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शिवनाथ नदी में बाढ़ ! जानिए एसडीआरएफ ने कैसे किया रेस्क्यू - Durg SDRF team mock drill

छत्तीसगढ़ में मानसून पहुंच गया है. फिलहाल तेज बारिश नहीं हो रही है लेकिन आने वाले दिनों में भारी बारिश से नदियों में बाढ़ की स्थिति बन जाती है. बाढ़ और जलभराव से बचने के लिए दुर्ग में शिवनाथ नदी पर एसडीआरएफ ने मॉकड्रिल किया. इस दौरान एसडीआरएफ की टीम ने कई महत्वपूर्ण बचाव अभियानों का अभ्यास किया.

Durg SDRF team mock drill in Shivnath river
दुर्ग एसडीआरएफ ने शिवनाथ नदी में किया मॉकड्रिल (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jun 21, 2024, 12:07 PM IST

दुर्ग:दुर्ग के शिवनाथ नदी में शुक्रवार को मॉकड्रिल का आयोजन किया गया. इस दौरान SDRF (State Disaster Response Force) ओर से बाढ़ बचाव सामग्रियों का मॉकड्रिल किया गया. मॉकड्रिल में तेज बारिश के दौरान शिवनाथ नदी में ग्रामीण लकड़ी या छोटे बोट के माध्यम से नदी पार करते हैं. इस दौरान बोट पलटने और गांव में पानी भर जाने की स्थिति बन जाती है. ऐसी किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए मॉक ड्रिल किया गया. मोटर बोट, स्क्यूबा डायविंग, अंडरवाटर कैमरा, लाइफ जैकेट, लाइफ बॉय आस्का लाइट, पेलिकन लाइट, सर्च लाइट विभिन्न प्रकार के वस्तुओं का प्रयोग कर बाढ़ बचाव कार्य हुआ.

शिवनाथ नदी में मॉकड्रिल (ETV BHARAT)

दुर्ग के शिवनाथ नदी में मॉकड्रिल: ये मॉकड्रिल कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी के मार्गदर्शन में किया गया. मॉकड्रिल के दौरान एसडीआरएफ की टीम ने कई महत्वपूर्ण बचाव अभियानों का अभ्यास किया. इनमें नदी में डूबने वाले व्यक्तियों का बचाव, तेज बहाव में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना और बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त इमारतों में फंसे लोगों को निकालना शामिल था. इस अभ्यास में आधुनिक बचाव उपकरणों और तकनीकों का भी प्रदर्शन किया गया, जिससे टीम को वास्तविक आपदा के समय इन उपकरणों का सही और प्रभावी उपयोग करने का अनुभव प्राप्त हो सके. मॉकड्रिल के दौरान स्थानीय प्रशासन और नागरिकों को भी शामिल किया गया. ताकि उन्हें आपदा के समय सही कदम उठाने और एसडीआरएफ की सहायता करने की जानकारी मिल सके.

बारिश के टाइम को देखते हुए आज मॉकड्रिल किया गया. मॉकड्रिल के दौरान एसडीआरएफ़ की टीम ने कई महत्वपूर्ण बचाव अभियानों का अभ्यास किया. इनमें नदी में डूबने वाले व्यक्तियों का बचाव, तेज बहाव में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना और बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त इमारतों में फंसे लोगों को निकालना शामिल था. इस अभ्यास में आधुनिक बचाव उपकरणों और तकनीकों का भी प्रदर्शन किया गया, जिससे टीम को वास्तविक आपदा के समय इन उपकरणों का सही और प्रभावी उपयोग करने का अनुभव प्राप्त हो सके.-ऋचा प्रकाश चौधरी, कलेक्टर, दुर्ग

बाढ़ के दौरान बचने के दिए गए टिप्स: बताया जा रहा है कि जिले में शिवनाथ नदी के आस-पास के बहुत से गांव बारिश में जलमग्न हो जाते हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के ग्रामीणों को घरों में उपलब्ध होने वाले सामग्रियों जैसे टीपा, भगोना, ड्रम, मटका, ट्यूव इत्यादि सामग्रियों का राप्ट बनाने के साथ ही पीने वाले 1 लीटर वाटर बॉटल को एयर टाईट कर लाईफ जैकेट बनाकर डूबते हुए व्यक्ति को बचाया जा सकता है. इसका डेमो एसडीआरएफ के जवान और जिले के बाढ़ बचाव दल के जवान द्वारा दिखाया गया. इस दौरान पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला, एडीएम अरविंद एक्का, ट्रेनी कलेक्टर एम भार्गव सहित ग्रामीण मौजूद थे.

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