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द‍िल्‍ली में जल्द दूर होगा जल संकट, साल के आख‍िरी में म‍िलेगा एक और नया वाटर ट्रीटमेंट प्‍लांट - water crisis in delhi

राजधानी दिल्ली में बढ़ती गर्मी के बीच पानी की समस्या हो गई है. इसी बीच दिल्लीवालों के लिए एक अच्छी खबर यह है कि इस साल उनको एक और नया वाटर ट्रीटमेंट प्‍लांट (डब्‍ल्‍यूटीपी) म‍िल जाएगा. द्वारका में बनाए जा रहे इस वाटर ट्रीटमेंट प्‍लांट के तैयार होने के बाद द्वारका ही नहीं बल्‍क‍ि आसपास के कई इलाकों को पीने के पानी की किल्लत खत्म हो जाएगी.

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दिल्ली में जल संकट (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 12, 2024, 1:02 PM IST

Updated : Jun 12, 2024, 1:12 PM IST

नई द‍िल्‍ली: राजधानी द‍िल्‍ली इन द‍िनों जल संकट से जूझ रही है. पड़ोसी राज्‍य हर‍ियाणा की तरफ से पर्याप्‍त पानी यमुना नदी में नहीं छोड़े जाने को लेकर भी राजनीत‍ि पूरी तरह गरमाई हुई है. मामला सुप्रीम कोर्ट के व‍िचाराधीन भी है. इस मामले पर बुधवार यानी 11 जून को सुनवाई होगी, लेक‍िन द‍िल्‍लीवालों के ल‍िए अच्‍छी बात यह है क‍ि इस साल उनको एक और नया वाटर ट्रीटमेंट प्‍लांट (डब्‍ल्‍यूटीपी) म‍िल जाएगा. द्वारका में बनाए जा रहे इस वाटर ट्रीटमेंट प्‍लांट के तैयार होने के बाद द्वारका ही नहीं बल्‍क‍ि आसपास के कई इलाकों को पीने के पानी की सप्‍लाई इसके जर‍िए सुन‍िश्‍च‍ित हो सकेगी.

द‍िल्‍ली जल बोर्ड के आध‍िकार‍िक सूत्रों के मुताब‍िक मौजूदा समय में 9 वाटर ट्रीटमेंट प्‍लांट्स फुल कैपेस‍िटी के साथ जल शोधन का कार्य कर रहे हैं. इनमें से कई डब्‍ल्‍यूटीपी अमूमन अपनी न‍िर्धार‍ित क्षमता से ज्‍यादा वाटर ट्रीट करने का काम कर रहे हैं. मौजूदा वाटर ट्रीटमेंट प्‍लांट्स में हैदरपुर, वजीराबाद, चंद्रावल, भागीरथी, सोनिया विहार, द्वारका, नांगलोई, ओखला और बवाना प्रमुख रूप से शाम‍िल हैं. जल बोर्ड पानी को ट्रीट करने की क्षमता बढ़ाने के ल‍िए द्वारका के मौजूदा 50 एमजीडी के वाटर ट्रीटमेंट प्‍लांट को व‍िस्‍तार देने के काम में जुटा है. द्वारका के सेक्‍टर-16 में इस वाटर ट्रीटमेंट प्‍लांट के साथ एक और नया डब्‍ल्‍यूटीपी बनाया जा रहा है. संभावना जताई जा रही है क‍ि इस साल के आख‍िर में तक यह बनकर तैयार हो जाएगा.

सूत्रों का कहना है क‍ि इस वाटर ट्रीटमेंट प्‍लांट का करीब-करीब 60 से 70 फीसदी तक काम पूरा हो गया है. इसके पूरा होने में 6 से लेकर 8 माह का वक्‍त और लगने की संभावना है. हालांक‍ि, इसको 31 द‍िसंबर तक तय डेडलाइन में पूरा करने का प्रयास क‍िया जा रहा है. जानकारी के अनुसार एक प्‍लांट को तैयार करने के ल‍िए कम से कम 200 से 300 करोड़ रुपए के बीच की लागत आती है. वाटर ट्रीटमेंट प्‍लांट को तैयार करने के बाद करीब-करीब उतना ही खर्चा उसको ऑपरेशनल करने पर आता है.

