जयपुर : छठ पूजा के पर्व को देखते हुए जयपुर जिला प्रशासन ने मंदिर ठिकाना गलता जी परिसर में आवश्यक तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है. दूसरी ओर मंदिर ठिकाना गलता जी में कार्यरत समस्त स्टाफ के खाते में बुधवार को वेतन भी जमा करा दिया गया है. गलता जी तीर्थ में पुजारी और कार्यरत स्टाफ ने वेतन नहीं मिलने के बाद मंगलवार को धरना दिया था. धरने के बाद जिला प्रशासन की ओर से स्टाफ के खाते में वेतन जमा कराया गया है.
जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने बताया कि मंदिर ठिकाना गलता जी में कार्यरत समस्त स्टाफ की ओर से उपलब्ध कराए गए बैंक खातों में वेतन जमा कराया जा चुका है. उनके बैंक खातों एसबीआई, आईसीआईसीआई, एचडीएफसी बैंक, इलाहाबाद बैंक, यूको बैंक, यूनियन बैंक, आदि बैंकों में विभिन्न बैंकों में हैं. इसकी पुष्टि किए जाने पर बकाया भुगतान की राशि भी शीघ्र उनके बैंक खातों में जमा करा दी जाएगी.
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कलक्टर सोनी ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से छठ पूजा के लिए मंदिर परिसर में जिला प्रशासन का कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है. चिकित्सा विभाग की टीमों की तैनाती की गई है. मंदिर की सजावट और लाइटिंग के साथ-साथ मंदिर परिसर में साफ-सफाई के लिए व्यापक स्टाफ भी लगाया जा चुका है. उन्होंने बताया कि देवस्थान विभाग की ओर से भी छठ पूजा के लिए अपने कर्मचारियों को लगाया जा चुका है. श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस स्टाफ को लगाया गया है और सिविल डिफेंस ने भी कुंडों पर गोताखोरों को तैनात किया है. जन स्वास्थ्य और अभियांत्रिकी विभाग की ओर से पीने के पानी की व्यवस्था भी की गई है. इन सभी व्यवस्थाओं का निरीक्षण उपखंड अधिकारी जयपुर प्रथम और उपखंड अधिकारी उत्तर की ओर से निरंतर किया जा रहा है.
जयपुर में उत्तर प्रदेश और बिहार के हजारों लोग निवास करते हैं. यह लोग छठ की पूजा के लिए गलता पीठ आते हैं और यहां स्थित कुंड में स्नान करके पूजा करते हैं. इस दौरान गलता पीठ में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से यह सभी तैयारियां की गई हैं. बता दें कि गलता पीठ में पुजारी और सेवादारों को पिछले 4 महीने से वेतन नहीं मिला था. इसके बाद पुजारी और सेवादारों ने मंगलवार को धरना देकर और विरोध जताया था. गलता पीठ मामले में कोर्ट के फैसले की बात पीठ का संचालन सरकार के हाथों में चला गया था और इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से इसका संचालन किया जा रहा था. पुजारी और सेवादारों के विरोध के बाद जिला प्रशासन की ओर से तैनाद स्टाफ के खाते में बुधवार को वेतन जमा कराया गया.