रांचीः जिस तरह से पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने सबसे खास और प्रेस सलाहकार रहे अभिषेक श्रीवास्तव उर्फ पिंटू के बयान के बाद ईडी के रडार पर आ गए थे. कुछ वैसा ही झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के साथ भी हुआ. उनके पीए संजीव लाल के खुलासे के बाद ही मंत्री आलमगीर आलम ईडी की रडार पर आए और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
पैसा मिलने के बाद से ही संजीव से किनारा करते रहे मंत्री आलमगीर
6 मई को ईडी ने संजीव लाल और उनके नौकर जहांगीर आलम के ठिकानों पर रेड कर 32.20 करोड़ रुपये कैश बरामद किए. इस पर मंत्री आलमगीर आलम की पहली प्रतिक्रिया यही थी कि ये पैसे उनके नहीं हैं और पैसे के बारे में वे कुछ नहीं जानते हैं. लेकिन संजीव लाल ने ईडी के सामने मंत्री आलमगीर आलम की पोल खोल कर रख दी. संजीव ने ईडी को बताया था कि 6 मई को छापेमारी के जहांगीर आलम के यहां से जो 32.20 करोड़ रुपये मिले थे, वह सारे पैसे आलमगीर आलम के ही थे. ईडी ने इस बात का जिक्र अदालत को दिए अपने रिमांड पटीशन में भी किया है.
संजीव के बयान के बाद ही ईडी ने कोर्ट को जानकारी दी है कि ग्रामीण विकास विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग के ठेकों में सिर्फ मंत्री का कमीशन 1.5 प्रतिशत हुआ करता था. ईडी ने कोर्ट को यह भी बताया है कि जांच में यह बात सामने आयी है कि ठेका आवंटन के बाद कमीशन की उगाही और उसके बंटवारे का जिम्मा ग्रामीण विकास विभाग स्पेशल सेल और ग्रामीण कार्य विभाग के सहायक अभियंता स्तर के अधिकारियों को था.
मंत्री आलमगीर आलम ने सितंबर 2022 में इंजीनियर से लिए थे तीन करोड़
संजीव लाल ने मंत्री आलमगीर आलम से जुड़े कई दस्तावेज और दूसरी तरह के डिजिटल एविडेंस जो छापेमारी में बरामद हुए थे उसे लेकर भी कुछ नहीं छुपाया और ईडी को सारी जानकारियां दी. संजीव के बयान के बाद ही ईडी मंत्री आलमगीर आलम को लेकर अन्य जानकारियां जुटाना शुरू किया. ईडी ने कोर्ट को यह भी बताया है कि मनी लाउंड्रिंग में गिरफ्तार चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम ने कमीशन की उगाही और बंटवारे के पूरे मॉडल्स की जानकारी दी थी. जिसकी वजह से मंत्री आलमगीर आलम पहले से ही ईडी की रडार पर थे.
मंत्री के पैसे व कागजातों के रखरखाव के लिए लिया गया था फ्लैट
ईडी ने कोर्ट को बताया है कि जहांगीर के फ्लैट सर सैयद रेसिडेंसी, 1ए से बरामद 32.20 करोड़ रुपये मंत्री आलमगीर आलम के ही थे. ये पैसे जहांगीर आलम ने संजीव लाल के कहने पर मंत्री आलमगीर आलम के लिए अलग-अलग जगहों से उठाए थे. ईडी ने कोर्ट को बताया है कि कैश के अलावा फ्लैट से भारी पैमानें पर आधिकारिक लेटरहेड, पत्र, सरकारी दस्तावेज भी बरामद किए थे.
ईडी ने कोर्ट को बताया कि संजीव लाल के द्वारा ही मंत्री आलमगीर आलम से जुड़ी चीजों को रखने के लिए इस फ्लैट का इस्तेमाल किया जाता था. संजीव ने ईडी के सामने यह भी खुलासा किया कि मंत्री आलमगीर आलम के निर्देश पर कमीशन की राशि वह वसूलता था, साथ ही ठेकों को मैनेज करने में उसकी भूमिका सबसे अहम होती थी. ठेका मैनेज होने के बाद तय कमीशन की राशि इंजीनियरों के जरिए सभी विभागीय लोगों तक पहुंचायी जाती थी. इन सभी बातों का जिक्र ईडी ने कोर्ट में किया है.