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वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना हो रहा पूरा, बोले सीएम योगी- देश के विकास का ग्रोथ इंजन बन रहा यूपी - UPS ONE TRILLION DOLLAR ECONOMY

वन ट्रिलियन की इकोनॉमी वाला स्टेट बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सीएम ने की समीक्षा

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समीक्षा बैठक में सीएम योगी (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 18, 2024, 6:16 PM IST

लखनऊ:उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने के संकल्प की पूर्ति के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार कोशिशों में जुटे हुए हैं. शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में यूपी को एक ट्रिलियन की इकोनॉमी वाला स्टेट बनाने की दिशी में किए जा रहे प्रयासों और अब तक के परिणामों और आगे की नीति पर मंथन किया गया. बैठक में संबंधित विभागों के मंत्री, सीनियर अधिकारिय, सलाहकार और विशेषज्ञ मौजूद रहे. बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी 10 सेक्टरों में जारी कार्यों की समीक्षा की. इस दौरान कंसल्टिंग एजेंसी डेलॉयट इंडिया ने विस्तार से प्रदेश के आर्थिक परिवेश की वर्तमान स्थिति और संभावित भावी परिणाम, उद्योग जगत की अपेक्षाओं के संबंध में सेक्टरवार विस्तार से जानकारी दी.

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि पिछले साल सात वर्ष के नियोजित प्रयासों से उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था आज सार्वकालिक सर्वश्रेष्ठ स्थिति में है. 2021-22 में प्रदेश की कुल जीडीपी 16.45 लाख करोड़ थी, जो वर्तमान में 2023-24 में 25.48 लाख करोड़ से अधिक हो गई है. इस साल हमारा GSDP लक्ष्य 32 लाख करोड़ का है. सभी के सहयोग से यह लक्ष्य भी पूरा होगा. सात वर्ष में GDP और प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक हुई है. उत्तर प्रदेश आज देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में देश के विकास का ग्रोथ इंजन बन रहा है.

सीएम ने की समीक्षा बैठक (Photo Credit; ETV Bharat)

सीएम योगी ने बताया कि सेक्टर वाइज डेवलपमेंट के हमारे प्रयासों के आशातीत परिणाम मिल रहे हैं. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अलग-अलग सेक्टरों के लिए Gross Value Added यानि GVA का जो लक्ष्य रखा गया, उसके सापेक्ष अधिक वृद्धि देखी गई है. कृषि और सहायक सेक्टर के लिए अनुमानित GVA 5.85 लाख करोड़ के सापेक्ष 5.98 लाख करोड़, विनिर्माण के 2.48 लाख करोड़ के सापेक्ष 2.79 लाख करोड़, ट्रांसपोर्ट, स्टोरेज और कम्युनिकेशन के अनुमानित GVA के सापेक्ष 129% की वृद्धि दर्ज की गई है.

सीएम ने की समीक्षा बैठक (Photo Credit; ETV Bharat)

Gross Value Added से स्पष्ट होता है कि, व्यापार, होटल, परिवहन और प्रसारण से संबंधित संचार सेवाओं की वृद्धि दर में तेजी आई है. ऐसे ही हाल अन्य सेक्टरों में भी है. ओवरऑल बात करें तो, 2023-24 में राज्य के लिए अनुमानित GSVA 23 लाख करोड़ के सापेक्ष सकल मूल्य वर्धन 23.24 लाख करोड़ रहा है. ये स्थिति अर्थव्यवस्था की बेहतर स्थिति को प्रदर्शित करती है.

सीएम ने की समीक्षा बैठक (Photo Credit; ETV Bharat)

वहीं बैठक में मौजूद अधिकारियों को संबोधित करते हुए सीएम ने बताया कि, वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था (OTDE) के लक्ष्य की प्राप्ति में सभी विभागों की भूमिका महत्वपूर्ण है. यह लक्ष्य बड़ा है. पिछले साला का रिपोर्ट कार्ड भी विभागों की सक्रियता को प्रदर्शित करता है. हमारी नीति और नियोजन सही है. बड़े लक्ष्य के लिए अपनी स्पीड तेज करने की जरूरत है. इसकी रेग्युलर मॉनीटरिंग होनी चाहिए. हर विभाग में इसके लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए. नोडल अधिकारी वीकली, प्रमुख सचिव स्तर पर पाक्षिक और विभागीय मंत्री के स्तर पर मंथली समीक्षा बैठक की जाए.

