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लखनऊ से अयोध्या गईं 40 इलेक्ट्रिक बसें लौटी ही नहीं, गर्मी में यात्री परेशान - Electric buses in Ayodhya

राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद दर्शन के लिए (Electric Buses in Ayodhya) जाने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अयोध्या भेजी गईं 90 इलेक्ट्रिक बसें अब भी वहीं चल रही हैं. इससे लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विस प्रभावित हो रही है. वातानुकूलित बसों की कमी से यात्री बेहाल हैं. हालांकि अधिकारी पर्याप्त बसें होने का दावा कर रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 1, 2024, 9:12 AM IST

लखनऊ : लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड की 90 इलेक्ट्रिक बसों को श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्राण प्रतिष्ठा के दौरान अयोध्या भेजा गया था. चार माह बाद भी अब तक 50 बसें ही वापस आ पाईं हैं. 40 बसें अब भी अयोध्या में ही चल रहीं हैं. लखनऊ में इलेक्ट्रिक बसों की कमी की वजह से यात्री परेशान हैं. बहरहाल अयोध्या से इन बसों की वापसी को लेकर लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है.





लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट के बेड़े में 140 इलेक्ट्रिक बसें हैं. इन बसों से रोजाना लगभग 30 हजार लोग यात्रा करते हैं. वर्तमान में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या 100 ही है, क्योंकि 40 एसी इलेक्ट्रिक बसें अब भी अयोध्या में ही चल रहीं हैं. इलेक्ट्रिक बसों की कमी की वजह से यात्रियों को दिक्कतें होनी शुरू हो गईं हैं. इलेक्ट्रिक बसें वातानुकूलित होती हैं और पारा 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंचने लगा है. ऐसे में सीएनजी बसों का सफर अब यात्रियों को रास नहीं आ रहा है. इलेक्ट्रिक बसों के कम होने की वजह से कई रूटों पर यात्री पसीने पसीने हो रहे हैं. अयोध्या से इन बसों की वापसी को लेकर लखनऊ सिटी ट्रांसपोर्ट के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है. सिटी ट्रांसपोर्ट के एमडी आरके त्रिपाठी का कहना है कि यात्रियों को दिक्कत नहीं होने दी जा रही है. यात्रियों के अनुपात में पर्याप्त बसों का संचालन किया जा रहा है.




मुंबई के स्टेशन के तर्ज पर पॉड होटल खोलने की तैयारी

राजधानी के चारबाग, अयोध्या और वाराणसी में भी मुंबई के सेंट्रल स्टेशन की तर्ज पर पॉड होटल की सुविधा यात्रियों को जल्द मिल सकती है. पिछले दिनों उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के डीआरएम एसएम शर्मा के साथ हुई बैठक में वेंडर्स ने कई सुझाव दिए थे. जिसमें पीपीपी मॉडल पर लखनऊ मंडल के बड़े रेलवे स्टेशनों पर पॉड होटल का भी सुझाव आया है. यात्रियों की मांग और सुविधा को देखते हुए रेलवे के अफसरों को यह सुझाव पसंद आया है. पॉड होटल में छोटे-छोटे केबिननुमा (कैप्सूल की तरह) बेडयुक्त कमरे होंगे. पॉड होटल में विश्राम के लिए कंपार्टमेंट की तरह पुरुष, महिला और दिव्यांगजन के लिए छोटे-छोटे कमरे बने होते हैं. कमरों में होटल जैसी सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं. इसमें फ्री वाईफाई, वॉशरूम, लगेज रूम, शावर रूम, कामन एरिया जैसी सुविधाएं मिलती हैं.

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