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प्रचंड गर्मी से जानवरों का भी हाल खराब, गर्मी में गश खाकर जमीन पर गिरी 'हथिनी लक्ष्मी' - elephant fainted due to heat

प्रदेश में गर्मी सभी पर कहर बरपा रहा है. इंसान क्या जानवर भी सितमगर गर्मी से हलकान है. आमेर में गर्मी की वजह से एक हथिनी गश खाकर नीचे गिर गई.

गर्मी में बेहोश हुई लक्ष्मी
गर्मी में बेहोश हुई लक्ष्मी (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 31, 2024, 10:49 AM IST

गर्मी से बेहोश हुई हथिनी (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

जयपुर.प्रदेश में प्रचंड गर्मी का दौर जारी है. प्रदेश का अधिकतम तापमान 48 डिग्री के पार पहुंच रहा है. वहीं , राजधानी जयपुर में भी तापमान 46 डिग्री दर्ज किया गया है. गर्मी से इंसानों के साथ ही जानवरों का भी हाल खराब हो रहा है. जयपुर के आमेर में भीषण गर्मी के असर हाथियों पर भी देखा जा रहा है. शुक्रवार सुबह आमेर की ठाठर कॉलोनी में टहलते हुए एक हथिनी गश खाकर नीचे गिर गई. हथिनी के गिरने से एक मकान की दीवार भी टूट गई. हथिनी के बेहोश होकर गिरने की खबर सुनकर बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो गई. महावतों ने हथिनी लक्ष्मी को उठाने के लिए प्रयास किए.

हाथी महावत के मुताबिक सुबह ठाठर कॉलोनी में हथिनी को टहलाने के लिए लेकर गए थे. वापस आते समय अचानक हथनी लक्ष्मी नीचे गिर गई. भीषण गर्मी के चलते हथिनी गश खाकर गिर गई. हथिनी को उठाने के लिए प्रयास किए गए. इसके बाद वन्यजीव पशु चिकित्सक को मौके पर बुलाया गया. पिछले 3 महीने से हथिनी लक्ष्मी रेस्ट पर चल रही थी. हथनी आमेर महल में पर्यटकों के लिए हाथी सवारी में नहीं भेजी जा रही थी. गर्मी के मौसम में पर्यटकों की संख्या भी कम हो गई है. ऐसे में हाथी सवारी के लिए भी पर्यटक कम ही पहुंचते हैं. इस समय पर्यटकों का ऑफ सीजन चल रहा है. ऐसे में हथनी लक्ष्मी को गर्मी के चलते रेस्ट पर रखा जा रहा था. सुबह हथिनी को टहलाने के लिए बाहर निकाला गया था. पशु चिकित्सकों ने हथनी का इलाज शुरू कर दिया है.

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भीषण गर्मी के चलते पर्यटक स्थलों पर भी सन्नाटा पसरा हुआ देखने को मिल रहा है. हाथियों के स्वास्थ्य को लेकर वन विभाग की ओर से भी कई प्रयास किया जा रहे हैं. करीब एक सप्ताह पहले हाथी गांव में हाथियों के लिए मेडिकल कैंप भी लगाया गया था. दो दिन तक हाथियों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया था. पशु चिकित्सकों ने हाथी महावतों और हाथी पालकों को हाथियों के स्वास्थ्य को लेकर जागरूक किया था. इसके साथ ही हाथियों के खान-पान और स्वास्थ्य संबंधित जानकारियां भी दी गई थी.

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