जींद: हरियाणा के जींद में पेयजल की समस्या बढ़ती जा रही है. पेयजल की मांग को लेकर बधाना गांव के लोगों ने नगूरां-उचाना मार्ग पर जल घर के सामने अवरोधक डालकर जाम लगा दिया. जाम की सूचना मिलते ही नगूरां पुलिस चौकी प्रभारी नफे सिंह मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीणों ने जलापूर्ति विभाग के अधिकारियों के आने तक जाम खोलने से मना कर दिया.
जींद में पीने के पानी की समस्या: जिसके बाद नगूरां चौकी प्रभारी ने मौके पर जलापूर्ति विभाग के जेई रोहित को मौके पर बुलाया. जेई ने लोगों को पीने के पानी की समस्या का समाधान का आश्वासन देकर जाम खुलवाया. जाम के कारण रोड़ पर दोनों तरफ वाहनों की लंबी-लंबी लाइनें लग गई. जिससे राहगीरों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप: ग्रामीणों ने बताया कि सरकार ने बधाना गांव में सुधारीकरण के नाम पर करोड़ों रुपये का बजट जारी किया था, लेकिन जलापूर्ति विभाग के उच्चाधिकारियों ने ठेकेदार से मिलीभगत कर बजट को सही ढंग से लगाने की बजाए पूरे बजट में ही घालमेल कर दिया. करोड़ों रुपये खर्च होने के बाद भी अभी तक गांव के लोगों को नहरी पानी की एक भी बूंद नसीब नहीं हुई है. यही नहीं सबमर्सिबल पर घटिया क्वालिटी का स्टार्टर रखने के चलते बार-बार जल रहा है. जिसके कारण गांव के लोगों को महीने में केवल मात्र तीन से चार दिन ही पीने का पानी नसीब होता है.
पेयजल को लेकर किया प्रदर्शन: ग्रामीणों ने बताया कि नहरी पानी के लिए जरूरी सामान को ही कर्मचारियों ने अधिकारियों की मिलीभगत के चलते बेच खाया. इसके लिए स्वयं कर्मचारियों ने सीएम विंडो के माध्यम से एक शिकायत जलापूर्ति विभाग के अधिकारियों के पास भेजी थी, लेकिन अधिकारियों ने मामले की जांच करने की बजाए शिकायत को ही दबा दिया. जिसके कारण नहरी पानी के लिए लगाए उपकरण ही जलघर से गायब हैं. ऐसे में गांवों के लोगों को नहरी पानी उपलब्ध होने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.