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रांची में बिना लाइसेंस के बनाई जा रही थी होमियोपैथिक दवाइयां, औषधि नियंत्रक विभाग की कार्रवाई में 41 कार्टन दवा जब्त - Drug Control Department Raid - DRUG CONTROL DEPARTMENT RAID

Illegal manufacturing of medicine in Ranchi.रांची में बगैर लाइसेंस के संचालित होमियोपैथी दवा कंपनी का पर्दाफाश हुआ है. औषधि नियंत्रक विभाग की टीम ने छापेमारी कर मौके से भारी मात्रा में दवा सहित अन्य सामग्री बरामद किया है.

Drug Control Department Raid In Ranchi
रांची में बिना लाइसेंस के बनाई गई जब्त होमियोपैथिक दवाएं और कार्रवाई में जुटी औषधि नियंत्रक विभाग की टीम. (PHOTO-ETV BHARAT)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : May 5, 2024, 6:46 AM IST

Updated : May 5, 2024, 9:08 AM IST

रांची:हजारीबाग से सूचना मिलने के बाद एक्टिव हुई रांची के औषधि नियंत्रक विभाग की टीम ने शनिवार को रांची के रातू थाना क्षेत्र के टिलटांड़ गोविंद नगर में बिना लाइसेंस के होमियोपैथी दवा कंपनी का पर्दाफाश किया है. टीम ने मौके से भारी मात्रा में दवा भी बरामद किया है. छापेमारी टीम में ड्रग इंस्पेक्टर प्रतिभा झा, मो. नसीम, पुतली बिलोंग, आलोक कुमार, अमित कुमार शामिल थे.

करीब 41 कार्टून निर्मित दवा और अन्य सामान जब्त

औषधि नियंत्रण विभाग की पूरी कार्रवाई को लेकर झारखंड के संयुक्त औषधि नियंत्रक सुजीत कुमार ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि विभाग को गुप्त सूचना मिली थी कि एक दवा कंपनी बिना लाइसेंस के दवा बना रही है और बाजार में बेच रही है. इस सूचना के आधार पर पहले रेकी की गई और फिर कई ड्रग इंस्पेक्टर की टीम बनाकर शनिवार को छापेमारी की. इस दौरान करीब 41 कार्टन निर्मित दवा, दवा बनाने में इस्तेमाल होनेवाला खाली बोतल, लेवल्स, कैप्स और दवाओं को सील करने वाली मशीन जब्त की गई है.

ड्रग्स एंड कास्मेटिक एक्ट की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज

औषधि निदेशालय में संयुक्त निदेशक सुजीत कुमार ने बताया कि पूरे मामले में ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट की विभिन्न धाराओं में कार्रवाई की जा रही है. वहीं दवाओं की गुणवत्ता जांचने के लिए आठ सैंपल दवा लेकर उसे लैब भेजा जा रहा है.उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में सक्षम न्यायालय में कंप्लेन केस किया जाएगा. बिना लाइसेंस के दवा निर्माण का दोष सिद्ध होने पर कम से कम पांच साल के सजा का प्रावधान है.

2021 में ही समाप्त हो गया था लाइसेंस

छापेमारी दल में शामिल ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि जितेंद्र कुमार यादव नाम का व्यक्ति Shailsons pharmaceutical नाम से होमियोपैथी दवा बनाता था, लेकिन वर्ष 2021 में उसका दवा निर्माण कंपनी का लाइसेंस रद्द हो गया था. इसके बाद भी वह दवा बनाने में लगा था. ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि इसी व्यक्ति का स्टेशन रोड में वैष्णवी होमियो के नाम से दवा दुकान भी है. वहां भी जांच-पड़ताल की जा रही है.

रांची में दवा बनाकर बाजार में की जाती थी बिक्री

छापेमारी टीम के एक अन्य ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि पहले प्रोपराइटर जितेंद्र कुमार यादव यह बता रहा था कि वह पश्चिम बंगाल से दवा बनवाकर झारखंड मंगवाता है, लेकिन औषधि नियंत्रक विभाग की कार्रवाई से साफ दिख रहा है कि रांची में ही बिना लाइसेंस का दवा बनाकर बाजार में बेचा जा रहा था. अब दवाओं की गुणवत्ता की भी जांच की जा रही है.

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Last Updated : May 5, 2024, 9:08 AM IST

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