नई दिल्ली:दिल्ली में 10 हजार बस मार्शलों की बहाली के बाद उन्हें पक्की नौकरी देने की तैयारी की जा रही है. मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार को कहा कि अगले एक सप्ताह में इन बस मार्शलों को पक्की नौकरी देने का प्रस्ताव उपराज्यपाल को भेजा जाएगा. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को इस प्रस्ताव को पास कराए कराने का चैलेंज दिया है. उन्होंने ये भी कहा कि भाजपा बस मार्शलों के साथ गंदी राजनीति कर रही है.
मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि वीरेंद्र सचदेवा कहते हैं, "आम आदमी पार्टी की सरकार ने बस मार्शलों को पक्का करने का प्रस्ताव एलजी के पास नहीं भेजा तो वह दिल्ली सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे. मैं भारतीय जनता पार्टी से कहना चाहती हूं, बस मार्शलों के साथ गंदी राजनीति करना बंद करें. दिल्ली के सभी लोग जानते हैं कि बीजेपी की क्या सच्चाई है. दिल्ली के लोग ये भी जानते हैं कि बसों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए केजरीवाल ने वर्ष 2018 में 10 हजार बस मार्शल को लगाया था. बस मार्शल के जरिए गरीब घर के लड़के लड़कियों को केजरीवाल ने रोजगार देने का काम किया था. "
आतिशी ने कहा कि बस मार्शल के जरिए बसों में बुजुर्गों महिलाओं को सुरक्षित किया. लेकिन भारतीय जनता पार्टी में इन बस मार्शलों के साथ अप्रैल 2023 से अन्याय कराना शुरू कर दिया. बीजेपी के अधिकारियों ने अप्रैल 2023 से बस मार्शलों की तनख्वाह रोक ली. बार-बार फाइलों पर लिखा कि बस मार्शल को निकाल दो. लेकिन आम आदमी पार्टी ने लड़कर उन्हें तनख्वाह दिलाई. लेकिन बाद में नवम्बर 2023 में इन बस मार्शलों को नौकरी से निकाल दिया. केजरीवाल ने बार-बार उपराज्यपाल को पत्र लिखा कि 10 हजार लड़के-लड़कियां बेरोजगार हो जाएंगे. साथ ही बसों में महिलाएं व बच्चे असुरक्षित हो जाएंगे.
AAP ने बस मार्शलों के साथ संघर्ष किया:आतिशी ने कहा कि एक भाजपा की दिल्ली पुलिस थी, जिसने बस मार्शलों पर बार बार लाठी चलाई, उन्हें गिरफ्तार किया. दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी थी जिसके मंत्री और विधायक इन बस मार्शलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष कर रहे थे. देश में जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार है वहां पर संविदा कर्मियों की हालत देखिए. राजस्थान में 110000 से अधिक संविदा कर्मी हैं. मध्य प्रदेश में 184000 संविदा कर्मी हैं. छत्तीसगढ़ में 45000 से अधिक संविदा कर्मी हैं. उत्तर प्रदेश में 2 लाख से अधिक संविदा कर्मी हैं. इन सभी राज्यों में भारतीय जनता पार्टी ने जब चुनाव लड़ा तो संविदा कर्मियों से वादा किया था कि वोट दीजिए हम संविदा कर्मियों को पक्का करेंगे, लेकिन भाजपा ने किसी को पक्का नहीं किया.