लखनऊःआज के दौर में डॉक्टर, इंजीनियर ज्योतिष के दावों को एक हद तक मानते हैं. लेकिन अब विज्ञान से जुड़े लोग ज्योतिष की पढ़ाई कर रहे हैं. लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिर्विज्ञान विज्ञान विभाग में इस साल बड़ी संख्या में ऐसे छात्रों ने प्रवेश लिया है, जो पैसे से डॉक्टर और इंजीनियर है. लखनऊ विश्वविद्यालय में इस कोर्स की डिमांड इतनी बढ़ गई है कि इस साल विश्वविद्यालय प्रशासन ने निर्धारित सीटों को दुगना कर दिया है. पिछले साल तक जहां इस विषय में 20 सीटों पर दाखिले होते थे. वहीं इस बार छात्रों के रुझान को देखते हुए 40 सीटों पर एडमिशन लिए गए हैं.
10 से अधिक IIT प्रोफेशनल ने लिया एडमिशनः ज्योतिर्विज्ञान के शिक्षक डॉक्टर अनुज कुमार शुक्ला ने बताया कि पहले विभाग में सीटे भरना काफी मुश्किल होता था. पहले संस्कृत बैकग्राउंड के छात्र ही प्रवेश लेते थे. लेकिन पिछले कुछ सालों में इसमें बड़ी संख्या में प्रोफेशनल लोगों के दाखिले आ रहे हैं. इस साल अब तक 10 से अधिक आईटी प्रोफेशनल्स ने ज्योतिष की पढ़ाई करने के लिए दाखिला लिया है. जबकि चार से पांच डॉक्टर और मेडिकल प्रोफेशनल इस कोर्स में प्रवेश लिए हैं. इसके अलावा बीएससी व अन्य दूसरे विषयों की भी पढ़ाई कर चुके प्रोफेशनल भी इस कोर्स में एडमिशन के लिए आए हैं. डॉ. अनुज ने बताया कि वर्किंग प्रोफेशनल के साथ कई रिटायर्ड कर्मियों ने भी ज्योतिष में दाखिला लिया है. इस साल लगभग 7 ऐसे लोग हैं, जिन्होंने रिटायरमेंट के बाद ज्योतिष की पढ़ाई कर रहे हैं. सबसे बुजुर्ग 70 साल के राकेश मिश्रा हैं, जो रेलवे से रिटायर होने के बाद ज्योतिष पढ़ रहे हैं.
लखनऊ विश्वविद्यालय से रिपोर्ट. (Video Credit; ETV Bharat) ग्रहों का हमारे स्वास्थ्य पर गहरा असरः डॉ. अनुज कुमार शुक्ला ने बताया कि यह पहला मौका है जब मेडिकल बैकग्राउंड के लोग भी ज्योतिष की पढ़ाई में इंटरेस्ट दिखाया है. ज्योतिष विज्ञान में यह बात पढ़ाई जाती है कि जिस व्यक्ति का बृहस्पति कमजोर होता है, उसको पेट से जुड़ी समस्याएं अधिक होती है. इसी तरह जिस व्यक्ति पर शनि का प्रभाव होता है, उसे कैंसर होने की संभावना सबसे अधिक रहती है. अगर इन ग्रहों के चालू को आदमी के जीवन पर पढ़ने वाले प्रभाव को स्टडी किया जाए तो लोगों को होने वाली बड़ी बीमारियों को आसानी से पहचान कर उसे दूर किया जा सकता है.
इंजीनियरिंग के 19 साल बाद ज्योतिष की पढ़ाईःराजधानी के राजाजीपुरम निवासी अवनीश निगम ने साल 2005 में लखनऊ से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. कई कंपनियों में काम किया और कई देशों में गए. इस दौरान उन्होंने देखा कि ज्योतिष के नाम पर लोगों को काफी ठगा जाता है. ऐसे में लोगों तक सही बात पहुंचाने के लिए उन्होंने ज्योतिष की पढ़ाई करने की सोची और उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया. अवनीश का कहना है कि वह टेक्नोलॉजी और ज्योतिष के सही मेल को दुनिया तक पहुंचाने के लिए उत्सुक हैं.
डॉक्टरी के साथ ज्योतिष की पढ़ाईः इसी तरह मुंशी पुलिया निवासी विक्रमजीत सिंह पैसे से डॉक्टर हैं और प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं. विक्रमजीत भी लखनऊ विश्वविद्यालय से ज्योतिष की पढ़ाई कर रहे हैं. उनका कहना है कि हम लोगों का मानना है कि ग्रहों का हमारे जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ता है. इसी को स्टडी करने के लिए ज्योतिष की पढ़ाई कर रहा हूं, ताकि देखा कि किसी व्यक्ति के जीवन में ग्रहों की प्रभाव उसके स्वास्थ्य पर कितना अधिक पड़ता है.
इसे भी पढ़ें-काल्पनिक नहीं, विज्ञान और गणनाओं पर आधारित है ज्योतिष: डाॅ. विपिन शर्मा