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प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को HC की फटकार, बिना इजाजत हड़ताल पर क्यों गए डॉक्टर्स, आज होगी सुनवाई - HC Notice to Bhopal Medical Collage

कोलकाता घटना के विरोध में मध्य प्रदेश में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों को हाईकोर्ट ने नोटिस भेजा है. जबलपुर हाईकोर्ट में डॉक्टरों की हड़ताल के खिलाफ याचिका दायर की गई थी. जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर 24 घंटे में जवाब मांगा है कि बिना अनुमति डॉक्टर्स हड़ताल पर कैसे गए?

HC NOTICE TO BHOPAL MEDICAL COLLAGE
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को HC की फटकार (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 16, 2024, 10:57 PM IST

Updated : Aug 17, 2024, 7:27 AM IST

जबलपुर/भोपाल: पश्चिम बंगाल के कोलकाता में जूनियर डॉक्टर की हैवानियत के बाद हत्या कर दी गई. यह घटना सामने आने के बाद देशभर में डॉक्टर्स द्वारा विरोध प्रदर्शन जारी है. वहीं डॉक्टरों की हड़ताल के खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सकलेजा व जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने याचिका को गंभीरता से लिया है. युगलपीठ ने इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन गांधी हॉस्पिटल भोपाल को नोटिस व पूर्व में पारित आदेश की प्रति भेजने के निर्देश दिए हैं. नोटिस में कोर्ट ने पूछा है बिना अनुमति डॉक्टर्स हड़ताल पर कैसे चले गए. बता दें युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई शनिवार 17 अगस्त को सुनवाई निर्धारित की है.

हड़ताल को बताया गलत

नरसिंहपुर निवासी अंशुल तिवारी की तरफ से यह याचिका हाईकोर्ट में दायर की गई थी. दायर याचिका में कहा गया था कि पश्चिम बंगाल में एक महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना के विरोध में देशभर के डॉक्टर आंदोलनरत हैं. प्रदेश के डॉक्टर भी घटना के विरोध में हड़तालरत पर चले गए हैं. याचिकाकर्ता की तरफ से पूर्व में इंदरजीत सिंह शेरू की तरफ से दायर याचिका पर हाईकोर्ट द्वारा फरवरी 2023 के आदेश का हवाला देते हुए डॉक्टरों की हड़ताल को अवैधानिक करार दिया गया था. हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश शासकीय व स्व शासकीय चिकित्सा महासंघ व मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन को निर्देशित किया था कि वह हाईकोर्ट में बिना सूचित किए सांकेतिक हड़ताल तक नहीं करेंगे.

हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस

मामले पर अधिवक्ता अभिषेक पांडे ने बताया कि जूनियर डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल की बात कर रहे हैं. जबकि हाईकोर्ट ने डिवीजन बेंच में निर्देश दिया था, कि मेडिकल सर्विसेस अतिआवश्यक सेवाओं के अंतर्गत आती है. इससे मरीजों का हित जुड़ा हुआ है. ऐसे में डाक्टर हड़ताल पर नहीं जा सकते हैं. इसलिए हमने हाईकोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने के मामने में कोर्ट में याचिका लगाई है. जिस पर सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने प्रमुख सचिव स्वास्थ्य विभाग, डीन गांधी मेडिकल कॉलेज व जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन गांधी मेडिकल कॉलेज को नोटिस के साथ पूर्व के आदेश की कॉपी भेजकर जवाब मांगा है, कि पूर्व के दिए आदेश के बावजूद अदालत की अनुमति के बिना भोपाल में डॉक्टर्स हड़ताल पर क्यों गए हैं? याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता संजय अग्रवाल ने पैरवी की.

सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक बंद रहेंगी ओपीडी सेवा

बता दें कोलकाता घटना के बाद एमपी में डाक्टरों से संबंधित एसोसिएशन ने 17 अगस्त को सभी सरकारी और निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद करने का ऐलान किया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष वाई सुब्बाराव ने बताया कि 'कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद देशभर के डाक्टरों में आक्रोश है. इसलिए आईएमए ने देशभर में शनिवार को प्राइवेट और निजी अस्पतालों में ओपीडी सेवाएं बंद रखने का आह्वान किया है. हालांकि इसमें कहा गया है, कि दोपहर 2 बजे तक इमरजेंसी में मरीजों का ईलाज किया जाएगा. बता दें कि शुक्रवार को भी एम्स भोपाल और गांधी मेडिकल कालेज समेत प्रदेश के सभी निजी और शासकीय मेडिकल कालेजों के 3 हजार से अधिक जूनियर और रेजीडेंट डाक्टर हड़ताल पर थे. जिससे ओपीडी सेवाएं बाधित रहीं.'

भोपाल में इन अस्पतालों में नहीं होगा ईलाज

एसोसिएशन ऑफ हेल्थ केयर प्रोवाइडर्स आफ इंडिया में एमपी चैप्टर के अध्यक्षडॉ. अनूप हजेला ने बताया कि 'शनिवार को भोपाल में अक्षय हार्ट हास्पिटल, नेशनल अस्पताल, हजेला, गेस्ट्रोकेयर और सिद्धांता समेत अन्य निजी व सरकारी अस्पतालों ने ओपीडी बंद करने का समर्थन किया है. हालांकि इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी. 17 अगस्त को ओपीडी बंद करने के लिए आईएमए, यूनाइटेड डाक्टर फेडरेशन, चिकित्सक महासंघ, प्रोग्रेसिव मेडिकल आफीसर एसोसिएशन, जूनियर डाक्टर एसोसिएशन, मेडिकल आफिसर मेडिकल एजूकेशन और होम डिपार्टमेंट एसोसिएशन ने काम बंद हड़तान का आह्वान किया है.

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मेडिकल इंटर्न को ईलाज के लिए बुलाने का आश्वासन

जूनियर और रेजीडेंट डाक्टरों की हड़ताल को देखते हुए एम्स भोपाल और हमीदिया अस्पताल में डाक्टरों की छुट्टी निरस्त कर दी गई है. जिससे ओपीडी में आने वाले मरीजों को ईलाज मिल सके. गांधी मेडिकल कालेज की डीन डॉ. कविता सिंह ने डाक्टरों को 24 घंटे ड्यूटी पर रहने का आदेश जारी किया है. साथ ही मेडिकल फैकल्टी को इमरजेंसी, ओपीडी, आपरेशन थिएटर, वार्ड और लैब में अपनी सेवाएं देने को कहा है. वहीं जरुरत पड़ने पर मेडिकल इंटर्न को भी मरीजों का ईलाज करने के लिए बुलाने का आश्वासन दिया है. यही हाल भोपाल एम्स का भी है. बता दें कि जूनियर डाक्टरों की हड़ताल के कारण छोटे ऑपरेशन टालने पड़ रहे हैं.

Last Updated : Aug 17, 2024, 7:27 AM IST

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