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जोरों पर शीतकालीन चारधाम यात्रा, अब तक 14,406 श्रद्धालुओं ने किये दर्शन, एडवाइजरी पढ़ करें प्लानिंग - UTTARAKHAND WINTER CHARDHAM YATRA

नए साल पर यदि आप भी उत्तराखंड में चारधाम के दर्शन करने का प्लान बने रहे तो ये खबर जरूर पढ़ें.

Uttarakhand Winter Chardham Yatra
जोरों पर शीतकालीन चारधाम यात्रा (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 30, 2024, 9:45 PM IST

देहरादून:ग्रीष्मकालीन चारधाम यात्रा के बाद शीतकालीन चारधाम को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह दिख रहा है. यहीं कारण है कि शीतकालीन में अभी तक 14,406 श्रद्धालु चारधाम के दर्शन कर चुके है. हालांकि बारिश और बर्फबारी के कारण श्रद्धालुओं को थोड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, जिसको देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने शीतकालीन चारधाम यात्रा के संबंध में विस्तृत एडवाइजरी जारी की है.

आपदा प्रबंधन विभाग की तरफ से जारी की गई एडवाइजरी में बताया गया है कि उत्तराखंड शीतकालीन चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं को क्या करना है और क्या नहीं. ताकि उन्हें किसी भी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े. सरकार की तरफ से जो आंकड़ा जारी किया गया, उसमें मुताबिक अभीतक शीतकालीन चारधाम यात्रा के दौरान 14,406 श्रद्धालु धामों के दर्शन कर चुके हैं. वही पिछले 24 घंटे के भीतर 767 श्रद्धालु दर्शन कर चुके है. जिसमें पांडुकेश्वर में 357 श्रद्धालु, ओंकारेश्वर में 395 श्रद्धालु, मुखवा में 13 श्रद्धालु और खरसाली में 2 श्रद्धालु दर्शन कर चुके है.

उत्तराखंड में बीते दिनों काफी बर्फबारी हुई. (ETV Bharat)

जानें कितने श्रद्धालुओं ने अभीतक कहा किए दर्शन:राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार 4 नवंबर से यमुनोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली के लिए शीतकालीन यात्रा शुरू हो गई थी, जिसके बाद से अभी तक 606 श्रद्धालु खरसाली के दर्शन कर चुके है. चार नवंबर से ही गंगोत्री धाम के प्रवास स्थल मुखवा के लिए शीतकालीन यात्रा शुरू हो गई थी, जिसके बाद से अभी तक 3096 श्रद्धालु मुखवा के दर्शन कर चुके है.

इसी तरह 24 नवंबर से केदारनाथ धाम के प्रवास स्थल ओंकारेश्वर के लिए यात्रा शुरू हो गई थी, जिसके बाद से अभी तक 5964 श्रद्धालु ओंकारेश्वर के दर्शन कर चुके है. इसके साथ ही नौ दिसंबर से बदरीनाथ धाम के प्रवास स्थल पांडुकेश्वर के लिए यात्रा शुरू हो गई थी, जिसके बाद से अभी तक 4770 श्रद्धालु पांडुकेश्वर के दर्शन कर चुके है.

बर्फबारी के बाद उत्तराखंड ने नजारे (ETV Bharat)

हाई एल्टीट्यूड सिकनेस जैसी हो सकती है समस्या:उत्तराखंड में बदलते मौसम के बीच शीतकालीन यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए एडवाइजरी जारी कर दी है. आपदा विभाग ने स्वास्थ्य संबंधित सावधानियां को लेकर कहा कि शीतकालीन चारधाम यात्रा के दौरान ऊंचाई पर जाने से हाई एल्टीट्यूड सिकनेस जैसी समस्याएं हो सकती है. इसलिए यात्रा से पहले अपने स्वास्थ्य की जांच करवाना और डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है.

ठंडे मौसम में सर्दी जुकाम जैसी समस्याएं आम होती हैं. ऐसे में गर्म कपड़े, खांसी-जुकाम की दवाइयां और गर्म पानी की बोतल लेकर यात्रा करें. ठंड में लोग कम पानी पीते हैं, लेकिन शरीर को हाइड्रेट रखना बेहद जरूरी है. खासकर जब उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर यात्रा कर रहे हो. सीने में दर्द, सांस फूलना, चक्कर आना, भ्रम की स्थिति और उल्टी जैसी स्थिति बनने पर तत्काल डॉक्टर से परामर्श लें.

मौसम देखकर ही यात्रा पर निकले: एडवाइजरी जारी कर आपदा विभाग ने यात्रियों से मौसम की जानकारी के आधार पर यात्रा करने की बात कही है. क्योंकि बर्फबारी के कारण मार्गों में फिसलन हो सकती है और कई रास्ते अवरुद्ध हो सकते हैं. इसलिए यात्रा से पहले मौसम का पूर्वानुमान अवश्य लें.

बर्फबारी और भूस्खलन के कारण मार्गों पर रुकावटें हो सकती हैं. स्थानीय प्रशासन से मार्ग की स्थिति और मौसम की जानकारी प्राप्त करें. बर्फबारी या खराब मौसम के दौरान आपातकालीन स्थिति उत्पन्न हो सकती है. इसलिए यात्रा से पहले एक आपातकालीन संपर्क योजना तैयार करें. मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए यात्रा की योजना बनाएं और यदि मौसम अधिक खराब होने का अनुमान हो तो यात्रा को स्थगित करना बेहतर हो सकता है. यात्रा के दौरान मौसम में तेजी से बदलाव हो सकता है, इसलिए आपको मोबाइल पर मौसम अपडेट लेते रहना चाहिए.

