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DTC कर्मचारियों ने की आचार संहिता लागू होने से पहले मांगें पूरी करने की मांग, जानें पूरा मामला - DTC EMPLOYEE PROTEST

डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के पदाधिकारियों ने आचार संहिता लागू होने से पहले मांगे पूरी करने की मांग की है वरना चक्का जाम की चेतावनी

डीटीसी कर्मचारियों ने की आचार संहिता लागू होने से पहले मांगें पूरी करने की मांग
डीटीसी कर्मचारियों ने की आचार संहिता लागू होने से पहले मांगें पूरी करने की मांग (ETV bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 8, 2024, 6:00 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली ट्रांसपोर्ट कारपोरेशन (डीटीसी) के कर्मचारियों की दिल्ली में बसें रोकने की हड़ताल को खत्म कराने के लिए दिल्ली सरकार ने मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया था, लेकिन अभी तक कोई मांगें नहीं पूरी हुई हैं. इसी बीच डीटीसी की तरफ से नोटिस जारी कर कह दिया गया है कि 5 से 9 दिसंबर तक सभी कर्मचारियों की छुट्टी निरस्त कर दी गई है और अगर इस दौरान अगर कोई छुट्टी लेता है तो मान लिया जाएगा कि वह डीटीसी के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल है.

आचार संहिता लागू होने से पहले मांगे पूरी करने की मांग:डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन ने कोई हड़ताल नहीं की, लेकिन पदाधिकारियों का स्पष्ट कहना है कि मांगें अगले माह आचार संहिता लागू होने से पहले पूरी होने चाहिए. अन्यथा दिल्ली में बसों का चक्का जाम होगा. इसका सीधा असर दिल्ली विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा. प्रदर्शन या हड़ताल न हो इसलिए कर्मचारियों को छुट्टी नहीं दी जा रही है. इसके लिए डीटीसी की तरफ से नोटिस जारी किया गया है.

आचार संहिता लागू होने से पहले मांगे पूरी करने की मांग: (ETV bharat)

डीटीसी कर्मचारियों का संघर्ष जारी :डीटीसी कर्मचारी वर्ष 2018 से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. कई बार प्रदर्शन किया गया. डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन ने 13 नवंबर को डीटीसी मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया. इससे पहले 16 और 29 अक्टूबर 2024 को डीटीसी प्रबंधन और दिल्ली सरकार के अधिकारियों से अपनी समस्याओं पर ज्ञापन दिया गया था. 16 अक्टूबर को दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन के मुख्यालय पर हजारों कर्मचारियों ने प्रदर्शन भी किया था. इन ज्ञापनों को डीटीसी के एमडी और अन्य अधिकारियों को सौंपा गया था लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.. डीटीसी कर्मचारी एकता संघ ने आगामी प्रदर्शन के लिए मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री, उपराज्यपाल, दिल्ली पुलिस आयुक्त और अन्य अधिकारियों को पत्र भेजा है.

डीटीसी कर्मचारियों की प्रमुख मांगें (ETV bharat)

बसों के संचालन को लेकर सीएम ने किया हस्तक्षेप :डीटीसी के कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर काफी समय से संघर्ष करते रहे. कई बार प्रदर्शन किया गया और अधिकारियों को ज्ञापन सौंपे गए, लेकिन जब उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो 12 नवंबर से कर्मचारियों ने दिल्ली में बसों का संचालन ठप करना शुरू कर दिया. इससे दिल्ली में राहगीरों की समस्या बढ़ गई. इसके बाद 19 नवंबर को दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने डीटीसी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ एक बैठक की. इस बैठक में कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के लिए दिल्ली सरकार और डीटीसी ने 5 दिसंबर तक का समय लिया था. डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन द्वारा यह समय दिया गया था और यह भी चेतावनी दी गई थी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो 6 दिसंबर से दिल्ली में फिर से हड़ताल की जाएगी. कुछ मांगों पर कागजी कार्यवाही शुरू हो गई है, लेकिन कुछ मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं.

डीटीसी कर्मचारियों की प्रमुख मांगें (ETV bharat)

हड़ताल करने पर कार्रवाई की नोटिस :डीटीसी की तरफ से 5 दिसंबर को नोटिस जारी कर दिया गया था कि यदि कोई भी कर्मचारी 5 से 9 दिसंबर तक छुट्टी पर रहता है तो माना जाएगा कि वह डीटीसी के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल है. उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई हो सकती है. बाद में ये भी चर्चा हुई कि 9 दिसंबर के बाद हड़ताल की जाएगी. ऐसे में 6 दिसंबर को भी डीटीसी की तरफ से नोटिस जारी कर कहा गया है कि सभी कर्मचारियों को अवगत कराया जाता है कि डिपो परिसर एवं रूट पर ड्यूटी के दौरान बसों के साथ छेड़छाड़ करना तोड़फोड़ करना अथवा गैर कानूनी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाना या कोई अप्रिय घटना घटाई गई तो दोषी कर्मचारियों के साथ विभागीय उचित कार्रवाई की जाएगी. दिनांक 9 दिसंबर से किसी भी कर्मचारी को किसी भी प्रकार का अवकाश स्वीकार नहीं किया जाएगा. कर्मचारियों की छुट्टी स्वीकृत नहीं कि जा रही है.

डीटीसी कर्मचारियों की प्रमुख मांगें (ETV bharat)

यूनियन ने स्थागित किया प्रदर्शन :डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी का कहना है कि विभाग की ओर से कर्मचारियों की मांग पर कार्रवाई कर रही है. ऐसे में हड़ताल को स्थगित कर दिया गया है. लेकिन हमारी मांग है कि जल्द से जल्द कर्मचारियों की मांग पूरी की जाए. यदि मांगे नहीं मानी जाती हैं तो यूनियन अगला कदम उठाएगी.

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