सिमडेगा,गढ़वा,हजारीबाग,धनबादः शनिवार को प्रदेश के लगभग सभी जिलों राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार के आलोक में इसका आयोजन कर लंबित मामलों का निपटारा किया गया. इसके अलावा पारिवारिक विवादों को भी सुलझाया गया, साथ ही इसके जरिए राजस्व की प्राप्ति भी सरकार को हुई है.
सिमडेगा सिविल कोर्ट में आज न तो लगा कोर्ट रूम सजा ना वकीलों की बहस हुई. फिर भी 20 हजार से अधिक मामलों को सामने लाकर समझौता के माध्यम से अंतिम निपटारा किया गया. राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत विभागवार अलग अलग 09 बेंच लगाकर लंबित मामलों को आपसी समझौतों के तहत निपटारा किया गया. साथ ही सिमडेगा सिविल कोर्ट में दिव्यांग और बुजुर्गों के लिए लिफ्ट का उद्घाटन भी किया गया.
सिमडेगा में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन (ETV Bharat) सिमडेगा जैसे आदिवासी क्षेत्र जहां जागरूकता के अभाव के साथ गरीबी भी हावी है. लोक अदालत में मामलों का निःशुल्क निपटारा कर न्याय देना किसी वरदान से कम नहीं है. आज सबसे पहले झालसा सचिव जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद द्वारा ऑनलाइन जुड़कर लोक अदालत के कार्य और इससे आम जनता को होने वाले फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई.
इसके बाद पीडीजे सिमडेगा द्वारा विधिवत राष्ट्रीय लोक अदालत की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलित कर की गई. आज 09 बैचों के माध्यम से 22 हजार से अधिक मामलों के निष्पादन करने का लक्ष्य सिमडेगा डालसा द्वारा निर्धारित किया गया है. राष्ट्रीय लोक अदालत के उद्घाटन के बाद पीडीजे ने वादीगण को राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व को समझाते हुए आपसी सुलह समझौता कर इस आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत का लाभ उठाने की बात कही और गठित 09 बेंचों से अधिक से अधिक मामलों का निष्पादन सुनिश्चित कराने की बात कही.
गढ़वा में राष्ट्रीय लोक अदालत, करोड़ों के राजस्व की प्राप्ति
गढ़वा व्यवहार न्यायलय में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इसमें सभी विभागों के लगभग 37 हजार वादों का रिकॉर्ड निष्पादन किया गया. आज के इस लोक अदालत में सरकार को लगभग 13 करोड़ 69 लाख 80 हजार 719 रुपए के राजस्व की प्राप्त हुई. राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्घाटन प्रधान जिला जज, कुटुंब न्यायलय के जज, एसपी गढ़वा, एसी गढ़वा सहित अन्य पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.
सुलझा पति-पत्नी का विवाद
आज के इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुटुंब न्यायलय से पति पत्नी के गहरे विवाद को सुलझा कर पुनः दोनों को दोबारा मिलाया गया. इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला जज नलिन कुमार ने कहा कि डालासा और झालसा के निर्देश पर आज राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इस लोक अदालत में बहुत वादों का निष्पादन किया गया है. इस राष्ट्रीय लोक अदालत का लाभ लोग उठा रहे है, यह खुशी की बात है.
गढ़वा में राष्ट्रीय लोक अदालत में पति-पत्नी के विवाद का निपटारा (ETV Bharat) हजारीबाग में राष्ट्रीय लोक अदालत
झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार के आलोक में शनिवार 14 दिसंबर को सिविल कोर्ट परिसर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया. नेशनल लोक अदालत जिला विधिक सेवा प्राधिकार के बैनर तले प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश रंजीत कुमार के दिशा निर्देश पर आयोजित किया गया.
हजारीबाग सिविल कोर्ट परिसर में सुबह से ही नेशनल लोक अदालत का लाभ लेने के लिए लाभुक पहुंचे. नेशनल लोक अदालत में सुलहनीय सभी आपराधिक मामले, सिविल प्रकृति के मामले, बिजली, बैंक, माप तौल, चेक बाउंस, वन विभाग, उत्पाद विभाग, मोटर वाहन दुर्घटना दावा अधिनियम के तहत लंबित मामले और कुटुंब न्यायालय से संबंधित मामलों का निष्पादन पक्षकारों की आपसी सहमति के आधार पर किया गया. हरेक बेंच में एक न्यायिक पदाधिकारी, एक पैनल अधिवक्ता और संबंधित विभाग के कर्मचारी व पदाधिकारी के प्रतिनिधि मौजूद रहे.
इस राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 50 हजार 100 मामलों का निष्पादन किया गया. जिसमें कुल 47 करोड़ 64 लाख 35 हजार 493 रुपए की राशि पर सहमति बनी. इस नेशनल लोक अदालत में कुल 54 हजार 168 मामलों को सुलह समझौता के लिए रखा गया था. जिला विधिक सेवा प्राधिकार के बैनर तले आयोजित नेशनल लोक अदालत की अगुवाई प्रधान जिला जज रंजीत कुमार ने किया. इस मौके पर कुटुंब न्यायाधीश मार्तण्ड प्रताप मिश्रा, श्रम न्यायाधीश दिनेश राय, हजारीबाग बार संघ अध्यक्ष राजकुमार, सचिव सुमन कुमार सिंह, सभी न्यायिक पदाधिकारी, वकील, संबंधित विभाग के पदाधिकारी और पक्षकार मौजूद रहे.
