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आगरा के संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. आरपी शर्मा निलंबित; 3 लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़े गए थे रंगे हाथ - Agra Bribe Case

17 अगस्त को विजिलेंस ने तीन लाख रुपये की रिश्वत के साथ जेडी आरपी शर्मा को गिरफ्तारी किया था. इसके बाद 18 अगस्त को विजिलेंस ने जेडी को मेरठ के कोर्ट में पेश किया. जहां से कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया. तभी से जेडी आरपी शर्मा जेल में हैं.

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आगरा के संयुक्त शिक्षा निदेशक डॉ. आरपी शर्मा निलंबित. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 7, 2024, 10:58 AM IST

आगरा: उप्र सरकार ने तीन लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में जेल गए आगरा के संयुक्त शिक्षा निदेशक आरपी शर्मा को निलंबित कर दिया है. एक शिक्षक की शिकायत पर विजिलेंस की टीम ने जेडी डॉ. आरपी शर्मा को रंगे हाथ रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार किया था. इस बारे में शासन की ओर से निलंबन का आदेश जारी किया गया है. इसके साथ ही शासन ने विजिलेंस की कार्रवाई को लेकर उठे सवाल की जांच करने के भी आदेश दिए हैं.

सहायक अध्यापक अजय पाल सिंह ने विजिलेंस में शिकायत की थी कि, उसकी फर्जी नियुक्ति की शिकायत की जांच में मेरे पक्ष में रिपोर्ट लगाने के लिए 10 लाख की रिश्वत मांगी थी. जिसमें पहली किस्त में तीन लाख रुपए मांगे थे. डीआईओएस ने शिक्षक को क्लीनचिट दे दी थी. लेकिन, जेडी आरपी शर्मा रिपोर्ट नहीं लगा रहे थे. 17 अगस्त को विजिलेंस ने तीन लाख रुपये की रिश्वत के साथ जेडी आरपी शर्मा को गिरफ्तारी किया था.

इसके बाद 18 अगस्त को विजिलेंस ने जेडी को मेरठ के कोर्ट में पेश किया. जहां से कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया. तभी से जेडी आरपी शर्मा जेल में हैं. जेडी के रिश्वत में दबोचे जाने पर शिक्षक संगठनों ने सवाल उठाए. आगरा में शिक्षकों ने विरोध प्रदर्शन किया. मामला आगरा से लखनऊ तक पहुंचा. जिस पर विजिलेंस की कार्रवाई पर उठे सवाल की जांच के लिए एक कमेटी बनाई है. शासन ने जांच के लिए शिक्षा निदेशक माध्यमिक महेन्द्र देव को जांच अधिकारी नामित किया है.

बता दें कि रिश्वत मामले में जेल गए जेडी आरपी शर्मा को लेकर अब शासन ने एक आदेश जारी किया है. ये निलंबन का आदेश सचिव डॉ. वेदपति मिश्रा की ओर से जारी किया गया है. इसके साथ ही शासन ने मंडलीय संयुक्त शिक्षा अधिकारी के पद पर उप शिक्षा निदेशक माध्यमिक मनोज गिरि को अतिरिक्त प्रभार दिया है.

सहायक अध्यापक अजय पाल सिंह की शिकायत के बाद विभाग के अधिकारी और कर्मचारी उसके खिलाफ हो गए हैं. जेडी के निलंबन का पत्र आने के बाद सहायक अध्यापक की बर्खास्तगी की चर्चाएं होने लगीं. जबकि सहायक शिक्षक अजय पाल का मामला विधानपरिषद की जांच में अटका है. जब तक शिकायत का निस्तारण नहीं हो जाएगा, तब तक शिक्षक के खिलाफ कोई निर्णय होने की गुंजाइश नहीं है.

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