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वाह रे सरकारी सिस्टम! अफसर ने जिंदा बुजुर्ग काे बना दिया मुर्दा, पेंशन बंद होने से भुखमरी की नौबत - Kaushambi News - KAUSHAMBI NEWS

कोशांबी में 65 साल के बुजुर्ग को मृत घोषित कर पेंशन बंद करने का मामला सामने आया है. बुजुर्ग ने जिला अधिकारी से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है. जिसके बाद डीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए एक्शन लेने की बात कही है.

65 साल के चंद्रपाल की सुनो गुहार
65 साल के चंद्रपाल की सुनो गुहार (PHOTO credits ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 30, 2024, 5:38 PM IST

Updated : Jul 30, 2024, 6:41 PM IST

पेंशन बंद होने से बुजुर्ग परेशान (video credits ETV Bharat)

कौशांबी: यूपी के कौशांबी में एक 65 साल के जिंदा बुजुर्ग को मृतक घोषित करने का हैरान करने वाला मामला सामने आया है. बुजुर्ग को ग्राम विकास अधिकारी ने मृत बताकर पेंशन पर रोक दिया है. इससे बुजुर्ग को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है. इतना ही नहीं उस अधिकारी ने बुजुर्ग के साथ बदसलूकी भी की. थकहार कर बुजुर्ग ने जिलाधिकारी से मामले की शिकायत की तो हड़कंप मच गया. डीएम ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाई की बात कही है.

जिले के सिराथू तहसील के सौराई बुजुर्ग गांव के रहने वाले 65 साल के चंद्रपाल गांव से एक किलोमीटर दूर पान की एक छोटी से गुमटी चलाते हैं. लेकिन उससे इतनी आय नहीं होती कि परिवार का जीवन यापन हो सके. बुजुर्ग को वृद्धा पेंशन मिलती थी, जिससे उसका जीवन यापन हो रहा था. लेकिन ग्राम विकास अधिकारी विकास शर्मा ने चंद्रपाल को मृतक दिखा कर उसका पेंशन रोक दिया. जब कई महीने पेंशन नहीं आई तो बुजुर्ग अधिकारी के पास पहुंच कर खुद के जिंदा होने का सबूत दिया. लेकिन आरोप है कि, ग्राम विकास अधिकारी ने बुजुर्ग से अभद्रता करते हुए ऑफिस से भगा दिया.

इतना ही नहीं चंद्रपाल ने आरोप लगाया कि जिस भी सरकारी दफ्तर में वह गया उसको अपमानित किया गया. जिम्मेदारों से गुहार लगाकर ना उम्मीद हो चुके बुजुर्ग ने जिलाधिकारी मधुसूदन हुलगी से मिलकर आपबीती बताई. जिलाधिकारी ने शिकायत को गंभीरता से लिया.

ग्राम विकास अधिकारी विकास कुमार ने बिना जांच किए चंद्रपाल को मृत घोषित कर दिया ताकि उसके स्थान पर पैसा लेकर दूसरे व्यक्ति को पेंशन दिलाई जा सके. इससे चंद्रपाल की पेंशन बंद हो गई और वह अपनी जीविका के लिए संघर्ष कर रहा है.

बता दें कि, वृद्धावस्था पेंशन लेने वाले लोगो को साल में एक बार खुद का जीवित प्रमाण पत्र देना होता है. ई-मित्र पर बायोमैट्रिक अंगूठा और फोटो खिंचवा कर सत्यापन करवाना होता है. यदि पेंशन लेने वाला शख्स इन नियमो का पालन नहीं करता है तो पेंशन शाखा के कर्मचारी संबंधित लाभार्थी के घर जाते हैं. वह जीवित है या मृत इसकी जांच करते हैं. पेंशन लेने वाला व्यक्ति अगर मृतक है तो उसकी रिपोर्ट एसडीएम कार्यालय भेजी जाती है. इसके बाद एसडीएम कार्यालय से पेंशन बंद करने का आदेश जारी होता है. ऐसे में सवाल उठता है कि, किसके कहने और किस कारण के चलते जिंदा चंद्रपाल को मृत घोषित किया गया. डीएम ने जांच के बाद सख्त कार्रवाई की बात कही है.

जिला अधिकारी मधुसूदन हुल्गी ने बताया कि, कड़ा ब्लाक के एक बुजुर्ग लाभार्थी को पेंशन मिल रहा था लेकिन कागजों में मृतक दिखा गया. इस मामले में जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह गलत तरीका है जो सरकारी योजनाओं को गलत लोगों को पहुंचना. इसमें कड़ी कार्रवाई की जायेगी.

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Last Updated : Jul 30, 2024, 6:41 PM IST

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