हजारीबाग में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन (ETV Bharat) इस मौके पर प्रधान जिला जज रंजीत कुमार ने कहा कि मामलों के निष्पादन में लोक अदालत सबसे सुलभ माध्यम है. मामलों के लोक अदालत में निष्पादन के बाद कोई पक्षकार अपील में नहीं जा सकता है, इसलिए यह सबसे सटीक माध्यम है, इसे ज्यादा से ज्यादा अपनाने का प्रयास करें. कुटुंब न्यायाधीश ने भी लोक अदालत को सही प्रक्रिया बताते हुए इसे अपनाने की बात कही. वहीं बार संघ अध्यक्ष राजकुमार ने कहा कि किसी भी व्यक्ति को अपने जीवन काल में कोई मुकदमा अपने बच्चों के लिए छोड़कर नहीं जाना चाहिए. लोक अदालत मामलों के निष्पादन के लिए सबसे सरल माध्यम है.
इस कार्यक्रम का शुभारंभ झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा आनलाइन किया गया. प्रधान जिला जज रंजीत कुमार ने कुटुंब न्यायाधीश मार्तण्ड प्रताप मिश्रा, हजारीबाग बार संघ अध्यक्ष राजकुमार, सभी न्यायिक पदाधिकारियों, प्रशासनिक पदाधिकारियों और बार संघ सदस्यों की उपस्थिति में लोक अदालत की विधिवत घोषणा की.
इस दौरान बैंक रिकवरी के 353 मामले, सुलहनीय आपराधिक 375 मामले, बिजली के 372 मामले, भू-अर्जन के 800 मामले, श्रम विवाद से संबंधित 6 मामले, मोटर वाहन दुर्घटना दावा से संबंधित 16 मामले, वैवाहिक विवाद से संबंधित 23 मामले, सिविल प्रकृति के 63 मामले, पानी बिल व अन्य टैक्स से संबंधित 217 मामले, चेक बाउंस के 105 मामले, वित से संबंधित 1392 मामले और अन्य 46 हजार 378 मामलों का निपटारा पक्षकारों की आपसी सहमति से किया गया.
धनबाद में राष्ट्रीय लोक अदालत
नालसा के निर्देश पर वर्ष 2024 के अंतिम नेशनल लोक अदालत का उद्घाटन शनिवार को झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन जस्टिस एस एन प्रसाद ने ऑनलाइन रांची से किया. धनबाद के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह डालसा के चेयरमैन वीरेंद्र कुमार तिवारी ने इस मौके पर धनबाद मे आयोजित समारोह को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि नेशनल लोक अदालत अब परिचय का मोहताज नहीं रह गया है. वह लोगों के स्वाद व आदत में शामिल हो चुका है. नेशनल लोक अदालत संविधान के परिकल्पना को पूरी करने के दिशा में एक कदम है.
धनबाद में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन (ETV Bharat) वहीं डीडीसी धनबाद सादात अनवर ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत आम आदमी के हित के लिये लगाये जाते हैं. जिला प्रशासन हर वक्त समाज के लोगों की सेवा में डालसा के साथ कंधे से कंधे मिलाकर काम कर रहा है. धनबाद बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष धनेश्वर महतो ने कहा कि डालसा आम लोगों के हित में लगातार काम कर रहा है. सिटी एसपी अजीत कुमार ने कहा कि लोक अदालत के माध्यम से व्यापक पैमाने पर मुकदमों का निष्पादन किया जा रहा है. जिसमें समय की बचत के साथ-साथ वादकारियों को विभिन्न कानूनी पचड़ों से मुक्ति मिल रही है.
तीन लाख 7 हजार 227 विवादों का निपटारा
अवर न्यायाधीश सह सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार राकेश रोशन व मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आरती माला ने बताया कि विवादों एवं मुकदमों के निपटारे के लिए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आदेश पर 13 बेंच का गठन किया गया. जिनके द्वारा विभिन्न तरह के सुलहनीय विवादों का निपटारा किया गया. नेशनल लोक अदालत में कुल तीन लाख 7 हजार 227 विवादों का निपटारा कर रिकॉर्ड 12 अरब 44 करोड़ तीन लाख 22 हजार 704 रूपए की रिकवरी की गई. जिसमें 24 हजार 274 ऐसे मुकदमे थे जो विभिन्न अदालतों में लंबित थे. उन्होंने सभी वादकारी, न्यायिक पदाधिकारियों विभाग के अधिकारियों एवं बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं का सहयोग के लिए आभार प्रकट किया.
राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायिक पदाधिकारियों में प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय टी, हसन, एस एन मिश्रा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश दुर्गेश चंद्र अवस्थी,संजय कुमार सिंह, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, आरती माला ,अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव त्रिपाठी, सिविल जज एंजेलिना जॉन, अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी अभिजीत पांडे, रेलवे मजिस्ट्रेट मनोज कुमार, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ऋषि कुमार, हेमंत कुमार सिंह,संतोषणी मुर्मू ,स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष पीयूष कुमार, सर्टिफिकेट ऑफिसर रवींद्रनाथ ठाकुर, जिला उपभोक्ता फोरम की सदस्य शिप्रा डालसा के पैनल अधिवक्ता, लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के टीम, विभिन्न विभागों के पदाधिकारी उपस्थित रहे.
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