उत्तराखंड के कुछ इलाकों में अच्छी खासी बर्फबारी हुई. (ETV Bharat)

रजिस्ट्रेशन जरूर कराए:एडवाइजरी में आपदा विभाग ने शीतकालीन चारधाम यात्रा के रजिस्ट्रेशन पर भी जोर दिया है. जारी एडवाइजरी के अनुसार शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिए अपना और अपने वाहन का पंजीकरण अनिवार्य है. इससे यात्रियों के ट्रैक पर निगरानी रखने और किसी भी आपातकालीन स्थिति में सहायता प्रदान करने में मदद मिलती है. यात्रा के दौरान सुरक्षा के सभी उपायों का पालन करें. यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचने के लिए स्थानीय प्रशासन द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों का पालन करें. ऊंचाई पर और ठंडे मौसम में शरीर को ऊर्जा की आवश्यकता अधिक होती है. हल्का, गर्म और पोषक भोजन लें. यात्रा के दौरान उचित विश्राम और आराम की व्यवस्था का ध्यान रखें. रुकने की व्यवस्था पूर्व में ही करा लेना बेहतर रहता है. थकान और ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी से शरीर को आराम देने की जरूरत होती है.

शीतकालीन चार धाम यात्रा के दौरान क्या करें?.......

  1. अपने स्वास्थ्य की जांच जरूर कराए।
  2. अपना पंजीकरण अवश्य कराएं।
  3. मौसम के पूर्वानुमानों को गंभीरता से लें
  4. एडवाइजरी का पालन करें
  5. अपनी आवश्यक दवाएं साथ लेकर चलें
  6. हल्का सामान लेकर चलें
  7. जहां रुकें, हल्का व्यायाम करें
  8. यात्रा मार्ग में ताजा पका हुआ हल्का भोजन करें
  9. यात्रा करते समय बीच-बीच में वाहन रोककर आराम करें

शीतकालीन चार धाम यात्रा के दौरान क्या ना करें?

  1. यात्रा के दौरान जंक फूड खाने से बचें
  2. अतिरिक्त सामान ले जाने से बचें
  3. मौसम संबंधी अलर्ट और अन्य एडवाइजरी को नजर अंदाज न करें
  4. मदिरा का सेवन तथा धूम्रपान न करें
  5. नशीले पदार्थों का सेवन न करें
  6. सामान को पॉलीथिन में न ले जाएं और यात्रा मार्ग में गंदगी न करें
  7. रात के समय यात्रा न करें
  8. शराब पीकर वाहन न चलाए
  9. खाली पेट यात्रा न करें

यात्रा के दौरान वाहन चलाते समय बरते सावधानियां

  1. अपने वाहन में स्नो चेन अवश्य रखें. बर्फबारी वाले क्षेत्रों में यह बर्फीली सड़कों पर वाहन को फिसलने से रोकती हैं. वाहन में रस्सी भी रखें.
  2. वाहन के टायरों की स्थित्ति और प्रेशर चेक करें. बर्फबारी वाले इलाकों के लिए रनो टायर या 'ऑल-सीजन टायर आदर्श होते हैं.
  3. वाहन में हीटर, वाइपर, और बैटरी की स्थिति चेक करें, ताकि किसी भी आपात स्थिति में आपका वाहन सुचारू रूप से कार्य करें.
  4. ईंधन की मात्रा का ध्यान रखें. ठंड के समय यात्रा करते समय ईंधन का खत्म होना एक बड़ा खतरा हो सकता है.
  5. वैध परमिट के साथ यात्रा करें और प्रतिबंधित क्षेत्रों में बिना अनुमति के यात्रा बिलकुल भी न करें. वाहन का रिजिस्ट्रेशन, इंश्योरेंस, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट तथा अपना ड्राइविंग लाइसेंस साथ लेकर चलें.
  6. बर्फबारी और फिसलन वाली सडकों पर धीरें' और 'सावधानी से' वाहन चलाएं। तेज गति से वाहन चलाने से वाहन पर नियंत्रण खोने का खतरा बढ जाता है.
  7. सड़कों पर बर्फ की परत होने के कारण अचानक ब्रेक लगाने से भी वाहन फिसल सकता है. इसलिए यह जरूरी है कि धीमे ब्रेक का प्रयोग करें और ब्रेक को धीरे-धीरे दबाए.
  8. यात्रा करने से पहले अपने वाहन के 'ब्रेक सिस्टम की स्थिति को ठीक से जांचें, खासकर बर्फीले इलाकों में यात्रा करते समय.
  9. यात्रा करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि आपके वाहन का हार्न, लाइट, फॉग लाइट, पार्किंग लाइट इत्यादि ठीक हैं.
  10. इन दिनों पाला और बर्फ के कारण सडकें खतरनाक हो सकती हैं, इसलिए आगे चल रहे वाहन से सुरक्षित दूरी बनाकर चलें.
  11. बर्फबारी के दौरान सडक पर बर्फ जमा होने के कारण मार्ग में अवरोध उत्पन्न हो सकते हैं। बर्फ हटने का इंतजार करें और जब कहा जाए तब ही आगे बढ़े.
  12. दृश्यता में कमी हो सकती है, खासकर घने कोहरे और बर्फ के कारण. गाडी की हेडलाइट्स, फॉग लाइट तथा पार्किंग लाइट चालू रखें.
  13. बर्फबारी के कारण लैंडस्लाइड और रॉक फॉल्स भी हो सकते हैं, इसलिए रास्ते के बारे में स्थानीय अधिकारियों से जानकारी प्राप्त करें और सतर्कता बरतते हुए वाहन चलाएं.

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