श्रीनगरःउत्तराखंड में 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी है. पहले ही दिन केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में करीब 36 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए. 12 मई को भगवान बदरीनाथ धाम के कपाट भी खोले जाएंगे. ऐसे में धीरे-धीरे श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ेगी. दूसरी तरफ उत्तराखंड में मौसम भी श्रद्धालुओं के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है. बारिश और तेज धूप से लोगों के स्वास्थ्य पर खासा असर पढ़ने की संभावना भी डॉक्टरों द्वारा जताई गई है.
अक्सर देखा जाता है कि बदलते मौसम और ऊंचाई वाले इलाकों में श्रद्धालुओं को सांस लेने में दिक्कत और हार्ट अटैक जैसी स्वास्थ्य परेशानी से गुजरना पड़ता है. इस बीच कई श्रद्धालु समय पर इलाज मिलने से मौत के मुंह से बाहर निकल जाते हैं, लेकिन कुछ श्रद्धालुओं को अपनी जान से हाथ भी धोना पड़ता है. ऐसे में मेडिकल कॉलेज श्रीनगर के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने चारधाम आने वाले श्रद्धालुओं को अपने स्वास्थ्य का कैसे ध्यान रखें, इसकी जानकारी दी है.
वीर चंद्र सिंह गढ़वाली मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में मेडिसिन विभाग के एचओडी प्रो केएस बुटोला का कहना है कि यात्राकाल के दौरान स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं सबसे ज्यादा मैदानी इलाकों के राज्यों के लोगों में देखने को मिलती हैं. उत्तराखंड के ऊंचाई वाले इलाकों में मौसम और ऑक्सीजन लेवल पलपल बदलता रहता है. ऐसी परिस्थितियों में श्रद्धालुओं को अपनी स्क्रीनिंग करवाना जरूरी होता है. अगर उन्हें कोई मेडिकल डिजीज है, तो दवाइयों का बराबर सेवन करना चाहिए. साथ ही अपने चिकित्सक से स्वास्थ्य परामर्श लेकर ही यात्रा शुरू करें.