंगे.
साल 2024 में विश्व पर्यटन दिवस की थीम 'टूरिज्म एंड पीस' रखी गई थी . जयपुर में पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों का मानना है कि इस थीम में राज्य के लिए अवसर भी छिपे हैं. जिन्हें समझ कर राजस्थान की मौजूदा सरकार प्रदेश में उद्योग का दर्जा हासिल कर चुके इस क्षेत्र और इससे जुड़े लोगों के लिए बड़े अवसर पैदा कर देगी. पर्यटन विशेषज्ञ संजय कौशिक कहते हैं कि फिलहाल पूरी दुनिया पर गौर करें , तो कई मुल्कों में अशांति और तनाव का माहौल है. ऐसे हालात में कोविड - 19 के खौफ से भी लोग उबर चुके हैं. अब इनके लिए पर्यटन में शांति और ध्यान जैसे मुद्दे अहम हो चले हैं. लिहाजा केरल की तर्ज पर योग , ध्यान और आयुर्वेद के साथ ही पंचकर्म जैसे क्षेत्र पर काम करने की जरूरत है. संजय कौशिक के मुताबिक राजस्थान में इस लिहाज से काफी संभावनाएं हैं.
राजस्थान में टूरिज्म के नए मौकों पर जोर (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर) पढ़ें: विश्व पर्यटन दिवस : झीलों की नगरी में दिवाली मनाने के लिए अभी से 50% से ज्यादा होटल और रिसॉर्ट बुक
अन्य क्षेत्रों में भी संभावना : संजय कौशिक के मुताबिक बीते कुछ सालों में पर्यटन के बदलते पैटर्न पर गौर किया जाए , तो यह बात समझ में आती है कि सैलानी अब परंपरागत पर्यटन से अलग दिशा तलाश कर रहा है. इस दौर में रूरल और मेडिकल टूरिज्म के क्षेत्र में भी संभावनाओं को देखा गया है. इसके साथ ही अगर पीस यानी शांति को जोड़कर पर्यटन के लिए प्रचार किया जाए , तो राजस्थान में कई और तरह के पर्यटन को विस्तार मिलेगा. वे कहते हैं कि राजस्थान में पर्यटन के लिहाज से अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर संसाधन है. लिहाजा नए पैकेज के जरिए पर्यटकों को रिझाया जा सकता है.
पर्यटक तलाश रहे हैं सुकून :जयपुर में सैलानियों के लिए होमस्टे होटल चलाने वाले पुष्पेंद्र भार्गव कहते हैं कि जयपुर आने वाले पर्यटक सुकून की तलाश में रहते हैं. ऐसे में गलता जी में मौजूद विपश्यना केंद्र जैसे ध्यान और योग के संस्थान, शांति को तलाशने वाले पर्यटकों के लिए अच्छा अवसर हो सकते हैं. पुष्पेंद्र भार्गव स्वयं भी अपने होटल में पर्यटकों के लिए मेडिटेशन और योगा क्लास के सेशन आयोजित करवाते हैं. उनका कहना है कि अगर सरकार भी इस दिशा में ध्यान दें, तो प्रदेश में पर्यटन को लेकर आपार संभावनाबढ़ सकती है.