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'Digital Arrest' साइबर अपराधियों का नया हथियार, इसका शिकार होने पर बरतें ये सावधानियां - What is digital arrest

Digital Arrest: दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों से ऐसी खबरें आईं कि लोग डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गए और लुट गए. ऐसे लोगों के दिमाग में यह सवाल आता है कि डिजिटल अरेस्ट क्या है जिसमें लोग अपने पैसे गंवा बैठते हैं. गौतमबुद्धनगर साइबर क्राइम थाना प्रभारी ने इसके बारे में लोगों को जागरूक किया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 8, 2024, 2:02 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा:इंटरनेट की दुनिया में अपराधी अपराध करने के नए-नए तरीके ढूंढते रहते हैं. इनमें से एक नया तरीका है ‘डिजिटल अरेस्ट’. गौतमबुद्धनगर साइबर क्राइम थाना प्रभारी विजय कुमार का कहना है कि, 'इसमें जालसाज खुद को पुलिस वाले, सीबीआई ऑफिसर या फिर कस्टम अफसर बताकर लोगों को डराते हैं और उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने के लिए कहते हैं. इसके बाद वे उनके बैंक खातों को लूट लेते हैं. हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं.

ऐसे देते हैं वारदात को अंजाम

डिजिटल अरेस्ट में साइबर ठग पीड़ित को फोन कर बताते हैं कि उनके नाम से कोई शिकायत दर्ज हुई है. झूठे मामले को लेकर पीड़ित को पहले काफी डराया जाता है, जिससे वह घबरा जाता है. इसके बाद उन्हें घर से बाहर निकलने के लिए मना कर दिया जाता है. संदिग्ध पीड़ित को उक्त मामलो में एफआईआर पंजीकृत होना व सक्षम न्यायालय से NBW जारी किये जाने का डर दिखाता है. संदिग्ध अपनी विभागीय फर्जी आईडी दिखाते है, जिससे पीड़ित डर कर विश्वास में आ जाता है और संदिग्ध की बात सच मान लेता है.

इसके बाद संदिग्ध पीड़ित को skype या WhatsApp विडियो कॉल के माध्यम से निगरानी मे रखते है. किसी भी परिवारिक सदस्य से मिलने अथवा बात करने की अनुमति नहीं देते. इस दौरान पीड़ित के मोबाइल पर आने वाले कॉल के विषय में जानकारी प्राप्त कर उससे बाद में बात करने हेतु निर्देशित करते है, ताकि ये अपनी योजना में सफल हो पाये. संदिग्ध निगरानी के दौरान पीड़ित से बातचीत करते समय उसके खाते की डिटेल जान लेते है, व कानूनी कार्रवाई का डर दिखाकर उसकी धनराशि को कुछ समयावधि के लिए कहकर अपने बताये खाते मे ट्रान्सफर कराते है.

विजय कुमार ने बताया कि विगत कुछ माह में ऐसी लगभग 10 घटनाए प्रकाश में आई है, जिसके सम्बंध मे FIR पंजीकृत कर विवेचना की जा रही है. प्रकाश में आये बैंक खाताधारक, पंजीकृत मोबाइल नम्बर, कॉलिग मोबाइल नम्बर की जांच में पाया गया कि यह कृत्य राजस्थान के जयपुर, भीलवाडा व बीकानेर के सक्रिय साइबर अपराधी कर रहे है, जिसके सम्बंध मे ACP साइबर क्राइम व प्रभारी निरीक्षक साइबर थाना के नेतृत्व मे एक टीम द्वारा राजस्थान में जाकर इनके सम्भावित ठिकानो से कुछ अहम सुराग प्राप्त कर विवेचना में समाहित किया गया है. इस गिरोह का पर्दाफास शीघ्रातीशीग्र किया जाएगा.

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Digital Arrest के सम्बन्ध में बरती जाने वाली सावधानियां

  • किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा पुलिस की वर्दी पहन कर किये जा रहे विडियो कॉल पर यकीन करने ना करें
  • कभी भी गूगल पर मोबाइल नंबर डालकर सर्च ना करें, साइबर क्रिमिनल द्वारा कई हेल्पलाइन नम्बर गूगल पर अपलोड किये गये है.
  • अगर आपके द्वारा कोई पार्सल नहीं भेजा गया है अथवा बताया जा रहा है कि पार्सल में आपका आधार कार्ड मिला है उसपर यकीन ना करें.
  • अगर किसी विधिक कानूनी कार्यवाही की धमकी दी जा रही हो तो घबराये नहीं तत्काल इस बात की सूचना निकटवर्ती थाने में दें.
  • किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा कॉल कर आपके खिलाफ NBW अथवा वारण्ट जारी होने की बात कही जा रही हो सावधान हो जाए.
  • यदि विडियो कॉल द्वारा आपके खाते में हवाला अथवा मनी लॉन्ड्रिंग से सम्बन्धित धनराशि आने की बात कही जाये तो यकीन न करें.
  • किसी भी सरकारी संस्था द्वारा What’s app call या video call द्वारा वर्दी धारण कर आमजन को धमकाया नहीं जाता.
  • अगर विडियो कॉल द्वारा आपके खाते की Clearance certificate की बीत की जाती है तो यह निश्चित फ्रॉड है.
  • कभी भी फोन पर कोई लिंक भेज कर कोई app Install करने की बात कही जा रही है तो ऐसे लिंक पर click ना करें
  • किसी भी अज्ञात व्यक्ति द्वारा विडियो कॉल कर आपको डराया या धमकाया जाता है तो डायल 112 पर कॉल कर मदद ले सकते है

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