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द्वारका में बनाए जा रहे वाटर ट्रीटमेंट प्‍लांट को तैयार करने की डेडलाइन 31 द‍िसंबर, 2024 है. इस प्‍लांट के पूरी तरह से तैयार होने और ऑपरेशनल के बाद द‍िल्‍ली के कई इलाकों को और ज्‍यादा पानी सप्‍लाई करने में मदद म‍िलेगी. संभावना जताई जा रही है क‍ि मौजूदा व‍ित्‍तीय वर्ष में इस प्‍लांट में वाटर ट्रीट करने का काम शुरू हो जाएगा. इसका सबसे बड़ा फायदा द्वारका, बिजवासन, मटियाला, महिपालपुर, दक्ष‍िण पश्‍चिम के इलाके और वसंत कुंज आद‍ि के आसपास के इलाकों को और ज्‍यादा पानी सप्‍लाई हो सकेगा. इन इलाकों में अक्‍सर गर्मी के दौरान पानी की समस्‍या पैदा हो जाती है. इसके चालू होने के बाद करीब 10-15 लाख लोगों को और पीने के पानी की सप्‍लाई की जा सकेगी.

वहीं, मौजूदा समय में द‍िल्‍ली में ज‍िन 9 वाटर ट्रीटमेंट प्‍लांट में जल शोधन का कार्य क‍िया जा रहा है, ज‍िनमें सबसे ज्‍यादा क्षमता का प्‍लांट हैदरपुर वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट है. इस डब्‍ल्‍यूटीपी की क्षमता 216 एमजीडी की है. इसी तरह से सोनिया विहार डब्‍ल्‍यूटीपी की क्षमता 140 एमजीडी है, जोक‍ि दूसरे नंबर का प्‍लांट है. वहीं वजीराबाद का प्‍लांट 110 एमजीडी तो भागीरथी प्‍लांट की क्षमता 100 एमजीडी की है. इसके बाद बड़े प्‍लांट के रूप में चंद्रावल डब्‍ल्‍यूटीपी आता है, जोक‍ि 94 एमजीडी क्षमता का है. इसके अलावा द्वारका में 50 एमजीडी, नांगलोई में 40 एमजीडी, ओखला और बवाना के वाटर ट्रीटमेंट प्‍लांट में 20-20 एमजीडी की क्षमता वाले डब्‍ल्‍यूटीपी हैं. बताया जाता है क‍ि यह सभी डब्‍ल्‍यूटीपी पूरी क्षमता के साथ पानी का उत्‍पादन कर रहे हैं.

बढ़ती आबादी के चलते पानी की ड‍िमांड बढ़ी

बता दें क‍ि द‍िल्‍ली की द‍िन प्रत‍िद‍िन बढ़ती आबादी के चलते पानी की ड‍िमांड भी बढ़ रही है. एक अनुमान के मुताब‍िक द‍िल्‍ली को प्रत‍िद‍िन 129 करोड़ गैलन पानी की आवश्‍यकता होती है, लेक‍िन गर्म‍ियों के दौरान पानी की बढ़ती ड‍िमांड के बीच करीब 30 से 35 करोड़ गैलन पानी की शॉर्टेज पैदा हो जाती है. द‍िल्‍ली की आबादी अब ढाई करोड़ के आसपास पहुंच गई है. आसपास के राज्‍यों से हर रोज आने वाले लोगों की वजह से भी द‍िल्‍ली में गर्मी के मौसम में पानी की द‍ैन‍िक ड‍िमांड में बढ़ोतरी हो जाती है. वहीं, द‍िल्‍ली के पास पानी के उत्‍पादन के अपने कोई ठोस स्रोत नहीं है. इसके ल‍िए उसको आसपास के राज्‍यों हरियाणा, उत्‍तर प्रदेश और पंजाब राज्‍यों के साथ ह‍िमाचल प्रदेश आद‍ि पर ही न‍िर्भर रहना पड़ता है. ह‍िमाचल प्रदेश से दिल्ली के लिए अपस्ट्रीम से 137 क्यूसेक पानी आने को लेकर हर‍ियाणा के साथ पहले से ही टकराव बना हुआ है.

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Last Updated : Jun 12, 2024, 1:12 PM IST

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