मुजफ्फरपुर:बिहार के मुजफ्फरपुर में इंजीनियर व हेडमास्टर हत्याकांड में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. पुलिस इनकाउंटर में जख्मी दोनों अपराधियों से पूछताछ की. इस पूछताछ में कई बातें सामने आयी जिससे पुलिस भी हैरान है. फिलहाल दोनों का पुलिस अभिरक्षा में एसकेएमसीएच में इलाज चल रहा है. जबकि, एक शातिर सूरज अब भी फरार है. गिरोह के अन्य अपराधियों को चिह्नित करने में पुलिस जुट गई है.
कैसे हुई इंजीनियर व हेडमास्टर हत्या: घटना को लेकर एसएसपी राकेश कुमार ने बताया कि 1 जून को काजी मोहम्मदपुर थाना के पावर हाउस चौक स्तिथ सर्किट हाउस के पास इंजीनियर मो. हारिस की लूट के दौरान हत्या कर दी गई थी. उसके पास से करीब 70 से 80 हजार रुपए और मोबाइल लूट ली गई थी. जिसके बाद चाकू गोंदकर हत्या भी कर दी गई.
3 जून को भी लूट के बाद हत्याः दूसरी घटना दो दिन बाद यानी 3 जून को अहियापुर में हुई. जहां अपराधियों ने हेडमास्टर गोपाल कुंवर की चाकू गोंदकर हत्या कर दी. उनके पास से करीब 11 सौ रुपये और मोबाइल लूट लिया. इस दोनों घटना को लेकर पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी.
सीसीटीवी से हुई पहचान: एसएसपी राकेश कुमार ने बताया कि पहली घटना को दो अपराधियो ने अंजाम दिया, इसमें विकाश और पंकज शामिल था. जबकि दूसरी घटना में इन दोनों के साथ तीसरा अपराधी भी मौजूद था जो अभी फरार है. उन्होंने बताया कि सीसीटीवी से दोनों अपराधी की पहचान हो चुकी थी. इसी दौरान सूचना मिली कि अहियापुर के बखरी में कुछ अपराधी पहुंचे हैं. इसमें पंकज और विकाश भी शामिल है. सिटी एसपी अवधेश सरोज दीक्षित के नेतृत्व में टीम का गठन हुआ. इसमें एएसपी टाउन, टाउन डीएसपी टू, डीआईयू, अहियापुर, काजी मोहम्मदपुर थाने की पुलिस टीम में शामिल थी.