लखनऊ:एसजीपीजीआई एक्ट 1983 में संशोधन करने के कैबिनेट के निर्णय और मौजूदा निदेशक को तीन साल का विस्तार दिए जाने का विरोध जारी है. पीजीआई फैकल्टी फोरम के पदाधिकारियों समेत करीब 80 सीनियर डॉक्टरों ने हस्ताक्षर करके विरोध पत्र जारी किया है. डॉक्टरों का साफ तौर पर कहना है कि एसजीपीजीआई दिल्ली एम्स की तर्ज पर कार्य करता है. वहां पर निदेशक के रिटायर होने की आयु 65 साल है.
इस तरह एक्ट में बदलाव को संस्थान के डॉक्टर बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्हें मजबूरन आंदोलन करना पड़ेगा. कुछ डॉक्टर संस्थान भी छोड़ सकते हैं. फैकल्टी फोरम के डॉक्टरों का कहना है कि पीजीआई संस्थान के संकाय को किसी भी चर्चा, विचार-विमर्श या सूचना दिए बिना, केवल एक व्यक्ति को लाभ पहुंचाने के लिए अधिनियम को बदलने के अचानक निर्णय से संस्थान के संकाय भयभीत हैं.