आगरा: शहर की दीवानी में सीजेएम अचल प्रताप सिंह के न्यायालय में सोमवार को एक बंदी की गुहार सुनकर सभी हैरान रह गए. बंदी की जमानत याचिका की सुनवाई पर उसने कहा कि, 'हुजूर, मुझे जमानत नहीं करानी है'. इस दौरान बंदी की गुहार सुनकर सभी हैरान रह गए. बंदी ने कहा कि, हाथरस पुलिस ने मेरे परिजन हिरासत में लिए हुए हैं. हाथरस पुलिस के दबाव में मेरे भाई ने जमानत के लिए प्रार्थनापत्र न्यायालय में दाखिल किया है. 'हुजूर, यदि मुझे जमानत दी तो जेल से बाहर जाते ही हाथरस पुलिस मेरा एनकाउंटरकर देगी'. सुनवाई के बाद सीजेएम अचल प्रताप सिंह ने बंदी की जमानत याचिका निरस्त करके उसे जेल भेज दिया.
बता दें कि, सीजेएम अचल प्रताप सिंह ने आगरा जिला जेल में निरुद्ध बंदी विनय वर्मा उर्फ बिल्लू वर्मा को सोमवार कोर्ट में तलब किया गया था. बंदी के भाई ने उसकी जमानत के लिए प्रार्थनापत्र अदालत में पेश किया था. जब जेल से बंदी बिल्लू वर्मा दीवानी में आया. तब वो दीवानी की हवालात में था. तभी भाई के साथ हाथरस पुलिस को देखकर वह घबरा गया. इस दौरान बंदी बिल्लू वर्मा चीखने लगा. उसने अधिवक्ताओं से गुहार लगाई.
भाई से जबरन कराई याचिका दाखिल:बंदी बिल्लू के अधिवक्ता अवधेश कुमार शर्मा ने कहा कि, हाथरस के बिल्लू वर्मा पर सन 2019 में थाना हरीपर्वत में चौथ वसूली का मुकदमा विचाराधीन है. इस मामले में 2023 से गिरफ्तारी वारंट जारी थे. 6 जून 2024 को सीजेएम कोर्ट में बिल्लू वर्मा ने समर्पण किया है. अब हाथरस पुलिस उसकी जमानत कराकर अपनी हिरासत में लेना चाहती थी. बंदी बिल्लू वर्मा ने न्यायाधीश से कहा कि, भाई से जबरन हाथरस पुलिस ने जमानत याचिका दाखिल कराई है.
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