दिल्ली के अस्पतालों में डॉक्टरों ने जारी रखी हड़ताल (ETV BHARAT) नई दिल्ली:इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर आज दिल्ली के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में सुबह से ही हड़ताल जारी है. सभी अस्पतालों में हड़ताल का असर दिखना शुरू हो गया है. मरीजों को अस्पताल से बिना इलाज वापस लौटना पड़ रहा है. वहीं, करीब 10 बजे से अस्पताल पहुंचकर डॉक्टरों ने भी प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस दौरान प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई घटना के दोषियों को फांसी देने और सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट की मांग शुरू कर दी.
दिल्ली के जीटीबी, राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी, चाचा नेहरू, हेडगेवार आरोग्य संस्थान सहित सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों ने हड़ताल की. वहीं, प्राइवेट अस्पतालों की बात करें तो गोयल नर्सिंग होम, डॉक्टर मोंगा नर्सिंग होम, पुष्पांजलि अस्पताल, त्यागी परफेक्ट हॉस्पिटल, कैलाश दीपक हॉस्पिटल, शांति मुकुंद हॉस्पिटल सहित कई अन्य अस्पतालों में डॉक्टरों ने हड़ताल की. इस दौरान भारी संख्या में डॉक्टर धरना प्रदर्शन में शामिल हुए. सभी डॉक्टरों ने एक सुर में कोलकाता रेप और मर्डर की पीड़िता के लिए न्याय की मांग की.
वहीं, हेडगेवार आरोग्य संस्थान के डॉक्टरों ने दोषियों को फांसी देने की मांग करते हुए जमकर नारेबाजी की. इस दौरान हेडगेवार अस्पताल में इलाज के लिए आए मरीज भी डॉक्टरों का साथ देते नजर आए. मरीजों ने भी डॉक्टरों के समर्थन में नारेबाजी की और दोषियों के लिए फांसी की मांग करते हुए नारे लगाए. हेडगेवार आरोग्य संस्थान में मेडिसिन विभाग के सीनियर रेजिडेंट और आरडीए से जुड़े डॉक्टर नदीम ने कहा कि कोलकाता में जो घटना हुई है वह बहुत दर्दनाक है.
डॉक्टर नदीम ने कहा कि घटना के बाद अस्पताल प्रशासन ने उसको दबाने की कोशिश की. पहले बताया गया कि यह सुसाइड है, पर जब लोगों ने इस बात को नहीं माना और वहां प्रोटेस्ट किया तो कहा गया कि यह मर्डर है. फिर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में निकलकर आया कि यह गैंगरेप है. अब केस सीबीआई को हैंड ओवर हो गया है. लेकिन हमारी मांग है कि इस केस को फास्ट्रेक कोर्ट में रेफर किया जाए और दोषियों को जल्दी से जल्दी फांसी दी जाए.
डॉक्टर नदीम ने कहा कि अस्पताल में सबूतों के साथ भी छेड़छाड़ हुई है. छेड़छाड़ करने वाले लोगों पर भी जल्द एक्शन लिया जाए. इसके साथ ही पूरे देश के डॉक्टरों की एक ही मांग है कि केंद्रीय प्रोटेक्शन एक्ट को लागू करके सरकार सभी अस्पतालों के डॉक्टर और कर्मचारियों को सुरक्षा दे. जब हम अस्पताल में सुरक्षित महसूस करेंगे तभी अपने मरीजों को ढंग से देख सकेंगे. उधर ज़ीटीबी अस्पताल, इहबास और राजीव गांधी अस्पताल आरडीए ने भी मिलकर प्रोटेस्ट करते हुए अस्पताल में ही मार्च निकाला. इस दौरान इहबास और जीटीबी में बड़ी संख्या में डॉक्टर, नर्सिंग कर्मचारी, टेक्नीशियन सहित अस्पताल से जुड़े हुए सभी कर्मचारी शामिल हुए.