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लातेहार में नवजात बच्चों के लिंगानुपात का भयावह ग्राफ, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट - sex ratio of newborn children

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 21, 2024, 6:46 PM IST

SEX RATIO in Latehar. लातेहार जिले में अप्रैल 2024 से लेकर जुलाई 2024 तक स्वास्थ्य विभाग के द्वारा नवजात बच्चों के लिंगानुपात रिकॉर्ड जारी किए गए हैं, जो काफी चिंताजनक है. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस पूरे मामले में मॉनिटरिंग की जा रही है.

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कॉन्सेप्ट इमेज (ETV BHARAT)

लातेहार: बेटियों को बचाने और उन्हें सुरक्षित करने के लिए सरकार के द्वारा कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है. लेकिन लातेहार जिले में पिछले एक वर्षों में नवजात बच्चों के लिंगानुपात ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. नवजात बच्चों का लिंगानुपात ग्राफ काफी भयावह है, जो आने वाले भविष्य के लिए यह चिंता का विषय बन गया है. जिले में एक वर्ष के अंतराल में बच्चों का लिंगानुपात 921 दर्ज किया गया है.

दरअसल, लातेहार जिले में अप्रैल 2024 से लेकर जुलाई 2024 तक स्वास्थ्य विभाग के द्वारा बच्चों के जन्म से संबंधित लिंगानुपात रिकॉर्ड किए गए हैं, जो काफी चिंताजनक हैं. पिछले 15 महीनों में लातेहार जिले में 1000 बालक शिशु की अपेक्षा मात्र 921 बालिका शिशु का जन्म हुआ है. जबकि लातेहार जिले में सामान्य लिंगानुपात वर्तमान समय में 964 है. यदि पूरे राज्य की बात करें तो झारखंड राज्य में 0 से 6 वर्ष के बच्चों का लिंगानुपात 938 दर्ज किया गया है. अर्थात लातेहार जिले में राज्य के औसत लिंगानुपात से भी खराब स्थिति है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

लातेहार जिले में बाल संरक्षण के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि नवजात बच्चों के लिंगानुपात में गिरावट आने वाले भविष्य के लिए चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि इस विषय पर अभी से ही सचेत नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में स्थिति विकराल हो सकती है. समाज में अभी भी कई लोग ऐसे हैं जो बेटा और बेटी में फर्क महसूस करते हैं. जबकि सच्चाई यह है कि वर्तमान समय में बेटियां किसी भी क्षेत्र में बेटों से कम नहीं है. सरकार को इस विषय पर जागरूकता के लिए विशेष कार्यक्रम चलाने की जरूरत है. इसके अलावा भ्रूण हत्या के खिलाफ व्यापक छापेमारी अभियान चलाकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है.

स्वास्थ्य विभाग कर रही है मॉनिटरिंग

लातेहार सिविल सर्जन डॉक्टर अवधेश सिंह ने बताया कि इस मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह गंभीर है और पूरे मामले की मॉनिटरिंग की जा रही है. उन्होंने बताया कि हाल में ही इस मामले को लेकर उपायुक्त की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक भी हुई है, जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. सिविल सर्जन ने बताया कि लातेहार जिले में संचालित सभी अल्ट्रासाउंड के संचालकों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. यदि कोई भी संचालक अनैतिक कार्य करते हुए पकड़ा गया तो उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सहिया और अन्य माध्यमों से अब सभी गर्भवती महिलाओं की भी मॉनिटरिंग की जा रही है ताकि गर्भवती महिलाओं का संस्थागत सुरक्षित प्रसव हो सके. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के द्वारा इस संबंध में लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है.

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