जयपुर. शहर के पारिवारिक न्यायालय-तीन ने एक मामले में पति-पत्नी की 12 साल पुरानी शादी का 10 दिन में तलाक मंजूर करते हुए दोनों की सहमति से तलाक की डिक्री पारित कर दी है. न्यायालय के पीठासीन अधिकारी अजय शुक्ला ने फैसले में कहा कि दोनों के बीच समझौता वार्ता विफल रही है और दोनों ने साथ रहने से भी मना कर दिया है. ऐसे में दोनों की आपसी सहमति के आधार पर तलाक मंजूर किया जाना उचित होगा.
मामले से जुड़े अधिवक्ता सुनील शर्मा व गौरव सिंघल ने बताया कि तलाक की डिक्री होने पर निजी कंपनी में कार्यरत पति ने अपनी पत्नी व बेटी को भी भरण-पोषण के लिए 3 करोड़ रुपए की राशि दी है. इस राशि में से 2 करोड़ रुपए पत्नी और 1 करोड़ रुपए बेटी को दिए हैं. दोनों ने हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत न्यायालय में आपसी सहमति से तलाक लेने के लिए प्रार्थना पत्र दायर किया था.