नई दिल्ली: दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (डीटीसी) और परिवहन विभाग के कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं. अब आगामी 13 नवंबर को दिल्ली में डीटीसी और परिवहन विभाग के कर्मचारी बड़ी हड़ताल करने की तैयारी में जुटे हुए हैं. डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के सदस्य द्वारा बसों में जाकर लोगों से भी सहयोग की अपील की जा रही है. जानकारी के अनुसार आगामी 13 नवंबर को दिल्ली के सभी बस चालकों और परिचालको को आईपी डिपो स्थित डीटीसी मुख्यालय पर प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की जा रही है.
डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के प्रेसिडेंट ललित चौधरी का कहना है कि 16 अक्टूबर को हजारों कर्मचारियों ने आईपी डिपो स्थित डीटीसी मुख्यालय पर प्रदर्शन किया था. इसके साथ ही अपनी मांगों को लेकर परिवहन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को ज्ञापन भी दिया गया. 29 अक्टूबर 2024 को दोबारा अधिकारियों को ज्ञापन देकर अपनी समस्याएं बताई गई, लेकिन अभी तक इन समस्याओं पर कोई सुनवाई नहीं हुई है. अब डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन ने 13 नवंबर को एक विशाल धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है.
इलेक्ट्रिक बसों के चालक परिचालक भी होंगे शामिल:डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन की तरफ से दिल्ली में किलोमीटर बेस पर चल रही प्राइवेट इलेक्ट्रिक बसों के चालकों को भी इस प्रदर्शन में शामिल किया जाएगा. क्योंकि इलेक्ट्रिक बसों को डीटीसी के अधीन चलाने की मांग की जा रही है. अभी इलेक्ट्रिक बस बनाने वाली कंपनी ही इनका संचालन कर रही है. सरकार से कंपनी को प्रति किलोमीटर की दर से पैसा मिलता है. ऐसे में डीसी के कर्मचारियों के साथ इलेक्ट्रिक बस और क्लस्टर योजना के तहत चल रही बसों के चालकों में काफी रोष है.
रोजाना करीब 41 लाख लोग करते हैं बसों में सफर:राजधानी दिल्ली में मेट्रो के बाद बसें दूसरी लाइफ लाइन मानी जाती है. दिल्ली की सड़कों पर वर्तमान में करीब 7400 बसों का संचालन हो रहा है. इन बसों में रोजाना करीब 41 लाख लोग सफर करते हैं. आगामी 13 नवंबर को चालकों पर चालकों की हड़ताल और धरना प्रदर्शन से दिल्ली में बसों का संचालन भी प्रभावित होगा और इसका सीधा असर यात्रियों पर पड़ेगा यात्रियों को बस न मिलने पर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
ये हैं यूनियन की प्रमुख मांगें:
तनख्वाह का भुगतान:कर्मचारियों की तनख्वाहों में देरी हो रही है, जिसके कारण वे आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं. जल्द से जल्द तनख्वाह का भुगतान किया जाए.
कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों का स्थायीकरण:सभी अनुबंधित कर्मचारियों को स्थायी किया जाए और जब तक स्थायीकरण प्रक्रिया पूरी न हो, समान काम का समान वेतन लागू किया जाए.
अनुकंपा आश्रित और संवाहकों का नियमितीकरण:लंबे समय से अनुबंध पर काम कर रहे संवाहकों को नियमित किया जाए और उनकी सेवाओं को स्थायी किया जाए.
टीए, सीएल, और सरकारी अवकाश की सुविधा:डीटीसी अनुबंध कर्मचारियों को यात्रा भत्ता (टीए) और 15 दिन की चतुर्थ श्रेणी अवकाश (सीएल) दिया जाए, जैसा कि डिम्ट्स कंपनी में दिया जाता है. साथ ही, कर्मचारियों को सरकारी अवकाश का भुगतान भी किया जाए.
ड्यूटी और वेतन में सुधार:कर्मचारियों की ड्यूटी 8-30 घंटे निर्धारित की जाए, और ओवरटाइम की स्थिति में उन्हें दोगुना वेतन दिया जाए. इसके अलावा, डिपो मैनेजरों को कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए हर महीने एक दिन निर्धारित किया जाए.
कंपनी के एग्रीमेंट का पुनः मूल्यांकन:प्रत्येक वर्ष कर्मचारियों से जो एग्रीमेंट साइन कराया जाता है, उसे गैर संवैधानिक और शोषणपूर्ण बताया गया है, और इसे तत्काल रद्द करने की मांग की गई है.
इलेक्ट्रिक बसों की दुर्घटनाओं पर प्रतिक्रिया:इलेक्ट्रिक बसों से बढ़ती दुर्घटनाओं के मद्देनजर, यूनियन ने प्रस्तावित किया है कि डीटीसी के अनुभवी ड्राइवरों को ही इन बसों का संचालन सौंपा जाए, ताकि कर्मचारी बेरोजगार न हों.
यूनियन ने डीटीसी विभाग में 60% स्थाई और 40% अनुबंध कर्मचारी रखने का भी आग्रह किया है, जैसा कि कंपनी एक्ट के तहत नियम है, लेकिन वर्तमान में 100% संवाहक कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं.