नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेताओं और दिल्ली जल बोर्ड से संबंधित विभाग के अधिकारियों के घरों पर छापेमारी में ईडी ने आरोपियों के यहां से 1.97 करोड़ कैश और 4 लाख की विदेशी करेंसी बरामद की है. आम आदमी पार्टी के कई नेता और मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह बयान दिया कि 16 घंटे की छापेमारी में ईडी को कुछ हाथ नहीं लगा. इसी बीच अब ईडी की तरफ से एक प्रेस रिलीज जारी की गई है, जिसमें उपरोक्त बरामदगी की डिटेल से जानकारी दी गई है.
प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली जल बोर्ड भ्रष्टाचार मामले में 6 फरवरी को दिल्ली, बनारस और चंडीगढ़ के विभिन्न स्थानों पर छापेमारी की. अब ईडी की तरफ से एक प्रेस नोट जारी किया गया. इसमें ईडी ने जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली जल बोर्ड में भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी से संबंधित अपराधों के लिए सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने जांच शुरू की.
ईडी की जांच में पता चला कि एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने फर्जी दस्तावेज जमा कर इस टेंडर को हासिल किया था. दिल्ली जल बोर्ड के तत्कालीन मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा को इसकी जानकारी थी कि कंपनी तकनीकी पात्रता पूरी नहीं करती है. जगदीश कुमार अरोड़ा को रिश्वत की रकम नगद और बैंक खाता दोनों में मिले थे. जांच और डिजिटल साक्ष्य से पता चला कि जगदीश अरोड़ा ने रिश्वत की रकम दिल्ली जल बोर्ड के मामलों के प्रबंधन से जुड़े विभिन्न लोगों को दिए, जो आम आदमी पार्टी के लोग थे.
रिश्वत की रकम आम आदमी पार्टी को चुनावी फंड के रूप में भी दी गई. ईडी ने अपनी जांच में बताया कि जल बोर्ड का ठेका अत्यधिक बढ़ी हुई दरों पर दिया गया था, ताकि ठेकेदारों से अनुबंध की बढ़ी हुई लागत से रिश्वत वसूली जा सके. वहीं, ईडी को तलाशी के दौरान विभिन्न दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्य मिले. साथ ही 1.97 करोड़ कैश और 4 लाख विदेशी मुद्रा बरामद की हुई. ईडी ने यह भी बताया कि 31 जनवरी को इस मामले में जगदीश कुमार अरोड़ा और अनिल कुमार अग्रवाल को भी गिरफ्तार किया गया जो की ईडी की कस्टडी में है. फिलहाल आगे की जांच की जा रही है.