इंदौर:लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को बीजेपी द्वारा आतंकी बताए जाने के बाद विपक्ष आक्रोशित है. कांग्रेस के तमाम नेता लगातार बीजेपी का विरोध जता रहे हैं. इसी क्रम में पूर्व सीएम व राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. दिग्विजय सिंह ने इसे सीधे तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी लीडरशिप को जिम्मेदार ठहराया है. इंदौर में मीडिया से चर्चा के दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा वन नेशन वन इलेक्शन भी मोदी का शिगूफा है, जो देश के संघीय लोकतंत्र में व्यावहारिक नहीं है.
वन नेशन वन इलेक्शन पर बोले दिग्विजय
दिग्विजय सिंहनिजी दौरे पर इंदौर पहुंचे थे. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कई मुद्दों पर अपना बयान दिया. देश में चल रहे वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि 'भारत में जो शेड्यूल स्ट्रक्चर है, उसमें राज्यों के अधिकार केंद्र के अधिकार अलग हैं. सबकी अपनी विधानसभा और लोकसभा है. सबका 5 साल का कार्यकाल है. अब यदि ऐसे में 1998 में एक बार चुनाव हो गए फिर 1999 में मिड टर्म लोकसभा हो गया, मतलब 98 में सरकार भंग करो फिर 99 में सरकार भंग करो फिर चुनाव करवाओ क्या यह संभव है?
वन नेशन वन इलेक्शन शिगूफा
दिग्विजय सिंह ने कहा कि इसका मतलब यह हुआ कि चाहे सरकार के पास बहुमत हो या न हो, सरकार बनी रहेगी. यह लोकतंत्र और पार्लियामेंट्री डेमोक्रेसी का अंतर विरोध है. उन्होंने कहा देश में अलग-अलग भाषा जातियां और संस्कृति है. ऐसे में देश के संघीय ढांचे से ही सरकार चल सकती है. उन्होंने कहा मोदी सरकार को वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव पर दो तिहाई बहुमत मिलने वाला नहीं है, लेकिन यदि यह बिल पास भी हो गया, तो ऐसी सरकार जो अभी चुनकर आई है जिसका 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं हुआ है, उसे भंग करने में क्या मतदाता या सरकार के साथ अन्याय नहीं होगा. इसलिए यह अव्यवहारिक शिगूफा है.'
दिग्विजय सिंह ने कहा दरअसल मोदी सरकार हर स्तर पर असफल साबित हो रही है. देश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक समरसता बिगड़ रही है. पीएम मोदी की लीडरशिप पर अब प्रश्न चिन्ह लगने लगे हैं. खुद भाजपा में भी अंतर्कलह उभर रही है. ऐसे में यह वन नेशन वन इलेक्शन का शिगूफा छोड़ा गया है, जिससे कि वापस घबराकर लोग मोदी-मोदी करने लगे, यही उनकी प्लानिंग है.