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ब्रजवासी मेरे प्राण; धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने बयान पर दी सफाई, कहा- मेरी बातों को गलत तरीके से किया गया पेश - DHIRENDRA SHASTRI CLARIFICATION

प्रेमानंद महाराज के पदयात्रा का विरोध कर रहे लोगों पर बाबा बागेश्वर ने कहा था कि ऐसे लोगों को वृंदावन छोड़कर चले जाना चाहिए

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बाबा बागेश्वर ने अपने बयान पर दी सफाई (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 15, 2025, 6:18 PM IST

मथुरा:बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने वृंदावन वासियों को लेकर दिए अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि, हमने इस तरह की कोई बात नहीं कही है. हमारी बातों को अनर्गल प्रस्तुत करके किसी भी प्रकार का ऐसा कुभाव मन में ना लावे. यही बृजवासियों को हाथ जोड़कर के दंडवत करते हुए प्रार्थना कर रहे हैं. दरअसल वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज की रात्रि पदयात्रा का एनआरआई ग्रीन कॉलोनी के रहवासियों द्वारा विरोध किए जाने पर धीरेंद्र शास्त्री ने तल्ख बयान देते हुए कहा था कि, साधु के भजन पर रोक लगाने वाले इंसान तो हो ही नहीं सकते ऐसे लोगों को वृंदावन छोड़कर कहीं और चले जाना चाहिए. जिसका ब्रजवासियों ने विरोध जताया था.

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सफाई देते हुए एक वीडियो जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा कि, 'हमको ये बात इस वीडियो के माध्यम से स्पष्ट करनी है कि अभी जो मुझे जानकारी मिली की ब्रज की एक विभूति के रूप में पूज्य श्री प्रेमानंद बाबा जी की पदयात्रा पर जो केली कुंज वाली यात्रा थी. उस पर कुछ लोग जो बाहर से आकर के बृजवासी बन गए वहां बस गए उन्होंने उसका विरोध किया, इससे हम सबके मन में दुख पहुंचा'.

अपने बयान पर सफाई देते धीरेन्द्र शास्त्री (Video Credit; ETV Bharat)

बाबा बागेश्वर ने कहा कि सनातन के लिए ब्रज की परंपरा के लिए निश्चित रूप से ये गलत था, इस बात को लेकर के हमने पत्रकार वार्ता में अपनी बात रखी थी कि, जिनको भी राधे-राधे कहने से ब्रज के भक्ति भाव माहौल से दिक्कत है, उन बाहरी लोगों को उन लोगों को बाहर चले जाना चाहिए वह दिल्ली या मुंबई में बस जाएं, उन्हें ब्रज में नहीं रहना चाहिए. लेकिन मुझे अभी बताया गया कि कुछ ब्रजवासियों ने इस बात को अपने ऊपर ले लिया जो कि हमने इस तरह की कोई बात नहीं कही है, और उस बात को दूसरे तरीके से भाव में रख लिया, हम संपूर्ण बृजवासियों को यही कहेंगे आप सब हमारे प्राण हैं और श्री ठाकुर जी के प्राण धन है, हमारी वाणी तो दूर की बात है विचार मैं भी बृजवासियों के प्रति को कुभाव प्रकट नहीं हो सकता.

धीरेंद्र शास्त्री ने सफाई में कहा कि सदैव हम एक ही बात बोलते हैं की ब्रज का कोई भी एक व्यक्ति स्वीकार कर लेवे, पूजा मलूक पीठ वाले महाराज जी की वाणी थी कि कोई भी एक बृजवासी स्वीकार कर ले तो समझो ठाकुर जी ने स्वीकार कर लिया है, तो हमारी बातों को अनर्गल प्रस्तुत करके किसी भी प्रकार का ऐसा कुभाव मन में ना लावे यही बृजवासियों को हाथ जोड़कर के दंडवत करते हुए प्रार्थना कर रहे हैं.

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