हैदराबादः दिवाली के ठीक बाद पड़ने वाले एकादशी को देवउत्थान एकादशी कहते हैं. पवित्र धर्म ग्रंथ वेद-पुराणों के अनुसार एकदशी को देव जग जाते हैं. इस दिन से चतुर्मास समाप्त हो जाता है और सभी प्रकार शुभ कार्य जैसे मुंडन संस्कार, शादी-विवाह, गृह-प्रवेश सहित अन्य कार्य प्रारंभ हो जाते हैं. इस साल 12 नवंबर दिन मंगलवार को देवउठनी एकादशी पड़ेगा. इसे देव प्रबोधनी एकादशी और देवउठनी एकादशी भी कहा जाता है.
देवउठनी एकादशी का महत्वः धार्मिक मान्यता के अनुसार देवशयनी एकादशी तिथि से भगवान विष्णु स्थाई विश्राम स्थल क्षीर सागर में आराम (विश्राम) करने के लिए चले जाते हैं. लगभग 4 माह आराम के बाद भगवान विष्णु कार्तिक माह में पड़ने वाले देवउत्थान एकादशी तिथि को जगते हैं और जगत के कार्य को देखते हैं. देवशयनी एकादशी से देवउत्थान एकादशी तक सभी शुभ कार्य वर्जित रहता है. मान्यता है कि इस दौरान कोई भी शुभ कार्य करने से भगवान विष्णु नाराज हो जाते हैं और अनहोनी की आशंका होती है.
इस साल 17 जुलाई 2024 (आषाढ़ माह) को देवशयनी एकादशी था. वहीं देवउत्थान एकादशी 12 नवंबर को है. देवउत्थान एकादशी तिथि के बाद सभी शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं. इसलिए हिंदू धर्म में काफी महत्व पूर्ण है. देवउत्थान एकादशी एकादशी के बाद शादी-विवाह जैसे रुके हुए सभी कार्य प्रारंभ हो जाते हैं. शादी-विवाह की खरीदारी के कारण बाजार में भी रौनक आने लगती है.
कब है देवउठनी एकादशी
द्रिक पंचांग के अनुसार कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 11 नवंबर 2024 को शाम 6 बजकर 46 मिनट से प्रारंभ हो रहा है. वहीं एकादशी तिथि का समापन 12 नवंबर 2024 को 4 बजकर 04 मिनट पर हो जायेगा. इस कारण उदया तिथि के हिसाब से 12 नवंबर को एकादशी तिथि मानी जायेगी.