प्रयागराजःइलाहाबाद हाईकोर्ट ने अस्थायी शिक्षकों के नियमितीकरण के संदर्भ में माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से राज्य सरकार को सही जानकारी न देने को गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सरकार को सही जानकारी नहीं दी. दो मुद्दों को एकसाथ करके भ्रमित करके उलझाए रखा है. कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों ने सरकार के सही तथ्य छिपाकर 9 नवंबर 2023 और 8 जुलाई 2024 का परिपत्र जारी कराया. कोर्ट ने निबंधक अनुपालन से कहा कि 48 घंटे में आदेश की कॉपी मुख्य सचिव को भेजें, ताकि कार्रवाई के लिए उसे मुख्यमंत्री के समक्ष पेश किया जा सके. यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने विनोद कुमार श्रीवास्तव की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है.
इससे पूर्व कोर्ट के आदेश पर अपर महाधिवक्ता ने आदेश के पालन के लिए कुछ समय मांगा. साथ ही आश्वासन दिया कि आदेश की जानकारी सरकार को देंगे. उम्मीद है सरकार सही निर्णय लेगी. अपर महाधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष स्वीकार किया कि धारा 33 G के तहत 7 अगस्त 1993 से दिसंबर 2000 के बीच नियुक्त एक हजार से अधिक अस्थायी अध्यापकों को नियमित करने पर सरकार शीघ्र ही निर्णय लेगी. साथ ही वर्ष 2000 के बाद के मामले में संजय सिंह केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तहत निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इन अध्यापकों को वेतन देने पर भी विचार कर रही है. लेकिन पहले नियमितीकरण पर निर्णय ले लिया जाए. अपर महाधिवक्ता ने कहा कि 1993 से 2000 तक नियुक्त एक हजार से अधिक अध्यापकों को नियमित किया जाएगा.