वहीं एक्यूरेसी के साथ आंकड़ों का भी होना आवश्यक है. इसके लिए सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) से संवाद-समन्वय बनाएं. उनके अनुभवों का लाभ लें. सही आंकलन के लिए विभागवार सांख्यकीय अधिकारियों के लिए कार्यशाला या प्रशिक्षण का आयोजन करें. डेटा जितना शुद्ध होगा, लक्ष्य के लिए हम उतना ही बेहतर प्रयास कर सकेंगे.

सीएम ने की समीक्षा बैठक (Photo Credit; ETV Bharat)

मुख्यमंत्री ने साफ किया कि 2023-24 में प्रदेश का कम्पाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) लगभग 16% दर्ज किया गया हैय. यह स्थिति उत्साहजनक है. वर्तमान वर्ष के लिए 25% का लक्ष्य है. सभी विभागों को अपने प्रयास तेज करने होंगे. हमारा लक्ष्य स्पष्ट है. सभी को मिलकर सही नीति और नियोजित क्रियान्वयन के लिए प्रयास करना होगा. हर सेक्टर में अवसर हैं, हमें नवाचारों को बढ़ावा देना होगा. कृषि सेक्टर में सीड इकोसिस्टम को बेहतर करना होगा, इसके लिए सीड पार्क जैसे प्रयासों को बढ़ाने की आवश्यकता है. किसानों को दलहन, तिलहन, मिलेट अन्न की बोआई के लिए प्रोत्साहित करते हुए फसल विविधीकरण एवं बेहतर सप्लाई चेन मैनेजमेंट और बेहतर करने की आवश्यकता है.

पर 'ब्लॉक-वन क्रॉप जैसे कार्यक्रमों को करें प्रोत्साहित:सीएम योगी के अनुसार अनाज, फल और सब्जियों के उत्पादन की वृद्धि दर को दोगुनी तेजी देने के लिए ठोस प्रयासों की आवश्यकता है. हार्टिकल्चर में 'पर 'ब्लॉक-वन क्रॉप' जैसे कार्यक्रमों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. किसानों को प्रशिक्षित करें, संसाधन उपलब्ध कराएं, नवाचारों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए. रिफॉर्मच परफॉर्म और ट्रान्सफार्म के मंत्र का अर्थव्यवस्था के द्वितीयक खंड सबसे अच्छा परिणाम देखने को मिला है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की तेज वृद्धि दर उत्साहित करने वाली है. भविष्य की जरूरतों के दृष्टिगत लैंडबैंक के विस्तार, नीतिगत सुधार और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अपने प्रयासों को तेज करना होगा. अनेक निवेशक उत्तर प्रदेश में आने के लिए तैयार हैं. टेक्सटाइल पार्क, सोलर पार्क, प्लेज पार्क के अनेक प्रस्ताव मिल रहे हैं. हमें इस अनुकूल अवसर का लाभ उठाना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि, औद्योगिक परियोजनाओं के लिए भूमि की आवश्यकता होगी. सभी को अतिरिक्त प्रयास करना होगा. ग्राम समाज की भूमि औद्योगिक विकास और एमएसएमई के उपयोग में लाने की व्यवस्था की गई है. लैंड पूलिंग पॉलिसी को और बेहतर किया जाना चाहिए. ऐसी भूमि जो आवंटित है लेकिन उपयोग नहीं की जा रही है, उनका मार्किंग करें, उनके बारे में यथोचित निर्णय लें. 'सिक यूनिट' की पहचान कर उनके सदुपयोग के बारे में निर्णय लें. इंडस्ट्रियल क्लस्टर की कार्ययोजना को आगे बढ़ाया जाए.

इन्वेस्टमेंट और भूमि अधिग्रहण से जुड़े प्रकरण लंबित नहीं रहने चाहिए. इसके लिए जिलाधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी. MoUs को धरातल पर उतारें. कई एप्रूवल की प्रक्रियाओं को समयबद्ध करना होगा, तय समय सीमा के बीतने के बाद एप्रूवल की डीम्ड मान लिया जाना चाहिए. पब्लिक ग्रीवांस सिस्टम को और लाभकारी बनाया जाने की आवश्यकता है. OTDE के लिए हमें निजी और सार्वजनिक निवेश को और बढ़ाना होगा. निवेशकों से संपर्क-संवाद का क्रम जारी रखना चाहिए. नए सेक्टर-नए निवेशकों से भी संवाद करें. उन्हें प्रदेश की यूएसपी से अवगत करायें. इन्वेस्टर आउटरीच को और बेहतर करने की आवश्यकता है. सिंगल विंडो प्रणाली को और सरल तथा अधिक पारदर्शी बनाया जाए.

