चित्तौड़गढ़.बीते विधानसभा चुनाव से जारी विधायक चंद्रभान सिंह आक्या और सांसद सीपी जोशी के बीच की अदावत आखिरकार खत्म हो गई. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा दोनों के बीच सुलह कराने में कामयाब रहे. पार्टी का दावा है कि अब दोनों नेताओं के बीच कोई मतभेद नहीं है और आक्या लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए काम करेंगे. इसके साथ ही अगले दो-तीन दिन में आक्या समर्थकों को पार्टी में शामिल कराया जाएगा. वहीं, इस पूरे मामले में निंबाहेड़ा विधायक श्रीचंद कृपलानी ने अहम भूमिका निभाई.
दोनों नेताओं के बीच सुलह में कृपलानी की रही अहम भूमिका :विधानसभा चुनाव 2023 में आक्या बतौर निर्दलीय चित्तौड़गढ़ सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने. इससे पार्टी आलाकमान को उनकी ताकत का अंदाजा हो गया. मंत्रिमंडल गठन के बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को लोकसभा चुनाव को देखते हुए सीपी जोशी और आक्या के बीच सुलह कराने का निर्देश दिया था. मुख्यमंत्री ने यह जिम्मेदारी निंबाहेड़ा विधायक श्रीचंद्र कृपलानी को सौपी थी. उसके बाद से ही कृपलानी अपने प्रयासों में जुटे थे. उनका यह प्रयास आखिरकार रंग लाया.
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दो-तीन दिन में आक्या समर्थकों की होगी भाजपा में एंट्री :शनिवार रात को कृपलानी, आक्या को मुख्यमंत्री भजनलाल से मिलाने के लिए उनके आवास लेकर पहुंचे, जहां प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी भी पहले से मौजूद थे. यहां मुख्यमंत्री ने चुनाव में आक्या की भूमिका को अहम बताते हुए उनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ को मजबूत की बात कही. इस पर आक्या ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए बिना शर्त समर्थन का ऐलान किया. साथ ही अपने समर्थकों को पार्टी में फिर से लिए जाने की बात कही. इस पर सहमति व्यक्त करते हुए अगले दो-तीन दिन में कार्यकर्ताओं को पार्टी में लेने का आश्वासन दिया गया. शनिवार रात करीब 1 बजे तक दोनों पक्षों के बीच वार्ता का दौर चला, जो काफी हद तक सफल रहा.
एक जाजम पर आए दोनों नेता :मुख्यमंत्री ने लोकसभा चुनाव की अहमियत बताते हुए सीपी जोशी और आक्या से आपसी मतभेद भुलाने का आग्रह किया. इस पर दोनों नेताओं ने सहमति जताई और चुनाव में एक साथ काम करने का विश्वास दिलाया. बता दें कि गत सप्ताह आक्या के लोकसभा चुनाव में निर्दलीय मैदान में उतरने के ऐलान से पार्टी में खलबली मच गई थी. मामला दिल्ली तक पहुंच गया. उसके बाद से ही पार्टी हाई कमान अलर्ट मोड पर आ गया. निंबाहेड़ा विधायक कृपलानी ने बताया कि आक्या अपने समर्थकों के साथ लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए काम करेंगे. सांसद सीपी जोशी के साथ जो भी गलतफहमी थी, वो अब दूर हो गई है और आक्या ने पार्टी के लिए काम करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ को मजबूत करने का आश्वासन दिया है.
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पार्टी के प्रदेश सह कोषाध्यक्ष अनिल सिसोदिया ने बताया कि सांसद सीपी जोशी और आक्या के एक जाजम पर आने से पार्टी को लोकसभा चुनाव में और भी मजबूती मिलेगी. साथ ही पार्टी रिकार्ड मतों से जीत दर्ज करेगी. वरिष्ठ नेता व उदयपुर संगठन प्रभारी डॉ. आईएम सेठिया ने कहा कि दोनों के बीच सुलह कराने की दिशा में हाई कमान लंबे समय से लगा था. आक्या के पार्टी के लिए काम करने से निश्चित ही पार्टी प्रत्याशी सीपी जोशी 2019 के लोकसभा चुनाव की जीत का रिकॉर्ड तोड़ने में कामयाब होंगे.