करनाल:दिवाली पर मां लक्ष्मी के पूजन का खास महत्व होता है. सनातन धर्म का ये प्रमुख त्योहार होता है. दीपावली पर्व भगवान राम के वनवास से लौटने के कारण भी मनाया जाता है.भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या आए थे, जिस दिन वो अयोध्या लौटे थे, वो रात अमावस की थी. अयोध्यावासियों ने राम के आगमन पर पूरे अयोध्या को दीपों से प्रज्वलित कर दिया था. इसलिए लोग दिवाली की रात दीप जलाते हैं. हालांकि दिवाली की रात लक्ष्मी पूजन का रहस्य समुद्र मंथन से जुड़ा है. आइए आपको बताते हैं कि आखिरकार दिवाली की रात मां लक्ष्मी की पूजा क्यों किया जाता है? और इस बार लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है?
क्यों होती है दिवाली की रात लक्ष्मी पूजन:दिवाली की रात लक्ष्मी पूजन का कारण जाने के लिए ईटीवी भारत ने पंडित पवन शर्मा से बातचीत की. उन्होंने बताया कि दिवाली के पर्व पर विशेष तौर पर माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है. उनके साथ भगवान गणेश की भी पूजा करने का खास महत्व होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दीपावली के दिन माता लक्ष्मी रात के समय पृथ्वी पर आती है और भ्रमण करती है. इसलिए लोग माता लक्ष्मी के लिए पूजा-अर्चना करते हैं, ताकि उनके घर में सुख समृद्धि बनी रहे और धन की वर्षा होती रहे. कहा जाता है कि भगवान श्री राम के 14 वर्ष के वनवास काटने के बाद अयोध्या में आने पर दिवाली मनाई गई थी. हालांकि मान्यता है कि दीपावली की रात ही विष्णु भगवान ने माता लक्ष्मी को समुद्र मंथन से प्रकट होने के बाद रात के अंधकार में खोजा था. इस कारण रात में दीप जलाने और लक्ष्मी पूजा करने का महत्व है.
दीपावली पर शाम को ही क्यों होती है पूजा:पंडित पवन शर्मा ने बताया कि कार्तिक माह की अमावस्या के दिन दीपावली का त्यौहार मनाया जाता है. दीपावली के दिन रात के समय माता लक्ष्मी और गणेश की पूजा करने का महत्व होता है. दीपावली पर रात के समय लक्ष्मी माता की पूजा का समय होता है. इस दिन सूर्यास्त के बाद ही पूजा करना लाभकारी माना गया है. इसलिए रात के समय ही पूजा की जाती है. दीपावली के दिन अमावस्या होती है. इसलिए मां लक्ष्मी के आगमन के लिए लोग दिवाली की रात घरों में दीपक जलाते हैं. दीप जलाकर लोग माता लक्ष्मी का स्वागत करते हैं. ऐसा करने से माता लक्ष्मी और भगवान श्रीगणेश घर में सुख समृद्धि, धन-धान्य का आशीर्वाद देते हैं. साथ ही उनके घर में लक्ष्मी का वास होता है.