देहरादून (नवीन उनियाल): गहना खरीदने की बात हो तो महिलाएं सबसे पहले गोल्ड की बात करती हैं. लेकिन बदलते जमाने में आज की महिलाएं सोना, चांदी, हीरे के अलावा फैन्सी ज्वेलरी को भी खासा पसंद कर रही हैं. इनमें फैशन बैंबू या रिंगाल के आभूषण भी काफी पसंद किए जा रहे हैं.
बैंबू यानि बांस...और बांस से बने आभूषण इन दिनों ट्रेंड में हैं. भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के दूसरे देशों में भी बांस की ज्वेलरी पसंद की जा रही है. खास बात ये है कि उत्तराखंड में भी बांस की ज्वेलरी को बाजार में उतारने की तैयारी की जा रही है. इसके लिए राज्यभर की कई महिलाओं और पुरुषों को ट्रेंड भी किया जा रहा है. उत्तराखंड में बैंबू बोर्ड और जायका की ओर से देहरादून में 7 दिन का ट्रेनिंग सेशन महिलाओं के लिए रखा गया. यहां उन्हें बांस की ज्वेलरी बनाने की ट्रेनिंग दी जा रही है. देहरादून, काशीपुर और हल्द्वानी में ये ट्रेनिंग सेशन रखे गये थे.
बांस के सामानों का किचन से लेकर गार्डन तक हर जगह होता है इस्तेमाल:दुनिया में ऐसी कई वनस्पतियां, वृक्ष और तमाम प्राकृतिक चीजें हैं, जिनका अलग-अलग तरीके से यूज किया जाता है. इसी में एक बांस (बैंबू) भी है. जिसका प्रयोग घर के बेडरूम से लेकर किचन और खाने के व्यंजन तक में भी हो रहा है. उधर देश के कई राज्यों में बांस को महिलाओं की ज्वेलरी बनाने में भी प्रयोग किया जा रहा है. कहा जा रहा है कि बदलते फैशन के साथ अब महिलाओं की ज्वेलरी में भी नए प्रयोग हो रहे हैं. इसी प्रयोग के तहत बांस से बनी ज्वेलरी का नया बाजार खड़ा हो रहा है. हालांकि देश के कई बड़े शहरों में ऐसे आभूषणों का ट्रेंड बढ़ रहा है. लेकिन उत्तराखंड इस नए प्रयोग में अब दाखिल होने जा रहे हैं.
महिलाओं को एडवांस ट्रेनिंग देने की भी तैयारी:उत्तराखंड में बैंबू बोर्ड और जायका मिलकर महिलाओं की ज्वेलरी से जुड़े इस बाजार को राज्य से भी जोड़ना चाहते हैं और इसीलिए प्रदेश में विभिन्न महिला समूहों को इस हुनर से जोड़ा जा रहा है. देहरादून में 7 दिन का ट्रेनिंग सेशन महिलाओं द्वारा किया गया है. इसी तरह काशीपुर और हल्द्वानी में भी महिला समूहों के लिए ऐसे प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं. अच्छी बात यह है कि इसमें बढ़-चढ़कर महिलाएं हिस्सा ले रही हैं. साथ ही इस हुनर को दिलचस्पी के साथ सीखने वाली महिलाओं को भविष्य में एडवांस ट्रेनिंग देने का भी प्लान तैयार किया गया है.
त्रिपुरा से आए एक्सपर्ट्स दे रहे ट्रेनिंग:वैसे उत्तराखंड से बाहर नॉर्थ ईस्ट के कई राज्यों में बांस से बने विभिन्न प्रोडक्ट बनाए जाते रहे हैं, लेकिन महिलाओं के आभूषण के रूप में नया प्रयोग इन राज्यों में हुआ है. ऐसे ही प्रोडक्ट बनाने वाले त्रिपुरा के एक्सपर्ट उत्तराखंड पहुंचकर इन महिलाओं को ट्रेनिंग दे रहे हैं. त्रिपुरा से आए मास्टर ट्रेनर बताते हैं कि भारत में महिलाओं के बांस से बने आभूषण का एक बड़ा बाजार है. देश के बड़े शहरों में इसकी भारी डिमांड भी है.
भारी डिमांड के बावजूद वह पर्याप्त आभूषण बाजार में नहीं दे पा रहे हैं. इतना ही नहीं भारत के अलावा अमेरिका, चीन और ओमान जैसे देशों से भी इन आभूषणों की मांग है. कुल मिलाकर इसका धीरे-धीरे ग्लोबल बाजार तैयार हो रहा है. न केवल आम घरों से जुड़ी महिलाएं बल्कि एलीट क्लास की महिलाएं भी इन आभूषणों को खरीद रही हैं. भारत में मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु और दिल्ली जैसे तमाम बड़े शहरों से इन आभूषणों की डिमांड आ रही है-त्रिपुरा, मास्टर ट्रेनर