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हरियाणा को जल सुरक्षित राज्य बनाने का टारगेट 2047 तक होगा पूरा, गंगवा ने केंद्र से की विशेष पैकेज की मांग - WATER SAFE STATE HARYANA

हरियाणा को जल सुरक्षित राज्य बनाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में एक और अपडेट खबर में जानें.

Cabinet Minister Ranbir Gangwa
Cabinet Minister Ranbir Gangwa (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 20, 2025, 11:47 AM IST

हिसार: हरियाणा में जल संकट को दूर करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है. ऐसे में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री रणबीर गंगवा ने कहा कि हरियाणा प्रदेश जल सुरक्षित राज्य के लक्ष्य को 2047 तक पूरा करेगा. इसको लेकर हरियाणा में रेनीवेल, जल जीवन मिशन, अमृत योजना के अलावा नहर आधारित पेयजल परियोजनाओं का विस्तार किया जा रहा है. जनस्वास्थ्य मंत्री ने हरियाणा को जल सुरक्षित राज्य बनाने के लिए विभिन्न परियोजनाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए विशेष पैकेज दिए जाने की भी मांग की है.

जलु सुरक्षित राज्य बनाने के लिए विशेष पैकेज की मांग: कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा ने प्रदेश में जल संसाधनों के समुचित इस्तेमाल और योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हरियाणा में नहर आधारित योजनाओं को और सुदृढ़ किया जा रहा है. जिन क्षेत्रों में जल घरों में पानी की कमी है, उनको नहरों के ऊपरी छोर पर स्थानांतरित करना है. यह बहुत बड़ा काम है, जिसके लिए भारी निवेश की जरूरत है. मंत्री ने कहा कि हम इन परियोजनाओं के लिए नाबार्ड की क्षमता का उपयोग कर रहे हैं. उन्होंने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से हरियाणा को जल सुरक्षित राज्य बनाने के लिए विशेष पैकेज दिए जाने की मांग की है.

रैनीवैल परियोजना से गांवों को जोड़ा: रणबीर गंगवा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने यमुना नदी से रेनीवेल परियोजना के माध्यम से 216 गांवों को स्थायी आधार पर पीने का पानी उपलब्ध कराया है. नवीन और सतत स्त्रोत वाली यह परियोजना गेम चेंजर रही है. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार मेवात क्षेत्र के गांवों को रेनीवेल योजनाओं के दायरे में लाने के लिए कार्य कर रही है.

उपयोगी योजनाओं पर आगे बढ़े: वहीं, गंगवा ने कहा कि भूजल के अत्यधिक दोहन से उत्पन्न खतरे से निपटने के लिए हरियाणा सरकार सकारात्मक कदम उठाते हुए आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि हरियाणा में 2137.00 एमएलडी की कुल क्षमता वाले 177 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट हैं. जिनमें से 1487.12 एमएलडी उपचारित अपशिष्ट जल उत्पन्न किया जा रहा है. दिसंबर 2025 तक यह मात्र 1 हजार एमएलडी से ज्यादा करने का हमारा प्रयास है. वहीं, मंत्री ने दिसंबर 2028 तक हरियाणा राज्य में 100 प्रतिशत उपचारित अपशिष्ट जल का दोबारा इस्तेमाल करने की भी उम्मीद जताई है.

ये भी पढ़ें: हरियाणा: जल संकट से उबरने के लिए सरकार का बड़ा फैसला, धान की खेती छोड़ने वालों को मिलेगी सब्सिडी

ये भी पढ़ें: दिल्ली-हरियाणा जल विवाद: हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट के क्षेत्राधिकार को चुनौती दी

हिसार: हरियाणा में जल संकट को दूर करने के लिए सरकार प्रयास कर रही है. ऐसे में जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री रणबीर गंगवा ने कहा कि हरियाणा प्रदेश जल सुरक्षित राज्य के लक्ष्य को 2047 तक पूरा करेगा. इसको लेकर हरियाणा में रेनीवेल, जल जीवन मिशन, अमृत योजना के अलावा नहर आधारित पेयजल परियोजनाओं का विस्तार किया जा रहा है. जनस्वास्थ्य मंत्री ने हरियाणा को जल सुरक्षित राज्य बनाने के लिए विभिन्न परियोजनाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए विशेष पैकेज दिए जाने की भी मांग की है.

जलु सुरक्षित राज्य बनाने के लिए विशेष पैकेज की मांग: कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा ने प्रदेश में जल संसाधनों के समुचित इस्तेमाल और योजनाओं के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि हरियाणा में नहर आधारित योजनाओं को और सुदृढ़ किया जा रहा है. जिन क्षेत्रों में जल घरों में पानी की कमी है, उनको नहरों के ऊपरी छोर पर स्थानांतरित करना है. यह बहुत बड़ा काम है, जिसके लिए भारी निवेश की जरूरत है. मंत्री ने कहा कि हम इन परियोजनाओं के लिए नाबार्ड की क्षमता का उपयोग कर रहे हैं. उन्होंने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री से हरियाणा को जल सुरक्षित राज्य बनाने के लिए विशेष पैकेज दिए जाने की मांग की है.

रैनीवैल परियोजना से गांवों को जोड़ा: रणबीर गंगवा ने कहा कि हरियाणा सरकार ने यमुना नदी से रेनीवेल परियोजना के माध्यम से 216 गांवों को स्थायी आधार पर पीने का पानी उपलब्ध कराया है. नवीन और सतत स्त्रोत वाली यह परियोजना गेम चेंजर रही है. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार मेवात क्षेत्र के गांवों को रेनीवेल योजनाओं के दायरे में लाने के लिए कार्य कर रही है.

उपयोगी योजनाओं पर आगे बढ़े: वहीं, गंगवा ने कहा कि भूजल के अत्यधिक दोहन से उत्पन्न खतरे से निपटने के लिए हरियाणा सरकार सकारात्मक कदम उठाते हुए आगे बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि हरियाणा में 2137.00 एमएलडी की कुल क्षमता वाले 177 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट हैं. जिनमें से 1487.12 एमएलडी उपचारित अपशिष्ट जल उत्पन्न किया जा रहा है. दिसंबर 2025 तक यह मात्र 1 हजार एमएलडी से ज्यादा करने का हमारा प्रयास है. वहीं, मंत्री ने दिसंबर 2028 तक हरियाणा राज्य में 100 प्रतिशत उपचारित अपशिष्ट जल का दोबारा इस्तेमाल करने की भी उम्मीद जताई है.

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