सोलर और बायोमास सेक्टर पर करें फोकस:मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ऊर्जा सेक्टर को भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखकर काम करने की जरूरत है. गैर पारंपरिक ऊर्जा विकल्पों को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने नीति जारी की है. हमें सोलर और बायोमास सेक्टर में निवेशकों की ओर से अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. हमें सोलर एनर्जी कैपेसिटी को बढाने पर काम करने की जरूरत है. प्रदेश में पीएम सूर्य घर योजना का कवरेज बढाने का प्रयास करें. होटल/रेस्टोरेंट, ट्रान्सपोर्ट, संचार, रियल एस्टेट, प्रोफेशनल सर्विस के साथ ही दूसरे सेवाओं वाले तृतीयक खंड में प्रदेश तेजी से तरक्की कर रहा है. अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, काशी, प्रयागराज, नैमिषारण्य इसके महत्वपूर्ण केंद्र हैं. पिछले सात वर्षों में यहां व्यापक परिवर्तन हुआ है. टूरिस्ट फुटफॉल अभूतपूर्व रूप से बढ़ा है. वर्तमान वर्ष में अब तक 62 करोड़ से अधिक पर्यटकों का आगमन हो चुका है. यह टूरिस्ट फुटफॉल लोकल इकॉनमी को बढ़ावा देने वाला है. अगले वर्ष प्रयागराज महाकुंभ का आयोजन है. यह पूरे प्रदेश की अर्थव्यवस्था में बड़ा असर डालने वाला होगा. नैमिषारण्य, विंध्यधाम जैसे केंद्रों की पहचान कर उनकी बेहतर ब्रांडिंग करनी चाहिए. बौद्ध सर्किट का संबंधित देशों में व्यापक प्रचार-प्रसार कराएं. पर्यटन स्थलों पर जनसुविधाएं और बेहतर की जाएं.

IT सेक्टर को उद्योग का दर्जा, जल्द लाएं AI के लिए पॉलिसी:सीएम योगी ने बताया कि आईटी सेक्टर को उद्योग का दर्जा दिया गया है. गौतमबुद्ध नगर आज आईटी सेक्टर का ग्लोबल हब बन कर उभरा है. प्रदेश में IT और ITeS टेस्टिंग सेंटर की स्थापना का प्रयास करें. लखनऊ में AI City के लिए जमीन की पहचान की जा चुकी है, इससे संबंधित पॉलिसी जल्द लाई जाए. परियोजना पर काम तेज किया जाना चाहिए. हमें ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेनिंग के लिए भी प्रस्ताव मिले हैं, इसकी बेहतर संभावनाओं का लाभ लेने के लिए हमें यथाशीघ्र अपनी ड्रोन पॉलिसी लागू करनी चाहिए. स्टार्ट अप पंजीकरण के लिए कानपुर के साथ-साथ नोएडा में भी सुविधा कार्यालय प्रारंभ कराया जाए. परिवहन सेक्टर की बेहतरी के लिए ठोस प्रयास किये जाने चाहिए. असेवित क्षेत्रों के लिए बसों का संचालन करें. निजी क्षेत्र का भी सहयोग लिया जाना चाहिए. जल मार्ग परिवहन संबंधित प्राधिकरण का गठन किया गया है, इस दिशा में भी आने वाले दिनों में अच्छे परिणाम मिलेंगे.

हॉस्पिटल, हाउसिंग और होटल के लिए निजी क्षेत्र की ओर से बड़े प्रस्ताव मिल रहे हैं. आने वाले दिनों में इस सेक्टर में और अधिक तेजी देखने को मिलेगी. नियमों को सरल करें, व्यवहारिकता का ध्यान रखें. निवेशकों की अपेक्षाओं को समझें. यह पूरा सेक्टर अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के साथ-साथ ईज ऑफ लिविंग की दृष्टि से भी उपयोगी सिद्ध होगा. OTDE के लिए हर विभाग का लक्ष्य पहले से ही निर्धारित है. इसकी प्रगति की सतत समीक्षा आवश्यक है. हर विभाग की कैपेसिटी बिल्डिंग की जरूरत है. रिफॉर्म की कार्ययोजना तैयार करें, लागू करें. हर काम की समय सीमा तय करें. यही प्रदेश है जहां 2016-17 में एक्साइज से मात्र 12 हजार करोड़ का राजस्व मिलता था आज 52 हजार करोड़ का राजस्व मिलता है. यानी कमी सामर्थ्य की नहीं, इच्छाशक्ति की थी.

आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश के लिए नगर निकायों और ग्राम पंचायतों का आत्मनिर्भर होना आवश्यक है. इनके आय संवर्धन के लिए ठोस कार्ययोजना बनाई जाए. गांव हो या कस्बे, हर जगह आम आदमी को अच्छी सड़क, शुद्ध पेयजल, बेहतर जनसुविधा उपलब्ध होनी चाहिए.

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